सड़क पर पिस्तौल लेकर घूम रहे शख्स का वीडियो पश्चिम बंगाल का नहीं है
बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल वीडियो बांग्लादेश के कोटा सुधार आंदोलन के दौरान 16 जुलाई 2024 को चटगांव में दो गुटों के बीच हुई हिंसक झड़प का है. इसका पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद से कोई संबंध नहीं है.



सोशल मीडिया पर पश्चिम बंगाल में वक्फ संशोधन कानून के खिलाफ चल रहे विरोध प्रदर्शन के दौरान मुर्शिदाबाद में सांप्रदायिक हिंसा की घटनाओं से जोड़कर एक वीडियो वायरल है. वायरल वीडियो में हाथ में पिस्टल लेकर घूमते एक युवक को देखा जा सकता है.
बूम ने जांच में पाया कि वायरल वीडियो बांग्लादेश में जुलाई-अगस्त 2024 के दौरान हुए कोटा सुधार आंदोलन (भेदभाव विरोधी आंदोलन) का है. वीडियो में दिख रहा शख्स बांग्लादेश अवामी लीग की युवा शाखा जुबो लीग से जुड़ा है.
वायरल वीडियो के साथ दावा किया जा रहा है कि यह सरकार प्रायोजित हिंसा है, समुदाय विशेष का व्यक्ति खुलेआम असलहा लेकर सड़कों पर घूम रहा है.
वक्फ संशोधन विधेयक के पारित होने के बाद से इसके खिलाफ प्रदर्शन हो रहे हैं. एनडीटीवी की 13 अप्रैल 2025 की रिपोर्ट के अनुसार, पश्चिम बंगाल में वक्फ संशोधन कानून 2025 खिलाफ व्यापक विरोध प्रदर्शन हुए. प्रदर्शन के दौरान बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई. जाफराबाद शहर में हिंसा की घटनाओं में 3 लोगों की मौत हो गई थी. जिससे जिले में सांप्रदायिक तनाव फैल गया.
फेसबूक यूजर ने वीडियो को शेयर करते हुए लिखा है, 'पश्चिम बंगाल सरकार प्रायोजित हिंसा, जिहादी खुले आम सड़कों पर असलहे के साथ. हिन्दुओं हिंसा का जवाब, अहिंसा नहीं और न ही चुनाव है, जिन्दा कौमें चुनाव का इंतजार नहीं करती, इंतजार करते-करते आपका इंतकाल कर दिया जाएगा.'
फैक्ट चेक
वायरल वीडियो की जांच के लिए हमने वीडियो के कीफ्रेम को रिवर्स इमेज सर्च किया. सर्च के दौरान हमें वायरल वीडियो के विजुअल वाली बांग्ला भाषा में प्रकाशित बांग्लादेश से संबंधित न्यूज रिपोर्ट मिलीं.
बांग्लादेशी पोर्टल न्यूज 24 की 17 जुलाई 2024 की रिपोर्ट के अनुसार वायरल वीडियो में दिख रहे शख्स का नाम फिरोज है, जो बांग्लादेश अवामी लीग की युवा शाखा जुबो लीग का नेता है. यह शख्स शिबिर कैडर में भी रहा है. इसके खिलाफ कई आपराधिक मामले दर्ज हैं.
रिपोर्ट के अनुसार, यह वीडियो बांग्लादेश में भेदभाव विरोधी आंदोलन से जुड़े प्रदर्शन के दौरान का है. चटगांव शहर में आरक्षण समर्थक एवं आरक्षण सुधार की मांग कर रहे छात्रों के गुट आपस में भिड़ गए थे.
चटगांव के शोलाशहर स्टेशन पर दोपहर दो बजे आरक्षण समर्थक बांग्लादेशी छात्र लीग और जुबो लीग (बांग्लादेशी आवामी लीग के सहायक संगठन) से जुड़े छात्र इकट्ठे हो गए थे. वहीं मुरादपुर में आरक्षण सुधार की मांग करने वाले आंदोलनकारी इकट्ठे हो गए. जब लीग के छात्र मुरादपुर की ओर बढ़े तब आरक्षण आंदोलनकारियों ने उन्हें पीछे हटने को मजबूर किया. इस दौरान फिरोज को गोलियां चलाते हुए देखा गया.
प्रोथोम आलो की 16 जुलाई 2024 की रिपोर्ट के अनुसार, इस घटना में 3 लोगों की मृत्यु हुई थी. आरक्षण सुधार की मांग करने वाले प्रदर्शनकारी 16 जुलाई 2024 को अपराह्न 3:30 बजे चटगांव के शोलाशहर रेलवे स्टेशन पर एक प्रतिरोध कार्यक्रम में शामिल होने के लिए एकत्र हुए थे. हालांकि, जुबो लीग और छात्र लीग के नेता और कार्यकर्ता निर्धारित समय से काफी पहले ही मौके पर पहुंच गए थे. जब प्रदर्शनकारियों ने जुलूस के साथ आगे बढ़ने का प्रयास किया तो मुरादपुर में उन पर हमला कर दिया गया.
द बिजनेस स्टैन्डर्ड की 27 अगस्त 2024 की रिपोर्ट के अनुसार, बांग्लादेश में 16 जुलाई से 4 अगस्त तक चले आरक्षण विरोधी आंदोलन के दौरान चटगांव शहर में विभिन्न स्थानों पर सत्तारूढ़ अवामी लीग के सदस्यों और आरक्षण विरोधी प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक झड़पें हुईं. इस आंदोलन के दौरान सात लोग मारे गए और 100 के करीब प्रदर्शनकारी घायल हुए.