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फैक्ट चेक

द ग्रेट खली ने दुकानों पर डिस्प्ले बोर्ड के फैसले का विरोध नहीं किया, गलत दावा वायरल 

बूम को खली की मैनेजिंग टीम ने बताया कि वायरल दावा गलत है. यह वीडियो आदेश से पहले 11 जुलाई को हरियाणा में शूट किया गया था. इसका यूपी सरकार के इस फैसले से कोई संबंध नहीं है.

By - Jagriti Trisha |
Published -  22 July 2024 4:05 PM IST
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    द ग्रेट खली ने दुकानों पर डिस्प्ले बोर्ड के फैसले का विरोध नहीं किया, गलत दावा वायरल 

    सोशल मीडिया पर जाने-माने रेसलर द ग्रेट खली उर्फ दलीप सिंह राणा का एक वीडियो और उससे जुड़ी कुछ तस्वीरें वायरल है. इनमें वह मुस्लिम दुकानदारों के ठेले से आम खाते नजर आ रहे हैं. इसके साथ दावा किया जा रहा है कि वह उत्तर प्रदेश सरकार के दुकानों पर नेम प्लेट लगाने के फैसले के विरोध में मुस्लिम विक्रेताओं की दुकान से फल खा रहे हैं.

    बूम ने पाया कि यह वीडियो यूपी सरकार के आदेश आने से पहले 11 जुलाई को शूट किया गया था. इसका यूपी सरकार के फैसले से कोई संबंध नहीं है.

    गौरतलब है कि कांवड़ यात्रा के मद्देनजर उत्तर प्रदेश सरकार ने हाल ही में एक आदेश जारी किया. इसके तहत कांवड़ मार्ग में पड़ने वाली दुकानों पर मालिकों के नाम लिखने को कहा गया. इसे लेकर विवाद जारी है.

    इसे लेकर एसोसिएशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स नाम के एक एनजीओ ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी. 22 जुलाई 2024 को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने फैसले पर अंतरिम रोक लगाते हुए यूपी समेत तीन राज्यों को नोटिस दी. मामले में अगली सुनवाई 26 जुलाई को होगी.

    फेसबुक पर इससे संबंधित तस्वीरों को शेयर करते हुए एक यूजर ने लिखा, 'ग्रेट खली जी एक आम की दुकान पर आम खाने के लिए पहुंचे, बिना "नाम प्लेट" देखे हुए.'


    पोस्ट का आर्काइव लिंक.

    वहीं एक्स पर इसके वीडियो को शेयर करते हुए एक यूजर ने लिखा, 'द ग्रेट खली ने मुस्लिम भाइयों से फल खाकर नेम प्लेट वाले नियमों का विरोध किया !!.'


    पोस्ट का आर्काइव लिंक.

    यह भी पढ़ें -मजदूर की गोली मारकर हत्या का वीडियो यूपी का नहीं, ब्राजील का है


    फैक्ट चेक

    बूम ने अपने फैक्ट चेक में पाया कि यह वीडियो यूपी सरकार के आदेश से पहले का है. बूम को खली की मैनेजिंग टीम ने बताया कि वीडियो के साथ किया जा रहा दावा गलत है.

    दावे की पड़ताल के लिए हमने खली के सोशल मीडिया हैंडल की पड़ताल की. उनके इंस्टाग्राम पर हमें 11 जुलाई 2024 को पोस्ट किया गया यह वीडियो मिला. यहां वीडियो को पोस्ट करते हुए खली ने वायरल दावे जैसा कोई कैप्शन नहीं दिया था.

    आगे हमने यूपी सरकार के इस फैसले के बारे में सर्च किया. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस मामले की शुरुआत यूपी के मुजफ्फरनगर से हुई, जहां पुलिस प्रशासन ने कांवड़ यात्रा के दौरान रास्ते में पड़ने वाले दुकानों पर संचालकों के नाम प्रदर्शित करने के आदेश दिया.

    उसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 19 जुलाई को समीक्षा बैठक के दौरान पूरे प्रदेश में ही कांवड़ यात्रा के मद्देनजर नेम प्लेट लगाने के निर्देश दिए. हमें मुजफ्फरनगर पुलिस के एक्स हैंडल पर 17 जुलाई को शेयर किया गया वह नोटिस भी मिला, जिसमें कांवड़ यात्रा के रास्ते में सामान बेचने वाले दुकानदारों को नाम प्रदर्शित करने को कहा गया था.


    यानी यह आदेश 17 जुलाई के बाद चर्चा में आया जबकि खली का वीडियो 11 जुलाई को ही पोस्ट किया गया था. इससे यह बात स्पष्ट है वायरल वीडियो यूपी सरकार के नेम प्लेट वाले फैसले से पहले का है.

    पुष्टि के लिए हमने खली की टीम से भी संपर्क किया. उनकी मैनेजिंग टीम के सदस्य सुनील राणा ने बूम से बातचीत में बताया कि वीडियो के साथ किया जा रहा दावा गलत है. यह वीडियो 11 जुलाई 2024 का है. इसे हिमाचल प्रदेश से वापस आते हुए हरियाणा के यमुनानगर में शूट किया गया था. इसका यूपी सरकार के कांवड़ यात्रा वाले आदेश से कोई संबंध नहीं है.

    उन्होंने आगे बताया, "अगर ऐसा कुछ होता तो हम वीडियो के साथ जरूर मेंशन करते. इसके पीछे ऐसा कोई उद्देश्य नहीं है. खली आमतौर पर इस तरह व्लॉग या वीडियो बनाते रहते हैं. इस तरह का गलत दावा शेयर करने वालों के खिलाफ सरकार को कार्रवाई करनी चाहिए."

    खली साल 2022 में भाजपा में शामिल हुए

    आपको बताते चलें कि दलीप सिंह राणा उर्फ द ग्रेट खली भारत के मशहूर पहलवान हैं. उन्होंने साल 2000 से अपने रेसलिंग करियर की शुरुआत की थी. वह रियलिटी शो बिग बॉस का भी हिस्सा रह चुके हैं. खली साल 2022 में भाजपा में शामिल हुए. उन्हें विभिन्न चुनाव अभियानों में भाजपा के लिए प्रचार करते भी देखा गया है.

    Tags

    Uttar PradeshYogi AdityanathBJPvideo viralFact Check
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    Claim :   मशहूर रेसलर खली ने मुस्लिम दुकानदारों से आम खाकर यूपी सरकार के नेम प्लेट लगाने वाले फैसले का विरोध किया.
    Claimed By :  Social Media Users
    Fact Check :  False
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