पत्रकार रवीश कुमार का बेटिंग ऐप को प्रमोट करता वायरल वीडियो डीपफेक है
बूम ने अपनी जांच में पाया कि रवीश कुमार के मूल वीडियो में ऑडियो क्लोनिंग के जरिए फ़र्जी आवाज जोड़कर वायरल वीडियो को शेयर किया गया है.
सोशल मीडिया पर पत्रकार रवीश कुमार का एक वीडियो वायरल है, जिसमें वह एक बेटिंग ऐप को प्रमोट करते नजर आ रहे हैं.
बूम ने अपनी जांच में पाया कि यह वीडियो डीपफेक है. रवीश कुमार ने ऐसे किसी ऐप का प्रचार नहीं किया है. हमने पाया कि ऑडियो क्लोनिंग के जरिए उनके मूल वीडियो में फ़र्जी आवाज जोड़ी गई है.
वायरल वीडियो में रवीश कुमार एक ट्रक ड्राइवर का हवाला देकर, एविएटर ऐप 1विन (Aviator app 1WIN) नामक ऐप का प्रचार करते हुए बोल रहे हैं, "बस चालक ने एक मोबाइल ऐप में 800 मिलियन रुपये जीते..." आगे बस चालक अपना नाम बताते हुए आठ सौ करोड़ का जैकपॉट लगने की बात कर रहा है. वीडियो के अंत में रवीश इस ऐप को डाउनलोड करने का आग्रह कर रहे हैं.
हमें फेसबुक पर एविएटर प्ले नाम के हैंडल पर यह वीडियो मिला, जिसमें रवीश कुमार के आधिकारिक यूट्यूब चैनल के हवाले से वीडियो को शेयर किया गया था.
फैक्ट चेक
हमने सबसे पहले वीडियो को गौर से देखा तो पाया कि रवीश कुमार और बस चालक के होठों के मूवमेंट उनकी बातों से मैच नहीं हो रहे थे, इससे हमें इसके फेक होने का अंदेशा हुआ.
आगे हमने वीडियो में मेंशन रवीश कुमार के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर इस वीडियो की तलाश की, पर हमें वहां ऐसा कोई वीडियो नहीं मिला, जिसमें रवीश ने ऐसे किसी ऐप का प्रचार किया हो.
रिवर्स इमेज सर्च और यूट्यूब पर पड़ताल के दौरान हमें इसका मूल वीडियो मिला. मूल वीडियो में रवीश अपने NDTV से इस्तीफे के संदर्भ में बात कर रहे हैं, जिसके कुछ हिस्सों को काटकर उसमें फ़र्जी आवाज जोड़ी गई है.
नीचे वायरल वीडियो और मूल वीडियो के स्क्रीनशॉट की तुलना की गई है.
फिर हमने रवीश कुमार के फेसबुक और इंस्टाग्राम हैंडल्स खंगाले, पर वहां भी हमें ऐसा कोई वीडियो नहीं मिला, जिसमें रवीश ने इस एविएटर ऐप को प्रमोट किया हो.पड़ताल के दौरान हमें रवीश के फेसबुक पेज पर अगस्त 2023 को शेयर किया हुआ एक पोस्ट मिला, जिसमें उन्होंने अपने नाम पर हो रही जालसाजी का खंडन करते हुए लिखा, "ये एक और फ्रॉड है जो मेरी तस्वीर का इस्तेमाल कर रहा है. बड़ी संख्या में दर्शकों और पाठकों ने इस तरह के लिंक और स्क्रीनशॉट भेजे हैं कि गेमिंग एप मेरा चेहरा लगाकर पैसा वसूल रहा है. आप सावधान रहे. मेरे नाम से कोई भी अपील करे, पैसा न दें.
हमने पाया कि इससे पहले भी रवीश कुमार की तस्वीरों और वीडियोज का इस्तेमाल कर तमाम फ़र्जी प्रचार किए गए हैं. बूम ने इससे पहले भी इस तरह के डीपफेक वीडियोज का फैक्ट चेक किया है, रिपोर्ट यहां पढ़ें.
इसके अतिरिक्त बूम की डिकोड टीम ने डीपफेक और वॉइस क्लोनिंग पर एक विस्तृत रिपोर्ट की है, यहां पढ़ा जा सकता है.
हाल ही में क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर का भी ऐसे ही ऐप को प्रमोट करते हुए इसी तरह का एक डीपफेक वीडियो सामने आया था, जिसे सचिन ने अपने एक्स अकाउंट पर पोस्ट करते हुए ख़ारिज किया. बूम ने इस वीडियो का भी फैक्ट चेक किया है, रिपोर्ट यहां पढ़ी जा सकती है.
हमने पुष्टि के लिए रवीश कुमार से भी संपर्क किया. जवाब आने पर आर्टिकल को अपडेट कर दिया जाएगा.