Boom Live
  • फैक्ट चेक
  • एक्सप्लेनर्स
  • फास्ट चेक
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • बिहार चुनाव 2025
  • वेब स्टोरीज़
  • राजनीति
  • वीडियो
  • Home-icon
    Home
  • Authors-icon
    Authors
  • Careers-icon
    Careers
  • फैक्ट चेक-icon
    फैक्ट चेक
  • एक्सप्लेनर्स-icon
    एक्सप्लेनर्स
  • फास्ट चेक-icon
    फास्ट चेक
  • अंतर्राष्ट्रीय-icon
    अंतर्राष्ट्रीय
  • बिहार चुनाव 2025-icon
    बिहार चुनाव 2025
  • वेब स्टोरीज़-icon
    वेब स्टोरीज़
  • राजनीति-icon
    राजनीति
  • वीडियो-icon
    वीडियो
  • Home
  • फैक्ट चेक
  • मूसेवाला की अंतिम अरदास में पगड़ी...
फैक्ट चेक

मूसेवाला की अंतिम अरदास में पगड़ी बांधने का वीडियो किसान आंदोलन से जोड़कर वायरल

सोशल मीडिया पर टोपी पहने एक शख्स को पगड़ी पहनाने का वीडियो किसान आंदोलन से जोड़ा जा रहा है. बूम ने अपनी जांच में इस दावे को गलत पाया.

By - Jagriti Trisha |
Published -  19 Feb 2024 7:15 PM IST
  • Listen to this Article
    मूसेवाला की अंतिम अरदास में पगड़ी बांधने का वीडियो किसान आंदोलन से जोड़कर वायरल

    सोशल मीडिया पर कुछ लोगों को पगड़ी पहनाने का एक वीडियो इस गलत दावे से वायरल है कि ये लोग मुसलमान है और मौजूदा किसान आंदोलन में शामिल करने के लिए इनको पगड़ी पहनाई जा रही है.

    बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल दावा गलत है. असल में वायरल वीडियो पंजाब के मशहूर सिंगर सिद्धू मूसेवाला के अंतिम अरदास के मौके पर आयोजित किए गए पगड़ी बांधने के कार्यक्रम के दौरान का है. इसका हालिया किसान आंदोलन से कोई संबंध नहीं है.

    गौरतलब है कि पिछली 13 फरवरी से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी की मांग को लेकर पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के लगभग 200 से अधिक किसान संगठन आंदोलनरत हैं. एमएसपी के अलावा किसानों की मांगों में कर्ज माफी और 2021 की लखीमपुर खीरी हिंसा का न्याय भी शामिल है. आंदोलनकारी किसान अपने ट्रैक्टर-ट्रॉली को लेकर दिल्ली की ओर बढ़ रहे हैं. इसके मद्देनजर पुलिस ने दिल्ली के चारों तरफ बैरिकेडिंग कर दी है.

    रिपोर्ट्स में बताया गया है कि किसानों को रोकने के लिए उन पर आंसू गैस के गोले भी छोड़े गए. इस आंदोलन के शुरू होने के बाद से ही सोशल मीडिया पर इससे जुड़ी फर्जी और भ्रामक खबरें भी लगातार शेयर की जा रही हैं, इस क्रम में यह वीडियो भी वायरल है.

    बूम ने इससे पहले भी किसान आंदोलन से जुड़े फर्जी दावों का फैक्ट चेक किया है, रिपोर्ट्स यहां और यहां पढ़े जा सकते हैं.

    लगभग 15 सेकेंड के इस वीडियो में एक व्यक्ति एक-एक करके लोगों को पग बांधता दिख रहा है.

    फेसबुक पर वीडियो को शेयर करते हुए एक यूजर ने लिखा, "शूटिंग के दौरान सेट पर जाने से पहले सब कलाकार तैयार हो रहे हैं!! पर इनको कोई हिंदू कलाकार नहीं मिल रहा क्या जो इन रोहिंग्या कलाकारों को पग पहनानी पड़ रही है ?? सब के सब एंटीनेशनल भरे पड़े हैं इस फर्जी किसान आंदोलन में."

    ऐसे ही दावों के साथ फेसबुक पर अन्य दक्षिणपंथी यूजर्स ने भी इसे शेयर किया है. यहां, यहां देखें.

    एक्स पर भी वीडियो इन्हीं मिलते-जुलते दावों के साथ वायरल है. यहां, यहां देखा जा सकता है.

    शूटिंग के दौरान सेट पे जाने से पहले सब कलाकार तैयार हो रहे हैं!! पर इनको कोई हिंदू कलाकार नहीं मिल रहा क्या जो इन रोहिंग्या कलाकारों को पग पहनानी पड़ रही है ?? सब के सब एंटीनेशनल भरे पेड़ हैं इस फर्जी किसान आंदोलन में । pic.twitter.com/O8u3ppo1Ta

    — Chanda Kumari Meena (@meena_chanda01) February 17, 2024

    फैक्ट चेक करने के रिक्वेस्ट के साथ हमें यह वीडियो लगभग इसी दावे से हमारे टिपलाइन नंबर भी प्राप्त हुई.


    फैक्ट चेक

    सबसे पहले हमने वीडियो को ध्यानपूर्वक देखा, वीडियो के साथ पंजाबी भाषा में कुछ लिखा था. हमने गूगल ट्रांसलेट की मदद से उसका अनुवाद किया. हमने पाया कि उसपर 'दस्तार( पगड़ी) सिखलाई कैंप, वीर सिद्धू मूसेवाला की अंतिम अरदास (तेहरवी) के मौक़े पर' लिखा हुआ था. इससे हमें संदेह हुआ कि वायरल दावा गलत है.


    आगे हमने सिद्धू मूसेवाला और इस पगड़ी के लंगर से संबंधित पंजाबी और हिंदी कीवर्ड्स की मदद से कुछ रिपोर्ट्स की तलाश की. इसके जरिए हमें ऐसे कई रिपोर्ट्स मिले, जिनमें बताया गया था कि सिद्धू मूसेवाला की अंतिम अरदास के दिन उनके प्रशंसकों ने दस्तार (पग) लंगर लगाए थे. 8 जून 2022 को लोकल वेबसाइट स्क्रॉल पंजाब और 29 जून 2022 को बीबीसी (पंजाबी) में पब्लिश रिपोर्ट के अनुसार, उनकी हत्या के बाद उनको याद करते हुए जगह-जगह उनके प्रशंसकों ने पगड़ी बांधने के कार्यक्रम का आयोजन किया था. हालांकि हमें किसी रिपोर्ट में मूल वीडियो से मिलते-जुलते विजुअल्स नहीं मिले.

    मूल वीडियो के लिए हमने वीडियो के कुछ कीफ्रेम्स को रिवर्स इमेज सर्च किया, इस पड़ताल के दौरान हमें 'सरदारी ट्रस्ट पंजाब' नाम के फेसबुक पेज पर 10 जून 2022 का अपलोड किया हुआ मूल वीडियो मिला. वीडियो के साथ लिखा था, "मूसेवाला की अंतिम अरदास में सरदारियन ट्रस्ट ने पगड़ी का लंगर लगाया. मुस्लिम और हिन्दू भाइयों ने कहा कि हमें भी पग सजानी चाहिए." (पंजाबी से हिंदी अनुवाद)


    मूल वीडियो में पीछे लगे पोस्टर में साफ तौर पर मूसेवाला की तस्वीर देखी जा सकती है. वायरल वीडियो की क्वालिटी सही न होने के कारण उसमें यह साफ नहीं दिखता.


    वीडियो की पुष्टि के लिए हमने सरदारियन ट्रस्ट के जिला अध्यक्ष हरप्रीत सिंह से संपर्क किया. उन्होंने बूम को बताया कि वायरल वीडियो 8 जून, 2022 को मूसेवाला के अंतिम संस्कार से पहले शूट किया गया था. हरप्रीत ने कहा, "हमने उनके पिता के अनुरोध पर, मूसा में इस पगड़ी बांधने वाले शिविर का आयोजन किया था, मूसा सिद्धू मूसेवाला का होमटाउन है." हरप्रीत ने आगे बताया कि उनका ट्रस्ट नियमित रूप से ऐसे शिविरों का आयोजन करता है और किसानों के विरोध प्रदर्शन सहित कई मौकों के दौरान मुफ्त में पगड़ी, जिसे दस्तार भी कहा जाता था, वितरित करता है.

    हरप्रीत ने वायरल वीडियो में दिख रहे टोपी पहने व्यक्ति के बारे में बताते हुए कहा, "जब हमने इस शिविर का आयोजन किया, तो एक मुस्लिम व्यक्ति भी आया, इसलिए हमने उसके लिए भी पगड़ी बांधी."

    इससे स्पष्ट है कि वायरल वीडियो का संबंध किसान आंदोलन से नहीं है, यह पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला के अंतिम अरदास के मौके पर आयोजित पगड़ी बांधने के कार्यक्रम के दौरान का वीडियो है.

    Tags

    Krishi KanoonFarmers protestFact CheckFAKE NEWSsidhu moosewalaPunjab
    Read Full Article
    Next Story
    Our website is made possible by displaying online advertisements to our visitors.
    Please consider supporting us by disabling your ad blocker. Please reload after ad blocker is disabled.
    X
    Or, Subscribe to receive latest news via email
    Subscribed Successfully...
    Copy HTMLHTML is copied!
    There's no data to copy!