बांग्लादेश में पुलिस कार्यालय पर हुए हमले का वीडियो गलत सांप्रदायिक दावे से वायरल
बूम से बातचीत में एक स्थानीय ने बताया कि यह ढाका के केरानीगंज स्थित पुलिस स्टेशन का वीडियो है. यह सभी आम नागरिक थे जो देशव्यापी प्रदर्शन के दौरान पुलिस की भूमिका से क्षुब्ध थे.
सोशल मीडिया पर एक बिल्डिंग में तोड़फोड़ का वीडियो बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमले के सांप्रदायिक दावे से वायरल है. बूम ने पाया कि वायरल दावा गलत है. यह हिंदू समुदाय पर हमले का नहीं बल्कि बांग्लादेश की राजधानी ढाका के केरानीगंज स्थित डीबी (डिटेक्टिव ब्रांच) कार्यालय पर हमले का वीडियो है.
यूएन की रिपोर्ट के अनुसार, बांग्लादेश में आरक्षण प्राणाली के विरोध से शुरू हुई हिंसा में 16 जुलाई से 11 अगस्त के बीच लगभग 650 लोग मारे गए हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार बांग्लादेश के कई हिस्सों में हिंदू घरों और उनकी दुकानों पर भी हमले हुए हैं.
इधर शेख हसीना की सरकार के पतन के बाद वहां मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार ने देश की बागडोर संभाली है. प्रधानमंत्री मोदी ने भी मोहम्मद यूनुस से बातचीत की. यूनुस ने इस बातचीत में हिंदू और अन्य अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को लेकर आश्वस्त किया है.
इस बीच भारत में सोशल मीडिया पर बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमले से जोड़कर खूब फर्जी खबरें भी शेयर की गईं. इस क्रम में यह वीडियो भी वायरल है.
वायरल वीडियो में कुछ लोग एक बिल्डिंग पर चढ़कर तोड़फोड़ करते, होर्डिंग्स गिराते और सामानों को नीचे फेंकते नजर आ रहे हैं.
फेसबुक इसे शेयर करते हुए एक यूजर ने लिखा, 'ऐसे अटैक हो रहे हैं बंगलादेश के हिंदुओं पर. बांग्लादेश कट्टरपंथियों द्वारा हिंदुओं पर आज भी क्रूरता जारी है और हिंदुओं को छतों से कूद कर मरने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है…'
पोस्ट का आर्काइव लिंक.
एक्स पर भी एक वेरिफाइड यूजर ने वीडियो को शेयर करते हुए यही दावा किया.
पोस्ट का आर्काइव लिंक.
फैक्ट चेक
वायरल वीडियो को गौर से देखने पर हमने पाया कि इसके 4 सेकंड पर कुछ देर के लिए एक बांग्ला टेक्स्ट आता है. इस टेक्स्ट में बांग्लादेश पुलिस पर हमले का जिक्र किया गया था. इसके अलावा बिल्डिंग पर लगी एक होर्डिंग पर 'बांग्लादेश पुलिस' लिखा हुआ है. इससे हमें शक हुआ कि वायरल सांप्रदायिक दावा गलत है.
वीडियो के किफ्रेम को रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें कुछ यूट्यूब वीडियो मिले, जिनमें इसे पुलिस पर किए गए हमले का बताया गया था. यहां, यहां और यहां देखें.
शाह आलम सागर नाम के यूट्यूब चैनल पर 6 अगस्त 2024 को अपलोड किए गए इस वीडियो के साथ बताया गया कि 'डीबी (डिटेक्टिव ब्रांच, बांग्लादेश पुलिस की एक इकाई) कार्यालय तोड़ा जा रहा है.'
यूट्यूब पर मिले वीडियो में हमें घटनास्थल के आस-पास मौजूद कई दुकानों के नाम दिखे. इसकी विस्तृत जानकारी के लिए हमने वीडियो में दिख रहे ढाका स्थित 'यूनाइटेड नेशनल स्कूल एंड कॉलेज' का नंबर ढूंढकर उनसे संपर्क किया.
स्कूल के डायरेक्टर ने बूम से बातचीत में बताया कि "यह हमारे बगल के पुलिस थाने का वीडियो है. यह शेख हसीना के देश छोड़कर जाने के बाद की घटना है. आप वीडियो में भी बांग्लादेश पुलिस का बोर्ड देख सकते हैं."
उन्होंने आगे बताया, "यह ढाका के केरानीगंज का कदमतली सर्कल है. तोड़फोड़ करने वाले सभी आम नागरिक हैं, जो देशव्यापी प्रदर्शन के दौरान पुलिस की भूमिका से क्षुब्ध थे. इसलिए उन्होंने पुलिस के वर्कस्टेशन को निशाना बनाया."
इस जगह के स्ट्रीट व्यू में स्पष्ट देखा जा सकता है कि यह बांग्लादेश पुलिस के 'डिटेक्टिव ब्रांच साउथ' का ऑफिस है, जो ढाका के केरानीगंज में स्थित है.