क्या राष्ट्रपति भवन में मांसाहारी दावत पर लगा पूर्ण प्रतिबंध? फ़ैक्ट चेक
बूम ने पाया कि राष्ट्रपति भवन में मांसाहार भोज पर पूर्ण प्रतिबंध वाला दावा फ़र्ज़ी है.
बीते दिनों द्रौपदी मुर्मू ने देश के नए राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ली और कार्यभार संभाला. राष्ट्रपति पद का कार्यभार संभालने के बाद सोशल मीडिया पर एक दावा काफ़ी वायरल हो रहा है कि "राष्ट्रपति भवन में किसी भी प्रकार के मांसाहारी दावत या पेय पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया है".
वायरल दावे को सोशल मीडिया पर काफ़ी शेयर किया जा रहा है. हालांकि बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल दावा फ़र्ज़ी है.
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सोशल मीडिया पर वायरल दावे को हिंदी और अंग्रेजी दोनों कैप्शन के साथ शेयर किया जा रहा है.
हिंदी कैप्शन वाले वायरल दावे में लिखा गया है "आज से राष्ट्रपति भवन में किसी भी प्रकार का मांसाहारी /नॉनवेज दावत या पेय पर पूर्णतः प्रतिबंध". इसके अलावा किसी किसी में दावे में यह भी लिखा गया है कि "रोज सुबह स्वयं राष्ट्रपति 4:00 बजे ब्रह्म मुहूर्त में ईश्वरी स्तुति के साथ दीया जलाकर आरती भी करेंगे".
सोशल मीडिया ख़ासकर फ़ेसबुक पर वायरल हो रहे दावे को यहां, यहां, यहां और यहां देखा जा सकता है.
बूम को वायरल दावा टिपलाइन पर भी मिला.
फ़ैक्ट चेक
बूम ने वायरल दावे की पड़ताल के लिए सबसे पहले इससे जुड़ी न्यूज़ रिपोर्ट्स को ख़ोजना शुरू किया तो हमें ऐसी कोई न्यूज़ रिपोर्ट नहीं मिली, जिसका जिक्र वायरल दावे में किया जा रहा है. इसी दौरान हमें सरकारी विभागों से जुड़े फ़ेक ख़बरों की जांच करने वाली पीआईबी फैक्ट्स चेक का एक ट्वीट मिला. जिसमें उन्होंने वायरल दावे का खंडन किया है.
पीआईबी के द्वारा किए गए फ़ैक्ट चेक में बताया कि वायरल दावा फ़र्ज़ी है और ऐसा कोई भी बदलाव नहीं किया गया है.
इस दौरान हमने अपनी जांच को और पुख्ता बनाने के लिए राष्ट्रपति भवन के प्रेस सचिव के कार्यालय में संपर्क किया. प्रेस सचिव के कार्यालय ने बताया कि आप इसके लिए पीआईबी के द्वारा की गई फ़ैक्ट चेक को देख सकते हैं. हालांकि उन्होंने सीधे सीधे कुछ भी बोलने से मना कर दिया.
अपनी जांच के दौरान हमने राष्ट्रपति भवन से जुड़े एक व्यक्ति से भी संपर्क किया तो उन्होंने अपना नाम न छापने की शर्त पर बताया कि राष्ट्रपति भवन में पूरी तरह से नॉनवेज दावत पर प्रतिबंध वाला दावा फ़र्ज़ी है.
हालांकि उन्होंने यह भी बताया कि राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति एवं उनके परिवार वालों के लिए अलग किचन है और अतिथियों एवं सरकारी मेहमानों के लिए अलग किचन हैं. राष्ट्रपति के शाकाहारी होने की वजह से उनके और उनके परिवार वालों के किचन में शाकाहारी खाना ही बनता है. जबकि सरकारी मेहमानों और अतिथियों वाले किचन के लिए अभी तक ऐसा कोई आदेश नहीं आया है, जैसा दावा सोशल मीडिया पर किया जा रहा है.
बता दें कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू वर्ष 2009 से ब्रह्माकुमारी संस्थान से जुड़ी हुई हैं. वे झारखंड की राज्यपाल रहते हुए भी कई बार ब्रह्माकुमारी संस्थान के कार्यक्रम में शामिल हो चुकी है. ब्रह्माकुमारी संस्थान के पीआरओ कोमल भाई के अनुसार यह संस्थान लोगों को आध्यात्म की शिक्षा देता है और इसका मुख्यालय राजस्थान के माउंट आबू में है. हालांकि कई देशों में इसकी शाखाएं हैं. साथ ही उनके अनुसार इस संस्थान से जुड़े लोग शुद्ध शाकाहारी हैं.
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