आरएसएस का INDIA गठबंधन को वोट करने की अपील का दावा भ्रामक है
बूम ने पाया कि प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे लोग एक अलग राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) संगठन से हैं. बूम को इसके संस्थापक और अध्यक्ष जनार्दन मून ने बताया कि उनका संगठन मोहन भागवत के नेतृत्व वाले आरएसएस से अलग है.
सोशल मीडिया पर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे कुछ लोगों का एक वीडियो वायरल है. प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी सरकार की आलोचना करते हुए चुनाव में INDIA गठबंधन को वोट देने की अपील करते नजर आ रहे हैं. यूजर्स इसे मोहन भागवत के नेतृत्व वाली 'राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ' (आरएसएस) मानते हुए दावा कर रहे हैं कि संघ ने INDIA गठबंधन के पक्ष में वोट करने की अपील की है.
बूम ने अपनी जांच में पाया कि यह एक अलग आरएसएस संगठन है, जिसके संस्थापक और अध्यक्ष जनार्दन मून हैं. बूम को जनार्दन मून ने बताया कि उनका संगठन मोहन भागवत के नेतृत्व वाले आरएसएस से अलग है.
गौरतलब है कि आने वाले लोकसभा चुनाव 2024 के लिए तारीखों का ऐलान हो चुका है. लोकसभा की 543 सीटों के लिए मतदान सात फेज में होगा. पहले फेज की वोटिंग 19 अप्रैल को और आखिरी फेज की वोटिंग 1 जून को होगी. 4 जून को नतीजे आएंगे.
एक्स यूजर ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा, 'देशभर में आरएसएस ने दिया INDIA गठबंधन को समर्थन, देशभर के संघियों से INDIA गठबंधन के पक्ष में वोट करने की अपील की.'
आर्काइव पोस्ट यहां देखें.
फेसबुक पर भी इसी दावे से यह वीडियो वायरल है.
आर्काइव पोस्ट यहां देखें.
फैक्ट चेक
वायरल वीडियो में 'आवाज इंडिया' का लोगो लगा दिखाई दे रहा था. हमने इसे यूट्यूब पर सर्च किया. हमें AWAAZ INDIA TV नाम के यूट्यूब चैनल पर 24 मार्च 2020 को अपलोड किया गया यह मूल वीडियो मिला. इसी का एक हिस्सा काटकर वायरल किया जा रहा है.. वीडियो में 35 सेकंड से वायरल वीडियो वाले हिस्से को देखा जा सकता है.
वायरल वीडियो में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे लोगों के पीछे 'राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ' लिखा हुआ बैनर और उस पर एक लोगो लगा दिखाई दे रहा है, जो मोहन भागवत के नेतृत्व वाले 'राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ' के कलर पैटर्न और लोगो से अलग दिख रहा है.
वीडियो में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे व्यक्ति को 'राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ' का संस्थापक अध्यक्ष जनार्दन मून बताया गया था. हमने इसको लेकर मीडिया रिपोर्ट सर्च कीं. एक सितंबर 2017 को प्रकाशित हिंदुस्तान टाइम्स की न्यूज रिपोर्ट के अनुसार, नागपुर के एक पूर्व नगरसेवक और सामाजिक कार्यकर्ता जनार्दन मून ने अपने स्वैच्छिक संगठन (voluntary organisation) राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) को रजिस्टर कराने के लिए लोकल चैरिटी कमिश्नर को एक आवेदन पत्र दिया था.
टाइम्स ऑफ इंडिया की 22 जनवरी 2019 को पब्लिश रिपोर्ट के मुताबिक, बॉम्बे हाई कोर्ट ने जनार्दन मून की 'आरएसएस' को रजिस्टर कराने की याचिका को खारिज कर दिया था.
इसके अलावा हमने पाया कि मोहन भागवत के नेतृत्व वाली आरएसएस के मुखपत्र 'आर्गनाइजर वीकली' ने इस वीडियो को पोस्ट करते हुए इसे 'नकली आरएसएस' कहा है.
आर्काइव पोस्ट यहां देखें.
बूम ने अधिक स्पष्टिकरण के लिए जनार्दन मून से बात की. उन्होंने हमें बताया, "हमारा संगठन मोहन भागवत के नेतृत्व वाले आरएसएस संगठन से अलग है."
उन्होंने आगे कहा, "पिछले 10 साल में नरेंद्र मोदी सरकार के संविधान और जन विरोधी कार्यों के प्रति मतदाताओं को जागरूक करने और चुनाव में INDIA गठबंधन को जिताने की अपील करने के लिए हम वह प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे थे."