क्या बाबरी मस्जिद-राम जन्म भूमि मामले के फैसले से पहले सरकार कॉल रिकॉर्ड कर रही है?
बूम ने अयोध्या में पुलिस अधीक्षक (सुरक्षा) से बात की जिन्होंने वायरल मैसेज का खंडन करते हुए कहा कि किसी कि ऐसी निगरानी हमारे पावर में नहीं है
![Ayodhya-Fake Call recording](https://hindi.boomlive.in/wp-content/uploads/sites/2/2019/11/viralmsg01-1.jpg)
सोशल मीडिया पर एक झूठी ख़बर तेजी से फैलाई जा रही है । संदेश में दावा किया जा रहा है कि, राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामले में जल्द ही फैसला आने वाला और इसलिए व्हाट्सएप्प और सोशल मीडिया की कड़ी निगरानी में होगा । जिसके चलते ‘नए संचार’ दिशानिर्देशों को लागू किया जाएगा । ये दावे झूठे हैं ।
संदेश में दावा किया जा रहा है कि सरकार फोन कॉल रिकॉर्ड कर रही है और 'उपकरण' मंत्रालय के 'सिस्टम' से जोड़े जाएंगे । इस दावे को अयोध्या पुलिस ने भी ट्विटर पर ख़ारिज किया था ।
बूम को अपने व्हाट्सएप्प हेल्पलाइन (7700906111) पर यह संदेश प्राप्त हुआ जिसमें इस सन्देश कि सच्चाई पूछी गयी है |
![Viral fake message on WhatsApp on recording of calls ahead Ayodhya verdict](https://hindi.boomlive.in/wp-content/uploads/sites/2/2019/11/04-600x333.png)
यह संदेश फेसबुक और ट्वीटर पर भी वायरल है ।
![Viral on Facebook](https://hindi.boomlive.in/wp-content/uploads/sites/2/2019/11/02.png)
अयोध्या फेसला कल से नये communication के नये नियम लागू होने वाले हैं :-
- सभी कॉल की recording होगी।
- सभी call recording saved होंगे
- Whatsapp, Facebook, Twitter और सभी Social media सभी monitored होंगे
- जो ये नहीं जानते उन सभी को सूचित कर दीजिये।
- आपकी Devices को मन्त्रालय systems से जोड़ दिया जायेगा।
- ध्यान दीजिये कोई भी गलत message किसी को भी मत भेजिये
- अपने बच्चों, भाइयों, रिश्तेदारों, दोस्तों,परिचितों आदि सभी को सूचित कर दें कि इन सबका ध्यान रखें और social sites को संयम से चलायें।
- कोई आपत्तिजनक post या video..आदि जो आप recieve करते हैं राजनीति या वर्तमान स्थिति पर सरकार या प्रधानमंत्री के खिलाफ, उसे Send नहीं करें।
- इस समय किसी राजनीतिक या धार्मिक मुद्दे पर कोई आपत्तिजनक मैसेज लिखना या भेजना अपराध है …..ऐसा करने पर बिना वारंट के गिरफ़्तारी हो सकती है |
- पुलिस एक नोटिफ़िकेशन निकालेगी ….फ़िर Cyber अपराध… फ़िर action लिया जायेगा ।
- यह बहुत ही गम्भीर है।
आप सभी group members, admins ,…इस विषय पर गहराई से सोचिये - कोई गलत Message मत भेजिये। सभी को सूचित करें तथा इस विषय पर ध्यान रखें।
- Please इसे share कीजिये…
Groups ज्यादा सतर्क व सावधान रहें। (Sic)
फ़ैक्ट चेक
अयोध्या के जिला मजिस्ट्रेट ने ऑनलाइन भड़काऊ संदेश पोस्ट करने के ख़िलाफ निर्देश जारी किए हैं | यह निर्देश उन पोस्टों के ख़िलाफ हैं जो सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ सकता है । निर्देश 28 दिसंबर, 2019 तक लागू रहेगा । हालांकि इन निर्देशों में केंद्र सरकार के शामिल होने या फ़ोन कॉल को रिकॉर्ड करने या मंत्रालय के सिस्टमों से जोड़ने जैसे कोई निर्देश नहीं हैं |
सार्वजनिक समारोहों, आयोजनों और बहसों सहित निर्देशों के बारे में और सोशल मीडिया से लेकर लोगों के एक जगह इकठ्ठा होने तक अयोध्या के जिला मजिस्ट्रेट अनुज कुमार झा द्वारा जारी दिशानिर्देश नीचे देखें | बूम ने इन निर्देशों को झा द्वारा प्राप्त किया है |
![Screenshot of document](https://hindi.boomlive.in/wp-content/uploads/sites/2/2019/11/imageedit_2_2493633611.jpg)
बूम द्वारा प्राप्त किये गए संपूर्ण दस्तावेज देखने के लिए यहां क्लिक करें ।
बूम ने अयोध्या के पुलिस अधीक्षक सुरक्षा, त्रिभुवन त्रिपाठी से भी संपर्क किया, जिन्होंने व्हाट्सएप्प संदेश को फ़र्ज़ी बताया और कहा कि राज्य या केंद्र से ऐसी कोई सूचना नहीं मिली है ।
त्रिपाठी ने कहा कि अगर किसी ने आईटी अधिनियम की संबंधित धाराओं का उल्लंघन किया तो पुलिस उनके ख़िलाफ कार्रवाई करेगी, लेकिन फोन कॉल, संदेश या डिवाइस पर कोई निगरानी नहीं की जा रही है ।
कॉल रिकॉर्ड करना न तो मेरे पावर के अंतर्गत है और न ही हम ऐसा कर रहे हैं । इसके अलावा, कोई मंत्रालय शामिल होने जैसी कोई बात नहीं है - त्रिभुवन त्रिपाठी, एसपी सुरक्षा, अयोध्या।
राम जन्मभूमि विवाद में मुख्य रूप से निर्मोही अखाड़ा, राम लल्ला विराजमान जो हिंदू महासभा द्वारा पेश किया गया है और सुन्नी वक्फ बोर्ड द्वारा प्रतिनिधित्व किया गया है | इसका फैसला कुछ दिनों में घोषित होने की उम्मीद है । जबकि इस भूमि पर हिंदू और मुस्लिम समुदायों के बीच विवाद दशकों से चला आ रहा है, इस विवाद ने तब और बुरा मोड़ ले लिया जब 6 दिसंबर 1992 को कई हिंदू चरमपंथियों ने बाबरी मस्जिद को ध्वस्त कर दिया । अधिकारियों और कानून प्रवर्तन एजेंसियों को डर है कि फैसले से दोनों समुदायों के बीच विवाद हो सकता है । फैसले की उम्मीद 17 नवंबर तक की जा सकती है । यह वह तारीख है जिस दिन सीजेआई रंजन गोगोई रिटायर होंगे । उनके कार्यकाल समाप्त होने से पहले फैसले की उम्मीद है ।