ट्रेन की बोगियों के बीच सफ़र करते महिला और बच्चे का वीडियो भारत से नहीं है
बूम ने पता लगाया की यह वायरल वीडियो जुलाई 2016 से है और इसके बांग्लादेश से होने के आसार ज़्यादा हैं
ट्रेन की दो बोगियों को जोड़ने वाली कपलिंग पर बैठे कर सफ़र करते एक महिला और उसके नवजात शिशु का एक वीडियो सोशल मीडिया पर ज़ोरों से वायरल हो रहा है | वीडियो में आप देख सकते हैं की ट्रेन तेज़ रफ़्तार से पटरियों पर दौड़ रही है और महिला अपने गोद में बच्चे को संभाले हुए कपलिंग पर खतरनाक तरीके से बैठी हुई है | हालांकि ये वीडियो भारत से नहीं है पर सोशल मीडिया पर इसे प्रवासी मज़दूरों के पलायन से जोड़ कर शेयर किया जा रहा है | आपको ज्ञात ही होगा की देशव्यापी लॉकडाउन के बीच ही पिछले दिनों कई मज़दूर अपने अपने घरों को पैदल निकल पड़े हैं |
बूम ने अपनी पड़ताल में पाया की ये वायरल क्लिप इंटरनेट पर जुलाई 2016 से मौजूद है और ऐसा प्रतीत होता है की ये घटना बांग्लादेश से है |
यह वीडियो ऐसे समय पर शेयर की जा रही जब की सैकड़ों की संख्या में प्रवासी मज़दूर देश के हाइवेज़ पर पैदल चल लंबी दुरी तय कर रहे हैं ताकि वे घर पहुंच सके | लॉकडाउन के तीसरे चरण में केंद्र सरकार ने प्रवासी मज़दूरों के लिए विशेष श्रमिक ट्रेनें चलाने की घोषणा की थी जिससे मज़दूरों को घर पहुँचने में आसानी हो | इस फ़ैसले की कई राज्यों द्वारा तब आलोचना की गयी जब कथित तौर पर रेलवे ने मज़दूरों से यात्रा के लिए किराए की मांग की |
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वायरल क्लिप में ट्रेन की दो बोगियों को जोड़ते हुए कपलर पर बैठी एक महिला को देखा जा सकता है | ट्रेन तेज़ गति से दौड़ रही है | वीडियो के साथ लिखा कैप्शन कहता है 'दोस्तों दुनिया की सबसे बड़ी योद्धा होती हे मा...मोदी जी सुपर क्लास ट्रेन का मजा लेती हुई एक लाचार माँ "
इस ट्वीट का स्क्रीनशॉट नीचे देखें और इसका आर्काइव वर्ज़न यहाँ देखें |
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ट्विटर पर वायरल
कई ट्विटर यूज़र्स ने रेल मंत्री, पियूष गोयल को टैग कर आग्रह किया की रेल मंत्रालय श्रमिक ट्रेनों पर सवार अपने घर की ओर जा रहे मज़दूरों की सुरक्षा सुनिश्चित करे |
इस ट्वीट का आर्काइव वर्ज़न यहाँ पाए |
See it....
— Hafiz Jameel (@HafizJa04188954) May 12, 2020
These are the people from whom the country develops ... These working people are going to their homes at the risk of their lives...@PMOIndia @AUThackeray @CMOMaharashtra @OfficeofUT @PiyushGoyal @narendramodi pic.twitter.com/fDhwjk3PFU
फ़ेसबुक
इसी क्लिप को बड़े पैमाने पर मई 10, 2020 को मदर्स डे के दिन विभिन्न कैप्शंस के साथ शेयर किया गया था |
फ़ैक्ट चेक
क्या वीडियो भारत का है?
कई सोशल मीडिया यूज़र्स ने यह इशारा किया की यह वीडियो बांग्लादेश का हो सकता है क्योंकि बांग्लादेशी ट्रेनों पर बनी पिली लाइनें वीडियो में दिख रही बोगियों पर बनी लाइनों से मेल खाती हैं | हमने वायरल वीडियो में पिली लाइनें दिखाने वाले एक फ्रेम को बांग्लादेश की ट्रेन की तस्वीर से तुलना कर पाया की दोनों मेल खाती हैं |
हमने वायरल वीडियो को की-फ्रेम्स में अलग-अलग कर यांडेक्स नामक सर्च इंजन पर रिवर्स इमेज सर्च किया और पाया की यह वीडियो जुलाई 2016 से है |
सर्च रिजल्ट्स ने दिखाया की यही वीडियो पहले भी बांग्लादेशी अखबार प्रोथोम अलो के यूट्यूब चैनल पर सितम्बर 13, 2016 को अपलोड किया गया जिसमें लिखे कैप्शन का अनुवाद है: ईद का मतलब है शारीरिक या मानसिक तौर पर घर लौटना |
क्या यह वीडियो हाल का है ?
सर्च रिजल्ट्स का विश्लेषण कर हमें इस वीडियो की सबसे पुरानी क्लिप जुलाई 31, 2016 को अपलोड हुई मिली जिसका कैप्शन कहता है: शरणार्थी माँ और बच्चा |
इसके बाद हमें एक और वीडियो मई 18, 2016 को अपलोड हुआ मिला जिसमें उस वक़्त के रेलवे मंत्रालय के प्रवक्ता अनिल सक्सेना यह बता रहे हैं की वे इस वीडियो की जांच कर रहे है | इस रिपोर्ट में सक्सेना कह रहे है की यह वीडियो वायरल है और रेलवेज़ को इसकी सूचना कई लोगों से मिली है |
बूम स्वतंत्र रूप से इस वीडियो की लोकेशन और इस वाक़िए की अन्य बारीकियों को सिद्ध नहीं कर सका लेकिन हम इस बात की पुष्टि कर सके की यह वायरल वीडियो जुलाई 2016 से है और इसके बांग्लादेश से होने की सबसे अधिक संभावना है |