यूपी में यौन उत्पीड़न की सात साल पुरानी घटना का वीडियो अभी का बताकर वायरल
यूपी की मेरठ पुलिस ने बूम को बताया कि घटना 2019 की है, जिसमें एफआईआर दर्ज करते हुए कार्रवाई की गई थी, हाल ही में ऐसा कोई केस सामने नहीं आया है.

डिस्क्लेमर: स्टोरी में यौन उत्पीड़न का जिक्र है
उत्तर प्रदेश के मेरठ में तीन युवकों द्वारा नाबालिग छात्रा के साथ यौन उत्पीड़न के दावे से एक वीडियो वायरल है. वीडियो छात्रा के साथ उत्पीड़न की घटना के मीडिया कवरेज से जुड़ा हुआ है.
बूम ने जांच में पाया कि वायरल वीडियो फरवरी 2019 को मेरठ के किठौर में एक छात्रा के साथ यौन शोषण की घटना का है.
क्या है वायरल दावा ?
एक छात्रा के साथ यौन अपराध की घटना को अंजाम देते तीन युवकों का वीडियो वायरल है, जिसे मेरठ का बताया जा रहा है.
फेसबुक यूजर ने वीडियो को शेयर करते हुए लिखा है, 'जिस दिन मोदी-योगी हटे उस दिन जंगल राज होगा...' आर्काइव लिंक
एक्स पर भी यह वीडियो इसी दावे के साथ वायरल है. आर्काइव लिंक
पड़ताल में क्या मिला ?
वायरल दावे की जांच के लिए हमने वीडियो के कीफ्रेम को रिवर्स इमेज सर्च किया. सर्च के दौरान हमें वायरल वीडियो के विजुअल वाली न्यूज रिपोर्ट मिलीं.
फरवरी 2019 की है घटना
नई दुनिया की 23 मार्च 2019 की रिपोर्ट के अनुसार, मेरठ के किठौर स्थित कन्या पाठशाला में चार युवकों ने परीक्षा देने गई छात्रा को घेरकर उसके साथ छेड़खानी की थी.
अमर उजाला की रिपोर्ट के अनुसार, यह घटना 28 फरवरी 2019 की है, स्कूल की परीक्षा समाप्त होने के बाद गौरव नाम के युवक ने छात्रा के साथ छेड़खानी और बदसलूकी की, इसके बाद 3 अन्य युवक फिरोज, सजर और तालिब भी वहां पहुंच गए, जिन्होंने छात्रा के साथ छेड़खानी करते हुए घटना का वीडियो भी बनाया.
सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था वीडियो
इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद पुलिस ने कार्रवाई शुरू की थी. तत्कालीन एसएसपी नितिन तिवारी के निर्देश पर किठौर थाना पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया था. इस घटना में चार आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था.
पुलिस ने किया वायरल दावे का खंडन
मेरठ पुलिस ने अपने एक्स हैंडल पर वायरल वीडियो के संबंध में जानकारी दी है और वायरल दावे का खंडन किया है. पुलिस के द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, 'यह घटना 7 वर्ष पुरानी है, जिसमें अभियुक्तों के खिलाफ गंभीर धाराओं में कार्रवाई की गई थी.'
किठौर पुलिस स्टेशन में पदस्थ एसआई विजय कुमार ने बूम से बातचीत में वायरल दावे का खंडन करते हुए घटना को 2019 का बताया है. उन्होंने बताया, "यह घटना 2019 की है, जिसमें एफआईआर दर्ज करते हुए विधिक कार्रवाई की गई थी, हाल ही में ऐसा कोई केस सामने नहीं आया है."