अलीगढ़ में दो फर्जी पुलिसकर्मियों के साथ बदसलूकी का वीडियो भ्रामक दावे से वायरल
बूम ने पाया कि मामला उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ का है, जहां ग्रामीणों ने मई 2025 में ठगी के आरोप में दो फर्जी पुलिसकर्मियों को पकड़ा था.

सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें कथित तौर पर एक पुलिसकर्मी के साथ भीड़ बदसलूकी करती दिख रही है. वीडियो में लोग पुलिसकर्मी को पकड़कर कहीं ले जाते और मारते भी नजर आ रहे हैं. इसके साथ दावा किया जा रहा है कि लोग बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर का अपमान करने वाले पुलिसकर्मी को सबक सिखाने के लिए ये कर रहे हैं.
बूम ने फैक्ट चेक में पाया कि वायरल दावा गलत है. यह वीडियो मई 2025 का यूपी के अलीगढ़ का है, तब दादों थाना क्षेत्र में ग्रामीणों ने ठगी करने के आरोप में दो फर्जी पुलिस वालों को पकड़ा था. दादों थाने के एसएचओ ने भी बूम से बातचीत में वायरल दावे का खंडन किया है.
वायरल दावा क्या है?
इंस्टाग्राम और फेसबुक जैसे सोशल मीडिया पर प्लेटफॉर्म पर आंबेडकर का अपमान करने वाले पुलिसवाले के साथ हुए व्यवहार के दावे से यह वीडियो वायरल है. इसके कमेंट सेक्शन में भी यूजर इस दावे के सच मानते हुए लिख रहे हैं कि ऐसे पुलिसकर्मी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए और सस्पेंड कर देना चाहिए. (आर्काइव लिंक)
पड़ताल में क्या मिला
जांच करने पर हमने पाया कि इस वीडियो की कहानी कुछ और ही है. वीडियो में दिख रहे पुलिसकर्मी असली नहीं बल्कि पुलिस के नाम पर ठगने वाले आरोपी हैं.
यूपी के अलीगढ़ का है वीडियो
वीडियो में वर्दी पर यूपी पुलिस का बैज मौजूद है. इससे संकेत लेकर संबंधित कीवर्ड सर्च करने पर हमें घटना से जुड़ी कई न्यूज रिपोर्ट मिलीं. इन रिपोर्ट में वायरल वीडियो वाले कथित पुलिसकर्मी की तस्वीर देखी जा सकती है.
दैनिक भास्कर, नवभारत टाइम्स और एबीपी न्यूज की 17 मई 2025 की रिपोर्ट के मुताबिक मामला अलीगढ़ के दादों थाना क्षेत्र स्थित गांव नगला खांजी का है, जहां ग्रामीणों ने पुलिस की वर्दी पहनकर ठग रहे दो लोगों को पकड़ लिया. दोनों की पहचान थाना अकराबाद क्षेत्र निवासी प्रमोद और अरुण के रूप में हुई.
वीडियो में दिख रहे पुलिसकर्मी असली नहीं
असल में ये दोनों पुलिसकर्मी बनकर ग्रामीणों को फर्जी मामलों में फंसाने की धमकी देकर उनसे पैसे वसूलने की कोशिश कर रहे थे. उनका हावभाव और वर्दी देख ग्रामीणों को शक हुआ. जब पूछताछ की गई तो वे भागने लगे जिसके बाद लोगों ने उन्हें पकड़ लिया और पुलिस के हवाले कर दिया.
India First Reports की वीडियो रिपोर्ट में वायरल वीडियो के अलावा पीड़ित स्थानीय लोगों का बयान भी देखा जा सकता है.
अलीगढ़ पुलिस ने अपने आधिकारिक एक्स पर इस संबंध में एक वीडियो जारी करते हुए बताया था कि घटना 16 मई 2025 की है. दोनों आरोपियों की पहचान हो गई थी, उन्हें गिरफ्तार कर संबंधित धाराओं के तहत अभियोग पंजीकृत किया गया और वैधानिक कार्यवाही की जा रही है.
अलीगढ़ पुलिस ने किया वायरल दावे का खंडन
बूम ने वायरल दावे के संबंध में दादों पुलिस स्टेशन से भी संपर्क किया. थाने के एसएसचओ ने बूम से बताया कि वीडियो के साथ किया जा रहा दावा गलत है. उन्होंने कहा, "मामला हमारे थाना क्षेत्र का है. ये पुलिस की नकली वर्दी पहनकर लोगों को ठगने का काम करते थे. इस मामले का आंबेडकर या किसी समुदाय विशेष से कोई संबंध नहीं है. मामले में केस दर्ज कर आरोपियों की गिरफ्तारी हुई थी."