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फैक्ट चेक

लाल क़िले पर फ़हराया गया ख़ालिस्तानी झंडा?

किसान आंदोलन के चलते सैकड़ों किसानों ने लाल क़िले को घेरा था. इसके बाद ही दावे वायरल हैं कि लाल क़िले पर तिरंगा हटा कर ख़ालिस्तानी झंडा फ़हराया गया.

By - Nivedita Niranjankumar |
Published -  27 Jan 2021 3:18 PM IST
  • लाल क़िले पर फ़हराया गया ख़ालिस्तानी झंडा?

    नेटिज़ेंस का दावा कि प्रदर्शन कर रहे किसानों ने लाल क़िले पर भारतीय तिरंगा हटा कर ख़ालिस्तान का झंडा फ़हराया, फ़र्ज़ी है.

    बूम ने पाया कि लाल क़िले पर भारतीय तिरंगे को किसी ने नहीं छुआ था. वहां एक खाली स्तम्भ था जिसपर किसानों ने किसान मज़दूर एकता और निशान साहिब का झंडा फ़हराया था. इस गणतंत्र दिवस पर किसान आंदोलन के चलते दिल्ली पुलिस और किसानों के बीच टकराओ हुआ. यह टकराओ ट्रांसपोर्ट नगर के अलावा कई जगहों पर रिपोर्ट किया गया. किसानों का एक बड़ा जत्था लाल क़िला परिसर में भी घुस गया था.

    Khalistani Flag hoisted on Red Fort.. BlACK DAY FOR INDIA .. https://t.co/Rz5peVQrHC

    — Sumit Kadel (@SumitkadeI) January 26, 2021


    Peaceful farmers hoisting/waving the Khalistan flag at Red Fort on Republic Day. I'm speechless. https://t.co/XDX5ZyXmee

    — Ishita Yadav (@IshitaYadav) January 26, 2021

    Shameful. 😡

    No one has the right to remove the Indian flag from Red fort that too on #RepublicDay.

    Your move, @narendramodi. 🖐 #दिल्ली_पुलिस_लठ_बजाओ

    pic.twitter.com/AfM9NKMUHR

    — Abhishek Mudgal (@AbhishekMudgal_) January 26, 2021


    फ़ैक्ट चेक

    बूम ने पाया कि दोनों दावे फ़र्ज़ी हैं. लाल क़िले पर प्रदर्शन के दौरान फ़िल्माए गए वीडिओज़ में देखा जा सकता है कि भारतीय तिरंगे को किसी ने नहीं छुआ. एक खाली स्तम्भ पर निशान साहिब और किसान मज़दूर एकता के झंडे फ़हराए गए. वहां कोई ख़ालिस्तान का झंडा नहीं था.

    पहला दावा - किसानों ने हटाया भारतीय तिरंगा

    हमनें प्रदर्शनकारी किसानों द्वारा किये गए कई फ़ेसबुक लाइव वीडियो खंगाले. हमनें देखा कि जिस स्तम्भ पर किसानों ने झंडे फ़हराए वो खाली खम्बा था.

    लाल क़िले के बाहरी इलाके से फ़िल्माए गए एक वीडियो में साफ़ दिख रहा है कि क़िले पर फ़हरा रहा भारतीय तिरंगा उस वक़्त भी फ़हरा रहा है जब किसान एक खाली खम्बे पर निशान साहिब और एक किसान मज़दूर एकता का झंडा फ़हरा रहे हैं.

    नीचे एक वीडियो का स्क्रीनशॉट देखें. इसमें दिख रहे दो लाल छोटे गुम्मद पर भी कोई झंडा नहीं है.


    इसके अलावा हमें एक और फ़ेसबुक लाइव मिला जिसमें सुरक्षाकर्मी खम्बे के नीचे खड़े हैं और किसानों को इकठ्ठा होते देख रहे हैं.

    वीडियो में 3.34 सेकंड पर देख सकते हैं कि सुरक्षाकर्मी खाली फ्लैग पोस्ट के नीचे खड़े हैं. इसी वीडियो में 11.03 समय बिंदु पर किसान दौड़ते हैं और उनमें से एक के हाथ में पीला त्रिकोण झंडा है.

    इन दोनों दृश्यों में पोल पर कोई झंडा नहीं है. इससे यह भी मालूम होता है कि किसानों ने तिरंगा नहीं निकाला है.


    वीडियो में देख सकते हैं कि दो बार झंडा फ़हराने कि नाकाम कोशिश तक पोल खाली है. तीसरी कोशिश में एक व्यक्ति दोनों झंडे फ़हराता है.


    यही वीडियो नीचे देखें.

    वायर एजेंसी ए.एन.आई द्वारा पोस्ट की गयी एक फ़ुटेज में भी तिरंगा साफ़ दिख रहा है.

    #WATCH A protestor hoists a flag from the ramparts of the Red Fort in Delhi#FarmLaws #RepublicDay pic.twitter.com/Mn6oeGLrxJ

    — ANI (@ANI) January 26, 2021

    इसके बाद हमनें आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ़ इंडिया के अधिकारी से संपर्क किया जिन्होंने पुष्टि की कि उस पोल पर गणतंत्र दिवस पर भारतीय तिरंगा नहीं फ़हराया जाता है.

    अधिकारी ने कहा, "लाल किले पर लगा बड़ा झंडा हर रोज फ़हराया जाता है. इसके अलावा, छोटे सफेद गुंबद पर स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर छोटे भारतीय झंडे फहराए जाते हैं. उक्त पोल जहां किसानों ने अपना झंडा फहराया था, उस पर भारतीय तिरंगा नहीं था."

    अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर प्रदर्शन कर रहे किसानों के इस कदम की अवहेलना की और कहा, "जबकि वे इस तरह से क्षेत्र में प्रवेश कर रहे हैं वे अवैध हैं, उन्होंने परिसर से कोई झंडा नहीं हटाया."

    दूसरा दावा - किसानों ने ख़ालिस्तानी झंडा फ़हराया

    बूम ने पाया कि प्रदर्शनकारियों ने निशान साहिब और बाद में किसान संघ एकता का झंडा फ़हराया। हमें ए.एन.आई द्वारा एक ट्वीट मिला, जिसमें दोनों फ़हराए गए झंडे दिखाए गए और उनमें से प्रत्येक की तुलना ख़ालिस्तान आंदोलन के आधिकारिक ध्वज से की गई और पाया कि दोनों इसका मेल नहीं खाते हैं।

    Delhi: Flags installed by protestors continue to fly at Red Fort. #FarmLaws #RepublicDay pic.twitter.com/U0SZnTw4Wn

    — ANI (@ANI) January 26, 2021

    हमने लाल किले पर फ़हराए गए नारंगी त्रिकोणीय झंडे की तुलना पहले निशान साहिब से की और फिर गेटी इमेज पर खालिस्तान के झंडे के साथ की. फ़हराया जाने वाला नारंगी झंडा सिख समुदाय के धार्मिक झंडे के आकार और रंग में समान दिखता है जिसे निशान साहिब भी कहा जाता है. गेटी इमेज में देखा गया ख़ालिस्तान झंडा कई सिख अलगाववादी समूहों द्वारा इस्तेमाल किया गया है और केंद्र में दिखाई देने वाले खंड और शब्दों के साथ चौकोर और पीला है, जिसके नीचे 'ख़ालिस्तान' लिखा हुआ है.


    निशान साहिब क्या है?

    निशान साहिब एक धार्मिक झंडा है जो सिख समुदाय द्वारा उपयोग किया जाता है और आमतौर पर एक गुरुद्वारे के बाहर फहराया जाता है. सिख धार्मिक ब्लॉग इसे एक ध्वज के रूप में समुदाय के लिए बहुत महत्व देते हैं और इसे एक स्टील के खंभे पर रखा जाता है, जो भगवा रंग के कपड़े से ढंका होता है.

    दूसरा झंडा

    बूम ने दिल्ली में विरोध कर रहे किसान यूनियनों से संपर्क किया. उन्होंने कहा कि दूसरा झंडा किसान मजदूर एकता का झंडा है. किसान मज़दूर एकता प्रदर्शनकारी किसानों का एक संघ है. हम संघ के किसी भी सत्यापित फ़ेसबुक पेज या ट्विटर हैंडल तक नहीं पहुंच पाए और तुलना नहीं कर पाए, लेकिन 25 जनवरी, 2021 को इंडियन एक्सप्रेस में प्रकाशित एक समाचार में पाया गया कि पंजाब में कई व्यवसायी किसान यूनियन के झंडे फ़हरा रहे हैं.

    रिपोर्ट में एक ध्वज विक्रेता की फोटो में कुछ झंडे हैं जो लाल किले पर फहराए गए झंडे के समान थे.


    इसके अलावा, दीप सिद्धू, एक अभिनेता हैं, जो लाल किले में मौजूद थे और कहा जाता है कि उन्हें कथित रूप से झंडा फ़हराने को दिया गया. उन्होंने एक वीडियो पोस्ट किया जिसमें कहा कि भारत का झंडा फ्लैगपोल से नहीं हटाया गया था और उन्होंने केवल मजदूर एकता का झंडा और निशान साहिब का झंडा फ़हराया.

    (अनमोल अल्फांसो द्वारा अतिरिक्त रिपोर्टिंग)

    Tags

    Red FortKhalistanKisan ParadeTractor ParadeFAKE NEWSFact CheckINDIADelhi NCRDelhidelhi police
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    Claim :   लाल क़िले पर किसानों ने भारतीय तिरंगे को ख़ालिस्तानी झंडे से बदला
    Claimed By :  Social media
    Fact Check :  False
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