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      फैक्ट चेक

      लंदन में मंदिर तोड़ने वाले मुस्लिम की हुई पिटाई? नहीं, वायरल दावा फ़र्ज़ी है

      बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल वीडियो ईरान में पुलिस कस्टडी में मारी गई महसा अमीनी की मौत के बाद लंदन में हुए प्रदर्शन का है.

      By -  Srijit Das
      Published -  6 Oct 2022 11:10 AM
    • Listen to this Article
      क्या इंग्लैंड में मंदिर तोड़ने वाले मुस्लिम व्यक्ति को लोगों ने पीटा

      सोशल मीडिया पर एक वीडियो काफ़ी वायरल हो रहा है, जिसमें एक व्यक्ति को सुरक्षाकर्मी की मौजूदगी में वहां मौजूद लोगों द्वारा पीटा जा रहा है. वायरल वीडियो को इस दावे के साथ शेयर किया जा रहा है कि लंदन में लोगों ने पुलिस की मौजूदगी में मंदिर तोड़ने वाले एक व्यक्ति को पीटा. इस दौरान वहां मौजूद पुलिस की भी इतनी हिम्मत नहीं हुई कि वे उसे बचा सके.

      वायरल हो रहा वीडियो करीब 2 मिनट 10 सेकेंड का है. वीडियो में दो वर्दीधारी एक व्यक्ति को भीड़ से बचाकर पुलिसवैन के पास ले जाते दिख रहे हैं. तभी वहां मौजूद लोग उस व्यक्ति के ऊपर हमला करना शुरू कर देते हैं. पुलिस हमला कर रहे लोगों को रोकने की कोशिश भी करती है लेकिन लोग हमला करना बंद नहीं करते हैं. हालांकि बाद में वहां मौजूद लोग उन पुलिसकर्मियों पर भी हमला करना शुरू कर देते हैं, जिसके बाद पुलिस वहां से रवाना हो जाती है.

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      गौरतलब है कि इस वीडियो को बीते 28 अगस्त को एशिया कप के क्रिकेट मैच में भारत के हाथों पाकिस्तान की हार के बाद ब्रिटेन के लेस्टर शहर में भड़की हिंसा और उपजे तनाव के बीच शेयर किया जा रहा है. लेस्टर शहर में हिंदू और मुस्लिम समुदाय के बीच उपजे तनाव में कई पुलिसकर्मी घायल हो गए थे. पुलिस ने इस दौरान कई लोगों को गिरफ़्तार भी किया था.

      सुदर्शन न्यूज़ के दिल्ली ब्यूरो चीफ़ आलोक झा ने इस वीडियो को वायरल दावे के साथ अपने वेरिफ़ाईड ट्विटर अकाउंट से शेयर किया है. ट्वीट के कैप्शन में लिखा है "लंदन में मंदिर को तोड़ने वाला "जिहादी" को पीटा पुलिस की भी हिम्मत नही हुई बचाने की ऐसे ही सभी सनातनी को मिलकर कट्टरपंथी जिहादियों को सबक़ सिखाना पड़ेगा".


      हालांकि आलोक झा ने बाद में अपने ट्वीट को डिलीट कर दिया.

      वहीं फ़ेसबुक पर भी इसी तरह के दावे वाले कैप्शन के साथ वायरल वीडियो को शेयर किया गया है. इसे आप यहां. यहां, यहां और यहां देख सकते हैं.


      फ़ैक्ट चेक

      बूम ने वायरल हो रहे वीडियो की पड़ताल के लिए सबसे पहले उसके कीफ़्रेम की मदद से रिवर्स इमेज सर्च किया तो हमें news.com.au की वेबसाइट पर 28 सितंबर 2022 को प्रकाशित की गई एक रिपोर्ट मिली. इस रिपोर्ट में वायरल वीडियो से मिलते जुलते कई दृश्य मौजूद थे. जिसे आप नीचे मौजूद फ़ोटो से समझ सकते हैं.


      न्यूज़ रिपोर्ट के अनुसार ईरान में हिज़ाब न पहनने के आरोप में गिरफ़्तार महसा अमीनी की पुलिस कस्टडी में हुई मौत के बाद लंदन में विरोध प्रदर्शन हुए थे. इन्हीं प्रदर्शनों के दौरान लंदन के नार्थ वेस्ट के किलबर्न जिले में एक व्यक्ति के ऊपर कुछ लोगों ने पुलिस की मौजूदगी में हमला कर दिया था.

      इसके बाद हमने अभी तक प्राप्त जानकारियों की मदद से कीवर्ड सर्च किया तो हमें डेली मेल के यूट्यूब चैनल पर 26 सितंबर 2022 को अपलोड की गई एक वीडियो रिपोर्ट मिली. यूट्यूब वीडियो के बीच वाले हिस्से में उस व्यक्ति को देखा जा सकता है, जिसके ऊपर वायरल वीडियो में हमला किया जा रहा है.


      डेली मेल के चैनल पर अपलोड किए गए वीडियो के डिस्क्रिप्शन के अनुसार लंदन में महसा अमीनी की मौत के बाद हुए प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़क गई थी, जिसके बाद दंगा नियंत्रण बल को तैनात करना पड़ा था. इस दौरान एक धार्मिक जुलूस में शामिल एक व्यक्ति की झड़प प्रदर्शनकारियों के साथ भी हो गई थी. प्रदर्शन में शामिल लोगों ने लंदन स्थित ईरानी दूतावास की दीवार को फांदने का भी प्रयास किया था.

      जांच के दौरान हमें इस प्रदर्शन से जुड़े कुछ मीडिया रिपोर्ट भी मिले. 26 सितंबर को प्रकाशित समाचार एजेंसी एपी की रिपोर्ट के अनुसार ब्रिटेन की पुलिस ने लंदन स्थित ईरानी दूतावास के बाहर हुए हिंसक प्रदर्शन के बाद करीब 12 लोगों को गिरफ़्तार किया था. हिंसक प्रदर्शन में करीब पांच पुलिसकर्मी गंभीर रूप से ज़ख्मी हो गए थे.

      बता दें कि बीते 13 सितंबर को हिजाब न पहनने के कारण ईरान के धार्मिक मामलों की पुलिस ने पश्चिमी कुर्दिस्तान की रहने वाली 22 वर्षीय महसा अमीनी को गिरफ़्तार किया था. हिरासत में लिए जाने के बाद महसा को तेहरान के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था. दो दिनों तक कोमा के रहने के बाद 16 सितंबर को महसा अमीनी की मौत हो गई थी.

      अमीनी की मौत के बाद उसके परिवार वालों ने हिरासत में लिए जाने के बाद उसके साथ मारपीट करने का आरोप लगाया था. हालांकि पुलिस ने इन आरोपों का खंडन करते हुए मौत का कारण हार्ट फ़ैलियर बताया था. अमीनी की मौत के बाद ईरानी शासन के खिलाफ़ पूरे देश में जमकर प्रदर्शन हुए. इन प्रदर्शनों ने कई लोगों की मौत भी हुई, वहीं सैकड़ों लोग घायल भी हुए. ईरान में शुरू हुआ यह प्रदर्शन कई अन्य मुल्कों तक भी पहुंच गया. इतना ही नहीं महसा की मौत के बाद ईरान की सरकार को अमेरिका समेत कई अन्य देशों की आलोचना भी झेलनी पड़ी.

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      IranSudarshan NewsFake claimvideo viralFact Check
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      Claim :   लंदन में मंदिर तोड़ने वाले को लोगों ने पुलिस की मौजूदगी में पीटा
      Claimed By :  Sudarshan News Reporter
      Fact Check :  False
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