पुलिस द्वारा महुआ मोइत्रा को घसीटने का यह वीडियो हालिया नहीं है
बूम ने पाया कि यह वीडियो इसी साल के अक्टूबर 3 का है, जब महुआ मोइत्रा कृषि भवन में धरने पर बैठ गई थीं. इसका मोइत्रा के लोकसभा निष्कासन से कोई संबंध नहीं है.
सोशल मीडिया पर तृणमूल कांग्रेस (TMC) की नेता महुआ मोइत्रा का एक वीडियो वायरल हो रहा है. वीडियो में पुलिस पूर्व सांसद को घसीटते हुए दिख रही है. वीडियो के पीछे से आवाज आ रही है, "क्या कर रहे हैं. वे एक एमपी हैं. ये क्या हो रहा है. एक एमपी के साथ ऐसा कर रहे हैं आपलोग..."
वीडियो के साथ दावा किया जा रहा है कि महुआ मोइत्रा को अदानी के खिलाफ बोलने के कारण संसद के बाहर ऐसे घसीटते हुए ले जाया जा रहा है.
ग़ौरतलब है कि बीते दिसबंर 8 को संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान उनकी लोकसभा की सदस्यता रद्द कर दी गई. लोकसभा की एथिक्स कमेटी ने 'कैश फॉर क्वेरी' के आधार पर महुआ मोइत्रा को निष्कासित किया. उनपर आरोप था कि उन्होंने पैसे लेकर बिजनेसमैन गौतम अदानी और उनकी कंपनियों को निशाना बनाने के लिए लगातार सवाल पूछे.
X (पूर्व में ट्विटर) पर 'इंडिया गठबंधन' नाम के हैंडल ने इस वीडियो को शेयर करते हुए लिखा, "संसद में #Adani के खिलाफ बोलने पर सांसद महुआ मोइत्रा जी को संसद भवन से इस कदर बाहर निकाला गया. एक महिला सासंद के साथ इस तरह का व्यवहार देश कभी माफ नहीं करेगा."
X पर एक दूसरे यूजर ने शेयर करते हुए लिखा, "Adani के खिलाफ बोलने पर महुआ मोइत्रा जी को मोदी जी तरफ से नारी शक्ति वंदन."
X पर कई और यूजर्स ने भी महुआ मोइत्रा के लोकसभा निष्कासन से जोड़ते हुए ही इसे शेयर किया है. यहां देखें.
बूम ने इन दावों की पड़ताल की और पाया कि वीडियो के साथ किए जा रहे दावे झूठे और भ्रामक हैं. बूम ने पाया कि यह वायरल वीडियो अक्टूबर 3 का है, जब केंद्रीय राज्य मंत्री, साध्वी निरंजन ज्योति, अपॉइंटमेंट के बाद भी नहीं मिली, तब अभिषेक बनर्जी के नेतृत्व में महुआ मोइत्रा समेत अन्य टीएमसी के नेता कृषि भवन में धरने पर बैठ गए थे.
फैक्ट चेक
हमने सबसे पहले वीडियो से जुड़े कुछ कीवर्ड्स सर्च किए. हमें फिलहाल के न्यूज रिपोर्ट में ऐसी कोई खबर नहीं मिली जिसमें पूर्व सांसद को घसीटकर बाहर निकाला गया हो. हर जगह उनके निष्कासन की खबर तो थी लेकिन वीडियो जैसे बदसलूकी की खबर नहीं थी.
आगे हमने वीडियो के की-फ्रेम को निकाल कर रिवर्स इमेज पर सर्च किया. वहां से हमें वायरल वीडियो से मिलते-जुलते इमेज के साथ 3 और 4 अक्टूबर के कई न्यूज रिपोर्ट्स मिले.
अक्टूबर 3 के हिंदुस्तान और अक्टूबर 4 के एबीपी न्यूज ने वायरल वीडियो से मैच करते हुए फीचर इमेज के साथ स्टोरी की थी. उनके अनुसार अक्टूबर 3 को केंद्रीय राज्य मंत्री, साध्वी निरंजन ज्योति के अपॉइंटमेंट के बाद भी न मिलने पर अभिषेक बनर्जी और महुआ मोइत्रा समेत टीएमसी के नेता कृषि भवन में धरने पर बैठ गए थे. इसके बाद दिल्ली पुलिस ने उनको गोद में उठाकर, घसीटते हुए बाहर निकाला था और कुछ घंटो के लिए डिटेन भी किया था.
न्यूज तक के यूट्यूब हैंडल पर भी अक्टूबर 4 का अपलोड किया हुआ एक वीडियो है जिसमें वायरल वीडियो का क्लिप भी मौजूद है, इसमें महुआ द्वारा किए गए उस धरने की रिपोर्टिंग की गई है.
आगे पड़ताल करते हुए हम महुआ मोइत्रा के X हैंडल तक भी गए. वहां हमें अक्टूबर 3 का सेम वीडियो के साथ किया गया एक पोस्ट मिला. वायरल वीडियो को पोस्ट करते हुए मोइत्रा ने लिखा, "सुनिए @नरेंद्र मोदी! आप हमें बाहर खींच सकते हैं लेकिन सच्चाई दूर नहीं जाएगी- आपने अवैध रूप से पश्चिम बंगाल के हजारों करोड़ रुपये के मनरेगा फंड को रोका है. 2024 में भारत आपको बाहर फेंक देगा."
इससे स्पष्ट है कि यह वीडियो पहले से इंटरनेट पर मौजूद है. इसका 8 तारीख के महुआ मोइत्रा के निष्कासन से कोई संबंध नहीं है. यह इसी साल अक्टूबर 3 की घटना है जब अभिषेक बनर्जी और महुआ मोइत्रा समेत अन्य टीएमसी के नेता कृषि भवन में धरने पर बैठ गए थे.