CJI डीवाई चंद्रचूड़ का वायरल हो रहा यह कथित बयान फ़र्ज़ी है
बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल बयान पूरी तरह से फ़र्ज़ी है, सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ के कार्यालय ने भी इसकी पुष्टि की है.
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सोशल मीडिया पर सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ का एक कथित बयान वायरल है, जिसमें वह सरकार को “तानाशाह” बताते हुए “लोगों से लोकतंत्र को बचाने की अपील करते नज़र आ रहे हैं”.
हालांकि बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल बयान पूरी तरह से फ़र्ज़ी है. सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ के कार्यालय ने भी इसकी पुष्टि की है.
वायरल बयान को मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की तस्वीर के साथ साझा किया जा रहा है. तस्वीर के ऊपर भारतीय लोकतंत्र सुप्रीम कोर्ट ज़िंदाबाद लिखा हुआ है. वहीं तस्वीर के नीचे लिखा हुआ है, “हम लोग अपनी तरफ से पूरी कोशिश कर रहे हैं भारत के संविधान भारत के लोकतंत्र को बचाने की। लेकिन आप सबका सहयोग भी इसके लिए बहुत मायने रखता है सब जनता एक होकर मिलकर सड़कों पर निकलो और सरकार से अपने हक के सवाल करो यह तानाशाह सरकार तुम लोगों को डरायेगी, धमकाएगी लेकिन तुम्हें डरना नहीं है हौसला रखो और सरकार से अपना हिसाब मांगो, मैं तुम्हारे साथ हूं - डी वाई चंद्रचूड़ (चीफ़ जस्टिस)”.
फ़ेसबुक पर इस कथित बयान को असल मानकर काफ़ी शेयर किया गया है.
फ़ेसबुक पर वायरल दावे से जुड़े अन्य पोस्ट्स आप यहां, यहां और यहां देख सकते हैं.
इसके अलावा यह वायरल दावा हमें हमारे टिपलाइन नंबर 7700906588 पर भी मिला.
फ़ैक्ट चेक
बूम ने वायरल दावे की पड़ताल के लिए संबंधित कीवर्ड की मदद से न्यूज़ रिपोर्ट्स खंगाली लेकिन हमें कोई भी विश्वसनीय रिपोर्ट नहीं मिली, जिसमें वायरल कथित बयान का ज़िक्र हो.
इसलिए हमने सुप्रीम कोर्ट के सेक्रेटरी जनरल के कार्यालय में संपर्क किया. सुप्रीम कोर्ट के सेक्रेटरी जनरल ने बूम को बताया कि “यह कथित बयान पूरी तरह से फ़र्ज़ी है और इस संबंध में उचित कार्रवाई की जाएगी”.
इसके बाद हमने मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ के कार्यालय से भी संपर्क किया तो उन्होंने भी वायरल बयान को पूरी तरह से फ़र्ज़ी बताते हुए कहा कि “किसी भी मौजूदा जज के लिए ऐसा करना तर्कहीन होगा”. साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि यह बीते दिनों मुख्य न्यायाधीश के संज्ञान में भी लाया गया था और उन्होंने इस संबंध में उचित कार्रवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट के सेक्रेटरी जनरल से संपर्क किया है.
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