तस्वीर मुसलमानों द्वारा 'पूजा करने पर' ब्राह्मण की पिटाई नहीं दिखाती है
बूम ने इस मामले को जांचा और पाया कि वीडियो सितम्बर 2017 की एक घटना का है जिसका स्क्रीनशॉट वर्तमान में वायरल है.
पश्चिम बंगाल (West Bengal) का एक पुराना मामला फ़र्ज़ी दावों के साथ शेयर किया जा रहा है. एक वृद्ध व्यक्ति की तस्वीर - जो एक वीडियो का स्क्रीनशॉट है - इस दावे के साथ वायरल है कि पश्चिम बंगाल में मुसलामानों ने एक ब्राह्मण को पीटा.
बूम ने पाया कि यह दावा गलत है. हालांकि व्यद्ध व्यक्ति को पीटा ज़रूर गया था पर इसमें साम्प्रदायिक कोण नहीं है. सितम्बर 2017 में हुए इस मामले में पुलिस ने बताया था कि व्यक्ति पर एक लड़की से बदतमीज़ी करने का आरोप था जिसके कारण पीड़िता के परिवारजनों ने उसे पीटा था.
बंगाल में चुनाव चल रहे हैं. इसी दौरान वायरल हो रही यह तस्वीर के साथ सांप्रदायिक दावे किए जा रहे हैं. एक ट्विटर यूज़र ने फ़ोटो के साथ लिखा: "अपने घर में पूजा के दौरान घंटी बजने की आवाज आने पर मुस्लिमों द्वारा ब्राह्मण की पिटाई गई. यह मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में पश्चिम बंगाल में आम है जबकि भारत में रोहिंग्या मुसलमानों को शरण देने के लिए मानवाधिकारों की दुहाई दी जा रही है. #StandWithBengalHindus"
नीचे कुछ पोस्ट्स देखें और इनके आर्काइव्ड वर्शन यहां और यहां देखें.
फ़ैक्ट चेक
इस मामले की जांच करने के लिए हमनें इंटरनेट खंगाला. हमें 3 सितम्बर 2017 को फेसबुक पर पोस्ट किया हुआ एक वीडियो मिला.
इस वीडियो में दिख रहा व्यक्ति वही व्यक्ति है जो वायरल तस्वीर में दिख रहा है. कैप्शन में बताया गया है कि भीड़ ने एक पुजारी को तब पीटा जब उसने एक महिला के साथ बदतमीज़ी की.
इसके अलावा हमें 23 सितम्बर 2017 के कोलकाता पुलिस (Kolkata Police) द्वारा कुछ ट्वीट्स मिले.
ट्वीट में कोलकाता पुलिस ने वायरल पोस्ट को नुकसान पहुंचा सकने वाला बताते हुए कहा कि पुजारी को उस पीड़िता के परिवारजनों ने पीटा था जिसके साथ कथित तौर पर पुजारी ने बदतमीज़ी की थी.
एक अन्य ट्वीट में कोलकाता पुलिस ने यह भी साफ़ किया की पुजारी के अलावा उन लोगों पर भी काउंटर एफ़.आई.आर दर्ज की गयी है जिन्होंने पुजारी को पीटा था.
बूम इंग्लिश ने इस वीडियो को पहले खारिज किया था.