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फैक्ट चेक

फ्रांस में टॉपलेस प्रदर्शन कर रही महिलाओं का वीडियो गलत दावे से वायरल

बूम ने पाया कि पेरिस में फेमिनिस्ट ग्रुप FEMEN ने यह प्रदर्शन बुर्के या हिजाब के विरोध में नहीं बल्कि महिलाओं के खिलाफ हो रही हिंसा के विरोध में किया था.

By -  Jagriti Trisha
Published -  19 Feb 2025 5:04 PM IST
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    Protest Against Hijab in Paris claim
    CLAIMफ्रांस के पेरिस में ईरान की मुस्लिम महिलाएं हिजाब के खिलाफ टॉपलेस होकर प्रदर्शन कर रही हैं.
    FACT CHECKबूम ने पाया कि वायरल वीडियो हिजाब या बुर्के खिलाफ हो रहे प्रदर्शन का नहीं है. असल में फ्रांस के पेरिस में फेमिनिस्ट ग्रुप FEMEN ने 24 नवंबर 2024 को दुनियाभर में महिलाओं के खिलाफ हो रही हिंसा की घटनाओं के खिलाफ टॉपलेस होकर ये प्रोटेस्ट किया था.

    टॉपलेस होकर प्रदर्शन कर रही महिलाओं का एक वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल है. इस वीडियो के साथ झूठा दावा किया जा रहा है कि ये ईरान की मुस्लिम महिलाएं हैं जो फ्रांस के पेरिस में हिजाब के खिलाफ अर्धनग्न होकर प्रोटेस्ट कर रही हैं.

    बूम ने अपनी जांच में पाया कि वीडियो में प्रदर्शन कर रही महिलाएं ईरान की मुस्लिम महिलाएं नहीं हैं और न ही वे हिजाब के खिलाफ प्रोटेस्ट कर रही हैं.

    बूम की इंग्लिश टीम ने नवंबर 2024 में भी इस वीडियो का फैक्ट चेक किया था तब भी यह वीडियो इसी मिलते-जुलते दावे से वायरल था.

    बूम ने तब पाया था कि ये फ्रांस के एक फेमिनिस्ट ग्रुप FEMEN की महिलाएं हैं. यह ग्रुप विभिन्न मानवाधिकार उल्लंघनों, खासकर जेंडर आधारित हिंसा के खिलाफ इस तरह के टॉपलेस प्रदर्शनों के लिए जाना जाता है.

    तकरीबन डेढ़ मिनट के इस वायरल वीडियो में कुछ महिलाएं टॉपलेस होकर नारे लगाती नजर आ रही हैं. उनके हाथों में तख्तियां हैं, जिसपर महिलाओं के ऊपर हो रही हिंसा से संबंधित स्लोगन लिखे हुए हैं. आगे वीडियो में महिलाएं अपने सिर से काले कपड़े हटाते और लहराते भी दिख रही हैं.

    फेसबुक एक यूजर ने इस वीडियो को शेयर करते हुए लिखा, 'एक ओर फ्रांस के पेरिस में ईरान की मुस्लिम महिलाएं हिजाब और कट्टरपंथियों के खिलाफ अनोखे तरह से प्रदर्शन करने को मजबूर हो रही हैं वहीं उसी मजहब के कट्टरपंथी पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश व भारत में उन्हें बुर्का हिजाब, तीन तलाक हलाला जैसी बंधनकारी कुप्रथाओं में जकड़कर नारकीय जीवन जीने को मजबूर कर रहे हैं.


    पोस्ट का आर्काइव लिंक.

    यह भी पढ़ें -शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद पर लाठीचार्ज का पुराना वीडियो हालिया बताकर वायरल


    फैक्ट चेक

    वीडियो के ऊपर फ्रेंच भाषा में एक टेक्स्ट लिखा हुआ था, जिसका अर्थ था- पेरिस स्थित लूवर के सामने दुनिया भर में महिलाओं के खिलाफ हो रही हिंसा के विरोध में FEMEN का एक्शन.

    हमने यह भी पाया कि वायरल वीडियो में न्यूज आउटलेट Brut का लोगो मौजूद है. इसके अलावा वीडियो में एक रिपोर्टर को फ्रेंच भाषा में घटना की रिपोर्टिंग करते भी देखा जा सकता है.

    रिवर्स इमेज और कीवर्ड सर्च के जरिए हमें Brut और Brut inidia के इंस्टाग्राम अकाउंट पर यह वीडियो मिला. Brut के आधिकारिक अकाउंट पर इसे 24 नवंबर 2024 को शेयर किया गया था.



    इसके कैप्शन में फ्रेंच में लिखा था, 'हम दुनिया में महिलाओं के खिलाफ हिंसा पर से पर्दा हटाना चाहते हैं.'

    इसमें Brut ने वीडियो को लेकर बताया कि यह दुनिया भर में महिलाओं पर हो रही हिंसा के खिलाफ पेरिस स्थित लूवर म्यूजिम के सामने @femen_france द्वारा की गई कार्रवाई का वीडियो है. Brut के लिए ये रिपोर्ट @remybuisine ने की थी.

    इस कैप्शन में प्रदर्शन करने वाली संस्था FEMEN के इंस्टाग्राम अकाउंट का भी जिक्र था. 2024 में फैक्ट चेक के दौरान FEMEN के इंस्टाग्राम हैंडल को खंगालने पर हमें इस विरोध प्रदर्शन से जुड़ी तस्वीरें और वीडियो मिले थे.


    FEMEN ने इन तस्वीरों को शेयर करते हुए यह कहीं नहीं बताया कि ये किसी हिजाब विरोधी प्रदर्शन का हिस्सा है. FEMEN ने एक पोस्ट में बताया कि 24 नवंबर को महिलाओं के खिलाफ हिंसा उन्मूलन के अंतर्राष्ट्रीय दिवस के मद्देनजर विभिन्न देशों की 100 FEMEN कार्यकर्ताओं ने महिलाओं के उत्पीड़न के सवाल को लेकर विरोध प्रदर्शन किया.

    महिला! जीवन! आजादी! का नारा लगाते हुए FEMEN ने अपने पोस्ट के एक बयान में लिखा, "24 नवंबर को विभिन्न देशों के 100 FEMEN कार्यकर्ताओं ने पेरिस से धर्मतंत्र, युद्ध और तानाशाही द्वारा दबाई गई सभी महिलाओं के लिए प्रतिरोध का एक अडिग बयान दिया."

    बयान में आगे लिखा, "राजनीतिक विद्रोह के इस कार्य में FEMEN ने लूवर संग्रालय के प्रांगण को- जो कि अभिजात्य सांस्कृतिक शक्ति का एक स्मारक है, उसे क्रांतिकारी प्रतिरोध के स्थान में बदल डाला."

    "हम अफगानिस्तान, ईरान, इराक, कुर्दिस्तान, यूक्रेन, फिलिस्तीन, इजराइल, सूडान, लीबिया की उत्पीड़ित और प्रताड़ित लड़कियों और महिलाओं के साथ एकजुटता से खड़े हैं." इस पोस्ट में मौके पर मौजूद रहीं कुछ नारीवादी एक्टिविस्टों का भी जिक्र किया गया है.

    इससे स्पष्ट है कि महिलाओं पर हो रही हिंसा के खिलाफ टॉपलेस होकर किए गए प्रदर्शन के वीडियो को गलत तरीके से ईरानी मुस्लिम महिलाओं के हिजाब विरोधी आंदोलन का बताकर शेयर किया जा रहा है.

    ईरान और हिजाब

    आपको बता दें कि ईरान एक ऐसा देश है जहां हिजाब को लेकर कानून काफी सख्त है. यही वजह है कि वहां इसे लेकर विरोध प्रदर्शन भी होते रहे हैं. साल 2022 में कथित तौर पर ड्रेस कोड का उल्लंघन करने के आरोप में गिरफ्तार की गई कुर्द महिला महसा अमीनी की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी. इसके बाद ईरान में बड़े पैमाने पर हिजाब विरोधी प्रदर्शन शुरू हो गए थे.

    पिछले साल नवंबर में भी ईरान की राजधानी तेहरान में एक युवती अहो दरयाई के इनरवियर पहनकर घूमने का मामला सामने आया था. खबरों के मुताबिक दरयाई को यूनिवर्सिटी के गार्ड्स ने हिजाब न पहनने पर रोका था, जिसके विरोध में उसने अपने कपड़े उतार दिए थे. हालांकि बूम ने अपनी पड़ताल में पाया कि ईरानी महिलाओं के हिजाब विरोधी आंदोलन से वायरल वीडियो का कोई प्रत्यक्ष संबंध नहीं है.

    यह भी पढ़ें -प्रयागराज जंक्शन के बंद किए जाने का दावा गलत है, जानिए सच


    Tags

    HijabBurqaParisFranceProtest
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    Claim :   फ्रांस के पेरिस में ईरान की मुस्लिम महिलाएं हिजाब और कट्टरपंथियों के खिलाफ टॉपलेस होकर प्रदर्शन कर रही हैं.
    Claimed By :  Socail Media Posts
    Fact Check :  False
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