2015 की तस्वीर को केरला में गर्भवती हथिनी का अंतिम संस्कार बता कर किया शेयर
बूम ने पाया की यह तस्वीर गौरी नामक हथिनी की है जो सिरिगेरे, कर्नाटका में स्तिथ तरलाबालु जगदगुरु मठ से है
कर्नाटका से करीब 5 साल पुरानी तस्वीर, जिसमें एक हथिनी के दफ़न समारोह को देखा जा सकता है, को हाल में सुर्ख़ियों में आई केरला के पलक्कड़ ज़िले में हुई गर्भवती हथिनी की दुखद मृत्यु के अंतिम संस्कार का बताकर शेयर किया जा रहा है |
वायरल तस्वीर में तीन साधुओं को केसरी वस्त्रों में एक बड़े गड्ढे में रखे हथनी के शरीर पर धार्मिक अनुष्ठान करते हुए देखा जा सकता है | इसे देखने के लिए गड्ढे के ऊपर कई लोगों को घेरे में खड़े देखा जा सकता है | हथिनी के बाएं पैर पर कन्नड़ में ' तरलाबालु ' लिखा देखा जा सकता है |
इस साल हुई एक दुखद घटना में एक गर्भवती हथिनी केरला के पलक्कड़ ज़िले में बुरी तरह घायल हो गयी जब उसने गलती से विस्फोटकों से भरे एक नारियल को खा लिया | यह फल जंगली सूअरों के फंदे के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा था जिससे वे स्थानीय केले और अनानास के बागानों से दूर रहे | हथिनी नदी में कई घंटों तक दर्द को कम करने के लिए खड़ी रही । इसके कारण अंत में फेफड़ों की विफलता और कुपोषण के चलते मई 27, 2020 को उसने दम तोड़ दिया |
गर्भवती हथिनी के मरने से सोशल मीडिया पर लोगों का गुस्सा फूट पड़ा और घटना से जुड़ी झूठी खबरों का सैलाब आ गया |
वायरल पोस्ट के साथ लिखा कैप्शन कहता है : Rest in Peace. गर्भवती हथनी की अंतिम विदाई की तस्वीर.. श्रधांजलि. #Kerela
इस वायरल पोस्ट नीचे देखिये और आर्काइव्ड वर्जन यहाँ देखें |
यही तस्वीर हमें कई ट्विटर अकाउंट्स से मिलते-जुलते कैप्शंस से ट्वीट की हुई मिली |
*गर्भवती हथनी की अंतिम विदाई की तस्वीर..* *श्रधांजलि..* 🙏😢 pic.twitter.com/ySyQDXeNh3
— सिर्फ हिन्दू राष्ट्र देश के लिए मोदी और योगी 🚩🚩 (@Yoshi88001) June 11, 2020
फ़ैक्ट चेक
इस तस्वीर के रिवर्स इमेज सर्च से हमें कोई रिजल्ट नहीं मिला | हथिनी के बाएं पैर पर कन्नड़ में लिखे तरलाबालु शब्द से क्लू लेते हुए बूम ने फ़ेसबुक पर इस शब्द को कीवर्ड सर्च किया | हमें तरलाबालु जगद्गुरु बृहनमठ नामक फ़ेसबुक पेज पर नवंबर 12, 2015 को शेयर की गयी पोस्ट में यही तस्वीर मिली |
हथनी की इस तस्वीर को कन्नड़ में लिखे कैप्शन के साथ शेयर किया गया जी अनुवाद करने पर इस तरह है : तरलाबालु मुट्ठ की हथिनी गौरी अब नहीं रही | इस कैप्शन से यह संकेत मिलता है की हथनी का नाम गौरी था |
(कन्नड़ में लिखा कैप्शन : Taralabalu matada Anne Gowri innila)
बूम ने पाया की तरलाबालु जगद्गुरु बृहनमठ कर्नाटका के चित्रदुर्गा ज़िले के सिरिगेरे इलाके में स्तिथ संस्था (मठ) है |
तरलाबालु इंफोटेनमेंट से जून 9, 2017 को की गयी एक दूसरी पोस्ट में इसी तस्वीर को कन्नड़ में लिखे एक लंबे कैप्शन के साथ शेयर किया गया है |
इस पोस्ट में भी हथिनी को गौरी कह तरलाबालु जगद्गुरु बृहनमठ, सिरिगेरे से बताया गया है |
बावजूद इसके हमने " तरलाबालु की हथिनी गौरी अब नहीं रही " का कन्नड़ भाषा में लिख कीवर्ड सर्च भी किया जिससे हमें नवंबर 13, 2015 को कन्नड़ वेबसाइट वन इंडिया पर प्रकाशित लेख मिला | इस रिपोर्ट में सूचना दी गयी की गौरी, नामक हथनी जो श्री तरलाबालु जगद्गुरु मठ में थी वह एक महीने पहले चल बसी है |
बूम ने तस्वीर में दिख रहे साधुओं को न्यूज़ रिपोर्ट्स और फ़ेसबुक पेज़ पर हथिनी के अंतिम संस्कार की तस्वीरों से तुलना की और दोनों में साधुओं को मेल खाते पाया |
हमने मठ के लोगों से संपर्क करने की कोशिश की उनका जवाब आते ही इस लेख को अपडेट किया जाएगा |