जातीय जनगणना को बताते हुए राहुल गांधी का एडिटेड वीडियो वायरल
बूम ने अपनी जांच में पाया कि मूल वीडियो में राहुल गांधी जातीय जनगणना के आकंड़ों (अनाधिकृत) को बता रहे हैं. वह 50 प्रतिशत पिछड़े वर्ग, 15 प्रतिशत दलित और 8 प्रतिशत आदिवासी के आंकड़ों को जोड़ते हुए 73 बता रहे हैं.
सोशल मीडिया पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी का वीडियो काफ़ी वायरल हो रहा है. इसमें वह यह कहते हुए सुनाई पड़ रहे हैं कि "50 और 15 कितना हुआ 73 प्रतिशत". सोशल मीडिया यूजर्स वीडियो को सच मानकर राहुल गांधी का मजाक उड़ाते हुए शेयर कर रहे हैं.
बूम ने अपनी जांच में पाया कि दावा झूठा है. वायरल वीडियो एडिटेड है. मूल वीडियो में राहुल गांधी जातीय जनगणना के आकंड़ों (अनाधिकृत) को बता रहे हैं. वह 50 प्रतिशत पिछड़े वर्ग, 15 प्रतिशत दलित और 8 प्रतिशत आदिवासी के आंकड़ों को जोड़ते हुए, 73 बता रहे हैं.
फेसबुक यूजर ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा, "यह पी.एम. बनना चाहता है 50 + 15 = 73 हद है पागलपन की"
एक्स पर भी इसी दावे के साथ यह वीडियो वायरल है.
इस दावे की सत्यता की जांच के लिए बूम की टिपलाइन (+917700906588) पर भी हमें यह वीडियो प्राप्त हुआ.
फैक्ट चेक
बूम ने वायरल दावे की पड़ताल के लिए वायरल वीडियो के कीफ्रेम को गूगल रिवर्स इमेज सर्च किया. हमें कांग्रेस पार्टी के अधिकारिक यूट्यूब चैनल पर इसका मूल वीडियो मिला. 8 फरवरी 2024 को प्रकाशित इस वीडियो का शीर्षक "राहुल गांधी ने खाई कसम, जो भी मन में है बता दो... Chhattisgarh में Rahul Gandhi का धमाकेदार भाषण" है.
वायरल वीडियो इसी से क्रॉप कर एडिट किया गया है. मूल वीडियो में 2 मिनट 20 सेकण्ड से 6 मिनट 52 सेकण्ड के बीच इस वायरल वीडियो वाले हिस्से को उसके संदर्भ सहित सुना जा सकता है.
दरअसल राहुल गांधी अभी 'भारत जोड़ो न्याय यात्रा' कर रहे हैं. वह छत्तीसगढ़ के रायगढ़ में आठ फरवरी को एक जनसभा में लोगों को भाषण दे रहे थे, जिसमें वह पहले सत्तारूढ़ दल बीजेपी पर देश में लोगों के साथ तरह-तरह का अन्याय करने का आरोप लगाते हुए अपनी दूसरी भारत जोड़ो यात्रा में 'न्याय' शब्द जोड़ने का मतलब बता रहे हैं.
इसके बाद वीडियो में राहुल गांधी आर्थिक और सामाजिक न्याय की बात कर रहे हैं. वीडियो में वह एक पत्रकार के सवाल का जिक्र करते हैं, "एक पत्रकार ने मुझसे सवाल पूछा राहुल जी कि आप जाति जनगणना की बात कर रहे हो, आप हर भाषण में कहते हो कि पिछड़ों को हक मिलना चाहिए, दलितों को हक मिलना चाहिए, आदिवासियों को हक मिलना चाहिए. क्या इससे देश नहीं बंट नहीं रहा है?"
इसके जवाब में राहुल गांधी कहते हैं कि उन्होंने पत्रकार से उल्टा सवाल पूछ लिया कि "नैशनल मीडिया में कितने अखबारों के मालिक पिछड़े वर्ग के, कितने मालिक दलित वर्ग के हैं, कितने मालिक आदिवासी वर्ग के हैं?"
इसके बाद राहुल गांधी कहते हैं, "वह पत्रकार चुप हो गया? एक शब्द नहीं बोल पाया तो मैंने उनसे कहा, देखिए 50 प्रतिशत कम से कम पिछड़े वर्ग के लोग हैं. किसी को मालूम नहीं क्योंकि जो आंकड़ें हमने निकाले थे 2011 में, वह नरेंद्र मोदी ने पब्लिक नहीं किए हैं. मगर कहा जाता है कि 50 से 55 प्रतिशत पिछड़े वर्ग के लोग हैं. 15 पर प्रतिशत दलित हैं. 8 प्रतिशत आदिवासी हैं. कितने हुए... बताओ? 50, 15 और 8 कितना हुआ 73."
इसी "50, 15 और 8 कितना हुआ 73" वाले हिस्से को काटकर वीडियो को एडिट किया गया है.
वीडियो में आगे राहुल गांधी कहते हैं, "उन 73 प्रतिशत की आवाज़ ना मीडिया में है ना हिंदुस्तान के सबसे बड़े दो सौ कॉर्पोरेट में है ना पीएमओ में. ना उन नब्बे ब्यूरोक्रेट में जो हिंदुस्तान को चलाते हैं उनमें है, ना किसी प्राइवेट अस्पताल के मालिक ओबीसी, दलित, आदिवासी वर्ग से नहीं आते. कोई स्कूल नहीं कोई यूनिवर्सिटी नहीं जो इनके हाथों में है तो भारत कैसे जुड़ सकता है."
राहुल गांधी की इस जनसभा के बारे में मीडिया रिपोर्ट्स (न्यूज़18 हिंदी दैनिक भास्कर) पर भी पढ़ा जा सकता है.