राजस्थान में महिला को पीटने और जबरन धार्मिक नारे लगवाने का पुराना वीडियो वायरल
बूम ने जांच में पाया कि यह राजस्थान के नागौर की 6 साल पुरानी घटना है और पुलिस ने इस मामले में श्रवण और प्रकाश मेघवाल नाम के व्यक्ति को गिरफ़्तार किया था.
सोशल मीडिया पर एक महिला को बेरहमी से पीटे जाने और उससे जबरन ‘अल्लाह’, ‘जय श्री राम’ एवं ‘जय हनुमान’ बुलवाए जाने का वीडियो काफ़ी वायरल हो रहा है. वीडियो को हाल के दिनों में कई सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म पर शेयर किया गया है.
हालांकि बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल वीडियो क़रीब 6 साल पुराना है और यह राजस्थान के नागौर की घटना है. नागौर पुलिस ने इस मामले में श्रवण मेघवाल और प्रकाश मेघवाल नाम के व्यक्ति को गिरफ़्तार किया था.
वायरल वीडियो क़रीब 45 सेकेंड का है. वीडियो में दो युवक हरे रंग की एक पाइप से एक महिला की बेरहमी से पिटाई करते नज़र आ रहे हैं. इस दौरान वे उसे ‘अल्लाह’, ‘जय श्री राम’, ‘जय हनुमान’ बोलने के लिए भी मजबूर करते हैं. इस दौरान वहां कई और लोग भी खड़े दिखाई दे रहे हैं.
वीडियो को अकील खान नाम के एक वेरिफ़ाईड ट्विटर यूज़र ने लंबे कैप्शन के साथ शेयर किया है. कैप्शन में लिखा हुआ है, “बहुत ही अफसोस की बात है एक बुजुर्ग महिला से जय श्रीराम के नारे लगवाए जा रहे हैं वह नहीं लगा पा रही हैं उस बूढ़ी औरत को आठ 10 लोग इकट्ठा होकर मार रहे हैं राम ने यही कहा था क्या मेरे नाम पर आतंक मचा ना बेगुनाह लोगों को मारना लोगों ने राम के नाम को बदनाम कर दिया”.
इस वीडियो को हाल के दिनों में फ़ेसबुक पर भी इसी तरह के कैप्शन के साथ शेयर किया गया है, जिसे आप यहां, यहां और यहां देख सकते हैं.
फ़ैक्ट चेक
बूम ने वायरल वीडियो की पड़ताल के लिए उसके कीफ़्रेम की मदद से रिवर्स इमेज सर्च किया तो हमें जनसत्ता की वेबसाइट पर 16 जून 2017 को प्रकाशित रिपोर्ट मिली. इस रिपोर्ट में वायरल वीडियो से जुड़े दृश्य फ़ीचर इमेज के रूप में मौजूद थे.
जनसत्ता की रिपोर्ट के अनुसार, यह घटना राजस्थान के नागौर जिले के बालाजी थाना अंतर्गत कालानाड़ अलाय थाना क्षेत्र की है. दो युवकों ने सरेआम मानसिक रूप से कमजोर एक महिला की पाइप से पिटाई की थी और उसे अल्लाह, जय श्री राम और जय हनुमान बोलने के लिए मजबूर किया था. नागौर पुलिस ने घटना का वीडियो वायरल होने के बाद प्रकाश और श्रवण नाम के दो व्यक्तियों को गिरफ़्तार किया था.
रिपोर्ट में समाचार एजेंसी एएनआई द्वारा 16 जून 2017 को किया गया दो ट्वीट भी मौजूद था. एक ट्वीट में वायरल वीडियो से जुड़े कुछ दृश्य मौजूद थे और साथ ही दूसरे ट्वीट में नागौर के तत्कालीन डीएसपी ओम प्रकाश गौतम के बयान मौजूद थे. डीएसपी गौतम के अनुसार, यह घटना 13 जून 2017 की थी और इसमें शामिल दो व्यक्तियों प्रकाश और श्रवण को गिरफ़्तार किया गया था.
इसके बाद हमने प्राप्त जानकारियों के आधार पर कीवर्ड सर्च किया तो हमें द क्विंट के यूट्यूब चैनल पर 16 जून 2017 को अपलोड की गई वीडियो रिपोर्ट मिली. इस रिपोर्ट में वायरल वीडियो और तत्कालीन डीएसपी ओम प्रकाश गौतम के बयान मौजूद थे. डीएसपी ओम प्रकाश गौतम ने यहां वही सब जानकारी दी थी, जो ऊपर लिखी हुई है.
इसके अलावा हमें 17 जून 2017 को आजतक की वेबसाइट पर भी प्रकाशित रिपोर्ट मिली. इस रिपोर्ट में भी इसे 13 जून 2017 की घटना बताते हुए वही सब जानकारी दी गई थी, जो ऊपर मौजूद रिपोर्ट में है.
इसी दौरान हमें इंडियन एक्सप्रेस की वेबसाइट पर 18 जून 2017 को प्रकाशित रिपोर्ट मिली. इस रिपोर्ट में घटना से जुड़ी अहम जानकारियां दी गई थी.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट में स्थानीय पुलिसकर्मियों और दोनों आरोपियों श्रवण और प्रकाश के हवाले से लिखा गया था कि इस घटना से कुछ दिन पहले उसके गांव और आस पास के इलाकों में बाल काटने वाले और बेहोश कर लूटने वाले गैंग की अफ़वाह उड़ी थी. इसी दौरान 13 जून 2017 की दोपहर को नागौर-बीकानेर हाईवे के पास की एक बस्ती में एक महिला लोगों से खाना मांग रही थी. तभी उड़ रहे अफ़वाहों के चलते किसी ने महिला से यह पूछा कि क्या कोई और भी उसके साथ है? इसपर महिला ने मानसिक रूप से कमजोर होने की वजह से सिर हिलाकर जवाब दिया. जिसके बाद बच्चों की मदद से अफ़वाह इलाक़े भर में फ़ैल गई और दहशत का माहौल बन गया.
इसी दौरान प्रकाश मेघवाल और उसके भतीजे श्रवण मेघवाल ने उस महिला को पकड़ लिया और उसे पीटना शुरू कर दिया. इस दौरान दोनों ने उससे अपना धर्म बताने के लिए ‘अल्लाह’, ‘जय श्री राम’ और ‘जय हनुमान’ कहलवाए. हालांकि आरोपियों का यह तर्क था कि महिला कुछ नहीं बोल रही थी और वे महिला को बोलने के लिए कह रहे थे. बाद में पुलिस ने दोनों आरोपियों पर कार्रवाई करते हुए आईपीसी की धारा 341, 323 और 354 के तहत मामला दर्ज किया था.
गुरुग्राम में बांग्लादेशी मुस्लिमों द्वारा किन्नर की हत्या करने का दावा ग़लत है