दिल्ली के नारायणा में हुई हत्या को साम्प्रदायिक रंग देकर शेयर किया गया
बूम ने पाया की वायरल वीडियो के साथ किया गया दावा ग़लत है. शिवा गुर्जर की हत्या के मामले में किसी तरह का साम्प्रदायिक एंगल नहीं है.
पश्चिमी दिल्ली के नारायणा इलाके में शिवा गुर्जर नाम के युवक की हत्या के बाद से एक वीडियो सोशल मीडिया पर ग़लत दावे के साथ वायरल है. इस वीडियो को साम्प्रदायिक रंग देकर शेयर किया जा रहा है. वायरल वीडियो के साथ दावा किया जा रहा है कि मुसलमानों ने शिवा गुर्जर की चाकू से गोदकर हत्या की है.
बूम ने पाया की वायरल वीडियो के साथ किया गया दावा ग़लत है. शिवा गुर्जर की हत्या के मामले में किसी तरह का साम्प्रदायिक एंगल नहीं है.
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ट्विटर यूज़र इल्विश यादव ने ट्वीट करते हुए लिखा, "एम समुदाय के लोगों द्वारा पार्किंग के एक मामूली मुद्दे पर 28 वर्षीय शिवा की हत्या कर दी गई. विडंबना यह है कि शांतिप्रिय हमेशा शांति छीनने वाले होते हैं!"
ट्वीट का आर्काइव वर्ज़न यहां देखें.
फ़ेसबुक पर वीडियो शेयर करते हुए एक यूज़र ने साम्प्रदायिक रंग देकर कैप्शन लिखा, "दिल्ली में एक और हिन्दू की लिंचिंग कर दी गई। नमाजियों द्वारा शिवा गुर्जर की चाकू से गोदकर की गई हत्या की वीडियो बहुत दर्दनाक है। इस्लामिक तरीके से मर्डर किया गया है। असुरक्षित शहर दिल्ली में हर 1-2 महीने में किसी न किसी हिन्दू की लिंचिंग होती है, कुछ दिन आक्रोश फिर सन्नाटा। ये अफगानिस्तान या सीरिया नहीं है बल्कि दिल्ली है जहां सब कुछ मुफ्त में देने वाली सरकार है. शिवा गुर्जर को उसी तरह मारा गया है जैसे तालिबान व ISIS वाले मारते हैं. बिजली, पानी के साथ मौत भी फ्री है दिल्ली में?"
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एक अन्य यूज़र ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा कि "दिल्ली नारायणा इलाके में अहमद सहित 4-5 मुस्लिमों ने हिंदू युवक शिवा गुर्जर की चाकुओं से गोदकर हत्या कर दी. पुलिस मौके पर थी पर तमाशा देखती रही मैं पहले भी कह चुका हूं की तह हत्याएं रुकेगी नहीं विवाद विषय स्कूटी सवार ने मामूली सी टक्कर मार दी थी."
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फ़ैक्ट चेक
बूम ने वायरल वीडियो के साथ किये गए दावे की सत्यता जांचने के लिए सबसे पहले इस घटना से संबंधित मीडिया रिपोर्ट्स खंगाली. इस दौरान इंडिया टुडे, न्यूज़ 18 और हिंदुस्तान की वेबसाइट पर 19 मार्च को प्रकाशित रिपोर्ट मिली.
न्यूज़ 18 की रिपोर्ट के अनुसार, पीवीआर नारायणा के पास 18 मार्च को रात करीब 10 बजे एक पान की दुकान के सामने शिवा गुर्जर की गाड़ी से पान की दुकान में काम करने वाले एक व्यक्ति को टक्कर लग गई थी. इसके बाद बहस शुरू हो गई. विवाद इतना गहरा गया कि मारपीट की नौबत आ गई.
इसके बाद पान दुकान के मालिक ने अपने चार साथियों को बुला लिया. पांचों ने मिलकर शिवा की जमकर पिटाई की. प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि उन लोगों ने किसी नुकीली चीज से शिवा को मारा था, जिस कारण उसे काफी गहरी चोटें आई थीं. शिवा की इस कारण मौत हो गई.
इन मीडिया रिपोर्ट्स में इस घटना में कहीं भी साम्प्रदायिक एंगल होने की बात नहीं कही गई है.
हिंदुस्तान टाइम्स ने अपनी रिपोर्ट में डीसीपी वेस्ट घनश्याम बंसल के हवाले से शिवा गुर्जर के हत्या में शामिल लोगों की पहचान धर्मेंद्र राय (52), सचिन राय (22), रामानुज राय (22) और वकील (23) के रूप में की है, जो सभी नारायणा के रहने वाले हैं.
बूम ने नारायणा पुलिस स्टेशन के SHO समीर श्रीवास्तव से संपर्क किया. उन्होंने बूम को बताया कि इस मामले में साम्प्रदायिक एंगल होने का दावा पूरी तरह से बकवास है.
दिल्ली पुलिस के सत्यापित ट्विटर अकाउंट ने भी मामले के संबंध में डीसीपी वेस्ट दिल्ली का एक वीडियो बाइट शेयर किया, जिसमें "निराधार सांप्रदायिक दावे" का खंडन किया गया है. साथ ही लोगों से इस मुद्दे को एक अपराध के रूप में देखने के लिए कहा गया है.
डीसीपी वेस्ट ने स्पष्ट किया कि मरने और मारने वाले दोनों व्यक्ति एक ही समुदाय से हैं. इस मामले में साम्प्रदायिक एंगल पूरी तरह से निराधार है.
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