दिल्ली स्टैबिंग मामले में नाबालिग आरोपी मुस्लिम नहीं: दिल्ली पुलिस
बूम को एफ.आई.आर की एक प्रति मिली जो इस बात की पुष्टि करती है कि तीनों आरोपी मुसलमान नहीं हैं
चाकु मारने या स्टैबिंग का एक हृदयविदारक वीडियो वायरल है जिसमें तीन लड़के एक व्यक्ति को चाकू मार रहे हैं । इस वीडियो को फ़र्ज़ी साम्प्रदायिक दावों के साथ वायरल किया जा रहा है की आरोपी मुसलमान हैं ।
बूम ने एफआईआर की प्रति प्राप्त की और दिल्ली पुलिस से इस बात की पुष्टि की कि आरोपी मुसलमान नहीं थे ।
यह वीडियो हिंदी में इस दावे के साथ वायरल है 'दिल्ली के मादीपुर में तीन नाबालिगों जिहादियों ने एक लड़के की मामूली सी बात पर बीच सड़क चाकुओं से गोद कर हत्या कर दी। हम सब जातिवादिता में मर रहे हैं वहाँ इन शांतिदूतों को अच्छी ट्रेंनिग मिलती है' |
पेट्रोल पंप पर तोडफ़ोड़ का दो साल पुराना वीडियो फिर वायरल
यह वीडियो जुलाई 8, 2020 के एक मामले का है जब पश्चिम दिल्ली के रघुबीर नगर निवासी मनीष कुमार को तीन युवकों ने कथित तौर पर इस बात के लिए चाकू से गोदकर मार डाला क्योंकि वह उन्हें तेज़ बाइक चलाने और स्टंट करने से रोकता था ।
बूम तीनो पकड़े गए पर आरोपियों के नाम जुवेनाइल जस्टिस एक्ट के तहत लेख में नहीं लिख रहा है ।
यह वीडियो फ़ेसबुक पर भी इन्हीं दावों के साथ वायरल है ।
पोस्ट यहाँ देखें और इसका अर्काइव्ड वर्शन यहाँ देखें । ट्विटर पर भी यह क्लेम वायरल हैं ।
फ़ैक्ट चेक
बूम ने एफआईआर प्रति प्राप्त की और इस बात की पुष्टि की है कि आरोपियों में से कोई भी मुसलमान नहीं है । इस बात पुष्टि दिल्ली पुलिस के अतिरिक्त प्रवक्ता अनिल मित्तल ने भी की है ।
"वह नाबालिग हैं इसलिए हम नाम नहीं बता सकते पर आरोपी मुसलमान नहीं हैं," मित्तल ने बूम को बताया ।
एफआईआर कॉपी के मुताबिक पीड़ित (अब मृत) मनीष कुमार जो पेशे से एक ड्राइवर था, रघुवीर नगर में एक दुकान पर खड़ा था जब आरोपियों में से एक उससे बहस करने लगा । नीचे दी गयी एफआईआर में इस मामले की पूरी जानकारी है ।
न्यूज़ रिपोर्ट्स के मुताबिक मनीष कुमार को करीब 28 बार चाकू से गोदा गया था । यह भयानक अपराध सीसीटीवी में कैद हुआ था । बूम ने पाया की आरोपी नाबालिग हैं और 17 साल के हैं ।