कोविड-19 महामारी: भारत में मामले तीस लाख के पार
जबकि नोवेल कोरोनावायरस मृत्यु दर में सुधार हुआ है, इंफेक्टिविटी अब भी 8.62 प्रतिशत है
भारत में 30 जनवरी को पहला नोवेल कोरोनावायरस संक्रमण का मामले सामने आने के बाद सात महीनों में, स्वास्थ मंत्रालय के मुताबिक़, मामले 30 लाख पार हो गए हैं | पिछले चौबीस घंटों में भारत ने 69,239 संक्रमण के नए मामले देखे हैं वहीं पिछले एक हफ़्ते में करीब चार लाख नए मामले सामने आये हैं | जिससे आधिकारिक संक्रमण की संख्या 30,44,940 हो गयी है |
मंत्रालय की आधिकारिक वेबसाइट के मुताबिक़ 23 अगस्त 2020 को 7,07,668 एक्टिव मामले हैं वहीँ 22,80,566 डिस्चार्ज हो चुके हैं और 56,706 मौतें रजिस्टर हुई हैं |
गौर करने वाली बात यह है कि पहले दस लाख मामले 162 दिनों में आये थे, उसके बाद दूसरे दस लाख मामले केवल 22 दिनों में रजिस्टर हुए एवं पिछले 16 दिनों में ही आंकड़े तीस लाख के पार हो गए हैं |
मुख्य बातें
- पिछले 16 दिन में नए 10 लाख मामले
- नोवेल कोरोनावायरस संक्रमण मामले 30 लाख पार
- भारत का पॉजिटिविटी दर 8.62 प्रतिशत
- तीन वैक्सीन ट्रायल्स के अलग अलग चरणों में हैं
अब तक भारत ने करीब साढ़े तीन करोड़ कोरोनावायरस टेस्ट किये हैं | बीते शुक्रवार को एक दिन में दस लाख नए टेस्ट किये गए थे | शुक्रवार से पहले पांच दिनों तक भारत में औसतन 8,89,935 टेस्ट किये गए हैं | यह 74.7 व्यक्ति प्रति दस लाख जनसँख्या के बराबर है | इंडियन कौंसिल ऑफ़ मेडिकल रिसर्च के मुताबिक़ यह विश्व स्वास्थ संगठन द्वारा निर्धारित गाइडलाइन्स, जो प्रति दस लाख जनसँख्या पर 14 लोगों के टेस्ट का कहती है, से काफ़ी बेहतर है |
पर इंफेक्टिविटी अब भी 8.62 प्रतिशत है जो डब्लू.एच.ओ द्वारा महामारी के कण्ट्रोल में आने वाली दर से ज़्यादा है |
कहाँ हैं वैक्सीन्स?
भारत में तीन मुख्य टीके हैं जो ट्रायल्स के अलग अलग चरणों में हैं | यह तीन वैक्सीन - भारत बायोटेक, ज़ाइडस फार्मा और ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी/एसट्रा जेनेका कि वैक्सीन जो भारत के सीरम इंस्टिट्यूट द्वारा मैनुफ़ैक्चर की जाने वाली है - हैं |
इस वैक्सीन के बाज़ार में उपलप्ध होने पर अब तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है |
वहीँ अगर दुनिया कि बात करें तो विश्व स्वास्थ संगठन के मुताबिक़, 7 वैक्सीन हैं जो फ़ेज़ 3 ट्रायल में हैं, 15 फ़ेज़ 2 ट्रायल में हैं और 25 अब भी फ़ेज़ 1 ट्रायल में ही हैं | इसके अलावा 138 वैक्सीन्स हैं जो प्री-क्लीनिकल ट्रायल में हैं |
दुनिया भर में लगी टीके कि दौड़ में सीरम इंस्टिट्यूट द्वारा, ट्रायल ख़त्म होने पर, मैनुफ़ैक्चर की जाने वाली वैक्सीन ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी/एसट्रा जेनेका पहले नंबर पर है |