क्या मेवाड़ विश्विद्यालय में चंद्रयान-3 का जश्न मना रहे विद्यार्थी को कश्मीरी छात्रों ने पीटा?
बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल दावा फ़र्ज़ी है, यह झगड़ा मेस में कतार तोड़ने को लेकर हुआ था और इसका चंद्रयान-3 की लैंडिंग से कोई संबंध नहीं है.
दक्षिणपंथी X(पूर्व में ट्विटर) हैंडल मेघ अपडेट्स ने बीते दिनों एक वीडियो अपने वेरीफाईड अकाउंट से शेयर किया, जिसमें कुछ लोग नारा-ए-तक़बीर और अल्लाह-हू-अकबर के नारे लगाते नज़र आ रहे हैं. इस दौरान एक अन्य आवाज भी पृष्ठभूमि में सुनाई दे रही है, जिसमें इस वीडियो को राजस्थान के चित्तौड़गढ़ के मेवाड़ विश्वविद्यालय का बताया जा रहा है.
वीडियो को इस दावे से शेयर किया गया है कि "विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले कश्मीरी छात्रों ने चंद्रयान-3 की सफ़ल लैंडिंग का जश्न मना रहे इंजीनियरिंग के एक विद्यार्थी पर हमला किया. इस दौरान हुई झड़प में आयुष नाम के विद्यार्थी की हालत गंभीर हो गई और उसे बेहतर उपचार के लिए उदयपुर रेफर किया गया है".
हालांकि, बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल दावा फ़र्ज़ी है. चित्तौड़गढ़ पुलिस और इस झड़प में शामिल रहे दोनों ही पक्ष ने हमें बताया कि यह झगड़ा मेस में कतार तोड़ने को लेकर हुआ था और इसका चंद्रयान-3 की लैंडिंग से कोई संबंध नहीं है.
क़रीब 30 सेकेंड वाले इस वीडियो को दक्षिणपंथी X हैंडल मेघ अपडेट्स ने वायरल दावे वाले अंग्रेज़ी कैप्शन के साथ साझा किया है.
यह वीडियो फ़ेसबुक पर भी वायरल दावे से ही शेयर किया गया है.
फ़ैक्ट चेक
बूम ने वायरल वीडियो की पड़ताल के लिए संबंधित कीवर्ड की मदद से न्यूज़ रिपोर्ट्स खंगाली तो हमें आजतक और नवभारत टाइम्स समेत कई वेबसाइट पर इससे जुड़ी रिपोर्ट मिली.
26 अगस्त 2023 को आजतक की वेबसाइट पर प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, राजस्थान के चित्तौड़गढ़ के गंगरार स्थित मेवाड़ यूनिवर्सिटी में मेस में खाने के दौरान कश्मीरी छात्रों के साथ स्थानीय छात्र की किसी बात को लेकर बहस हो गई. इसके बाद कश्मीरी छात्रों ने वहां मौजूद अन्य छात्रों पर हमला कर दिया था. इस दौरान दो छात्र भी घायल हो गए थे, जिनमें से एक छात्र की हालत गंभीर होने की वजह से उसे उदयपुर रेफ़र कर दिया गया.
रिपोर्ट में यह भी बताया गया था कि इस दौरान स्थानीय हिंदू संगठनों के लोग भी विश्वविद्यालय पहुंच गए थे. हालांकि बाद में घटना की जानकारी मिलने पर पुलिस भी वहां पहुंची थी और विवाद शांत कराया गया था. रिपोर्ट में यूनिवर्सिटी के निदेशक हरीश गुरनानी का बयान भी मौजूद था. हरीश गुरनानी के अनुसार, मेस में खाने के लिए लाइन लगने के दौरान पहले खाना लेने की बात से यह झगड़ा शुरू हुआ था. इस दौरान कश्मीरी विद्यार्थियों ने नारेबाजी भी की थी. पुलिस ने इस दौरान कुछ विद्यार्थियों को हिरासत में भी लिया था.
इसके अलावा 26 अगस्त को नवभारत टाइम्स की वेबसाइट रिपोर्ट में भी बताया गया था कि मेस के खाने के दौरान ही झगड़ा शुरू हुआ, जो बाद में बवाल और तोड़फोड़ में बदल गया. इसमें दो युवक गंभीर रूप से घायल हो गए थे.
चूंकि किसी भी रिपोर्ट में चंद्रयान-3 की लैंडिंग के जश्न का जिक्र नहीं किया गया था, इसलिए हमने गंगरार थाने से संपर्क किया. गंगरार थाने के सब इंसपेक्टर श्याम लाल ने बूम को बताया कि "25 अगस्त 2023 की रात्रि भोजन के दौरान मेस में एक राजस्थानी युवक की विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले एक कश्मीरी छात्र से बहस हो गई थी. दरअसल राहुल पूनिया नाम का एक युवक मेस में खाना खाने गया था, वहां सबसे पहले लगे चावल के काउंटर पर कई छात्र खड़े थे. चूंकि उसे चावल नहीं खाना था इसलिए वह आगे बढ़ गया. तभी लाइन में लगे एक कश्मीरी युवक कुतुबुद्दीन ने इसपर सवाल उठाया. जिसके बाद दोनों के बीच बहस हो गई".
आगे उन्होंने बताया कि "बाद में यह बहस विवाद और हिंसक झड़प में बदल गई. इस दौरान घायल छात्रों को बेहतर उपचार के लिए अस्पताल भेजा गया. वहीं हिंसा में शामिल रहे कुछ छात्रों को शांति भंग करने के आरोप में हिरासत में लिया गया था. लेकिन बाद में उन सभी को छोड़ दिया गया. दोनों ही पक्षों की तरफ़ से इस मामले में एफ़आईआर दर्ज कराई गई है".
इसके बाद हमने दोनों ही पक्ष राहुल पूनिया और कुतुबुद्दीन से संपर्क किया. दोनों ने ही चंद्रयान-3 वाले दावे का खंडन किया.
राहुल ने हमें बताया कि "25 अगस्त की रात को मैं मेस में खाना खाने गया था. उस दौरान सबसे पहले लगे चावल वाले काउंटर पर कई छात्र कतार में खड़े थे. चूंकि मुझे चावल पसंद नहीं है, इसलिए मैं सीधे रोटी और बाकी अन्य काउंटर पर चला गया. इसपर कुतुबुद्दीन नाम के एक छात्र में मुझे रोकते हुए मुझसे बदतमीजी से बात की. इसके बाद वह और उसके साथियों ने मुझे पीटना शुरू कर दिया. इस दौरान वहां मौजूद कॉलेज प्रशासन के अधिकारियों ने मुझे बचाने की कोशिश भी की. इसके बाद कश्मीरी छात्रों की झड़प कुछ अन्य छात्रों और बाहर से आए लोगों से भी हो गई. बाहर से आए व्यक्तियों में हिंदू संगठन के लोग शामिल थे. बाद में पुलिस के आने के बाद यह मामला शांत हुआ".
वहीं हमें कुतुबुद्दीन ने बताया कि "25 अगस्त की रात को मेस में खाने के दौरान जब मेरे और राहुल के बीच झड़प हुई तो मेस में मौजूद किसी शख्स ने स्थानीय हिंदू संगठनों को इसकी सूचना दे दी. वे लोग कॉलेज के गेट पर आकर जय श्री राम और अन्य नारे लगाने लगे. इस दौरान उन्होंने मेस पर पत्थर भी मारे. इसके जवाब में कश्मीरी छात्रों की तरफ़ से भी अल्लाह हू अकबर और नारा-ए-तक़बीर के नारे लगाए गए. हालांकि बाद में पुलिस के आने पर यह मामला शांत हो गया".
साथ ही इस दौरान उन्होंने चंद्रयान वाले दावे का खंडन करते हुए साफ़ कहा कि यह विवाद 25 अगस्त की शाम को हुआ था, जबकि 23 अगस्त को चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग के बाद कॉलेज के सभी विद्यार्थियों ने मिलकर जश्न मनाया था.