UN के भारत को 'बीमार मानसिकता का गुलाम' बताने वाली क्लिप फेक है
बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल स्क्रीनशॉट फेक है. साल 2018 में एंटोनियो गुटेरेस ने 'कठुआ रेप केस' की निंदा की थी और आरोपियों की सजा की मांग की थी.
सोशल मीडिया पर एक न्यूज वेबसाइट का स्क्रीनशॉट वायरल है जिसमें दावा किया जा रहा है कि संयुक्त राष्ट्र ने बलात्कारियों के समर्थन में रैली निकालने पर भारत की आलोचना की है. इस स्क्रीनशॉट के फीचर इमेज में संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस की तस्वीर लगी हुई है. यूजर्स इस स्क्रीनशॉट को हाल फिलहाल का बताकर शेयर कर रहे हैं.
बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल दावा गलत है. साल 2018 में संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने जम्मू कश्मीर के कठुआ में हुए रेप और हत्या को 'भयावह' बताते हुए इस मामले पर चिंता व्यक्त की थी और आरोपियों की सजा सुनिश्चित करने की मांग की थी.
वायरल स्क्रीनशॉट की हेडलाइन है, 'भारत बीमार मानसिकता का गुलाम जहां बलात्कारियों को बचाने के लिए रैली निकाली जाती है- संयुक्त राष्ट्र'
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर वायरल स्क्रीनशॉट को शेयर करते हुए एक वेरिफाइड यूजर ने लिखा, 'एक और डंका बज गया है डंकापति का.' (पोस्ट का आर्काइव लिंक)
सोशल मीडिया प्लेटफार्म फेसबुक पर भी यह स्क्रीनशॉट वायरल है. (पोस्ट का आर्काइव लिंक)
फैक्ट चेक
संयुक्त राष्ट्र महासचिव द्वारा भारत की आलोचना के दावे से एक स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया पर वायरल है. बूम ने वायरल दावे की पड़ताल के लिए जब स्क्रीनशॉट को गूगल रिवर्स इमेज से सर्च किया तो हमें कई सोशल मीडिया अकाउंट पर यह स्क्रीनशॉट मिला जिसे साल 2018 में ही शेयर किया गया था. (आर्काइव लिंक)
इसके बाद हमने वायरल स्क्रीनशॉट में दिख रही हेडलाइन को जब गूगल पर सर्च किया तो हमें एक वेबसाइट Thejanmanchnew.wordpress.com पर हूबहू हेडलाइन के साथ यही खबर मिली, जिसे इस वेबसाइट पर 14 अप्रैल 2018 को प्रकाशित किया गया था. हालांकि, बूम इस वेबसाइट की प्रमाणिकता की पुष्टि नहीं करता है.
इस वेबसाइट पर प्रकाशित खबर से हमें पता चला कि यह 'कठुआ रेप केस 2018' के बाद संयुक्त राष्ट्र की टिप्पणी से जुड़ा हुआ है. हालांकि, हमें वायरल स्क्रीनशॉट में दिख रही वेबसाइट Headline24 नहीं मिली.
इसके बाद इससे जुड़े कीवर्ड को गूगल पर सर्च करने पर हमें न्यूज वेबसाइट AajTak.in की 14 अप्रैल 2018 की रिपोर्ट मिली.
इस रिपोर्ट के मुताबिक, संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कठुआ में 8 साल की बच्ची के साथ बलात्कार और हत्या को 'भयावह' करार देते हुए आरोपियो को कानून के दायरे में लाए जाने की उम्मीद जाहिर की थी.
न्यूज वेबसाइट BBCHindi की 14 अप्रैल 2018 की रिपोर्ट के मुताबिक, पत्रकारों की ओर से इस घटना पर संयुक्त राष्ट्र महासचिव की प्रतिक्रिया पूछे जाने पर गुटेरेस के प्रवक्ता स्टीफन डुजारिक ने कहा था, "मुझे लगता है कि हम इस बच्ची के उत्पीड़न और हत्या की डरावनी घटना की मीडिया रिपोर्ट देख चुके हैं. हम ये उम्मीद जताते हैं कि प्रशासन इन अपराधियों को उनके अंजाम तक पहुंचाए, ताकि उन्हें इस बच्ची की हत्या के लिए जवाबदेह ठहराया जा सके."
इसके अलावा न्यूज वेबसाइट IndianExpress, Firstpost, HindustanTimes, Timesofindia आदि ने भी संयुक्त राष्ट्र महासचिव की प्रतिक्रिया पर खबरें प्रकाशित की थीं.
साल 2018 का कठुआ रेप केस
जम्मू कश्मीर के कठुआ में एक अल्पसंख्यक समुदाय की लड़की को 10 जनवरी 2018 को अगवा किया गया और 13 जनवरी को उसकी हत्या कर दी गई थी. इस दौरान लड़की के साथ कई लोगों ने रेप किया था. साल 2019 में इस घटना में संलिप्त 6 आरोपियों में से तीन को पठानकोट की फास्ट ट्रैक अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई थी, जबकि तीन आरोपियों को 5-5 साल की कैद की सजा सुनाई गई थी.
यह घटना चर्चा में तब आई थी जब दोषियों को बचाने के लिए कुछ लोगों द्वारा तिरंगा यात्रा निकाली गई थी. इस तिरंगा रैली में तत्कालीन बीजेपी-पीडीपी सरकार में मंत्री समेत कई बीजेपी नेता भी शामिल हुए थे. हालांकि, बाद में राजनीतिक बवाल मचने पर इन नेताओं को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था.