सचिन पायलट ने सरकार के दबाव में ऑक्सफोर्ड डिबेट छोड़ने का दावा नहीं किया
बूम ने पाया कि सचिन पायलट ने ऐसा कोई बयान नहीं दिया है. एआई डिटेक्टर टूल Deepfake-O-Meter, Hive Moderation और एआई वॉइस डिटेक्टर टूल Hiya ने इस वीडियो के एआई से बने होने की पुष्टि की है.

ब्रिटेन में पाकिस्तान और भारत के वक्ताओं के बीच होने वाली ऑक्सफोर्ड यूनियन की डिबेट कैंसिल होने के बाद कांग्रेस नेता सचिन पायलट का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है. इसमें वह कह रहे हैं, 'मैं भारत-पाकिस्तान संबंधों पर खुलकर बोलने के लिए उत्सुक था लेकिन सरकार के दबाव के कारण मुझे अंतिम समय में डिबेट से बाहर कर दिया.'
बूम ने जांच में पाया कि सचिन पायलट ने ऐसा कोई बयान नहीं दिया है. वायरल वीडियो एआई जनरेटेड है. एआई डिटेक्टर टूल Deepfake-O-Meter, Hive Moderation और एआई वॉइस डिटेक्टर टूल Hiya ने इस वीडियो के एआई से बने होने की संभावना व्यक्त की है.
गौरतलब है कि 27 नवंबर 2025 को ऑक्सफोर्ड यूनियन में भारत और पाकिस्तान के वक्ताओं के बीच एक डिबेट होनी थी जो रद्द हो गई. इसमें राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट शामिल होने वाले थे. लंदन स्थित पाकिस्तान हाई कमीशन ने कहा कि भारतीय वक्ता आखिरी मिनट पर हट गए. वहीं भारतीय वक्ताओं का कहना है कि पाकिस्तान की आधिकारिक डेलीगेशन न आने के कारण कार्यक्रम रद्द हुआ और बाद में भारत पर झूठा आरोप मढ़ा गया है.
सोशल मीडिया पर क्या है वायरल?
एक्स पर एक यूजर (आर्काइव लिंक) ने इस वीडियो को शेयर करते हुए लिखा, ‘ सचिन पायलट द्वारा पुष्टि की गई है, भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने मोदी सरकार के दबाव में वॉकआउट किया है. बीजेपी मेरे भारत को वैश्विक मंच पर अपमानित क्यों कर रही है? भारतीयों के नैतिक मूल्यों और प्रतिष्ठा को पूरी दुनिया में क्यों नुकसान पहुंचाया गया?’
पड़ताल में क्या मिला:
वायरल वीडियो एआई मैनिपुलेटेड
बूम ने वायरल वीडियो की पड़ताल के लिए दावे से संबंधित कीवर्ड से गूगल पर सर्च किया. लेकिन हमें सचिन पायलट के इस बयान की पुष्टि करने वाली कोई भी विश्वनीय न्यूज रिपोर्ट मिली.
हमें वायरल वीडियो के एआई जनरेटेड होने का संदेह हुआ. हमने सचिन पायलट के इस वायरल वीडियो को एआई डिटेक्टर टूल Deepfake-O-Meter, Hive Moderation और एआई वॉइस डिटेक्टर टूल Hiya पर इसे चेक किया तो पाया कि यह वीडियो वास्तविक नहीं है, बल्कि इसमें एआई की मदद से छेड़छाड़ की गई है.
Deepfake-O-Meter के LIPINC (2024) मॉडल के मुताबिक यह वीडियो 99.3 प्रतिशत तक फेक है और संभावित तौर पर एआई जनरेटेड है. वहीं Hive Moderation के अनुसार यह वीडियो 99 प्रतिशत तक एआई जनरेटेड है.
एआई वॉइस डिटेक्टर टूल Hiya ने भी वीडियो के ऑडियो को 1/100 का ऑथेंसिटी स्कोर दिया है, जिसका मतलब है कि वीडियो के एआई होने की संभावना काफी अधिक है.
कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने भी अपने एक्स हैंडल पर पोस्ट कर इस वीडियो को फेक बताया है.
मूल वीडियो अक्टूबर 2025 का
हमें इंडिया टुडे के यूट्यूब चैनल पर 5 अक्टूबर 2025 को शेयर किया गया सचिन पायलट का यह मूल वीडियो भी मिला, जिसमें इस फर्जी एआई जनरेटेड ऑडियो को लगाया है. इस वीडियो सचिन पायलट बता रहे थे कि वह पुलिस द्वारा डिटेन किए गए राजस्थान एनएसयूआई के अध्यक्ष विनोद जाखड़ जी मिलने गए थे.


