अपराधी पर पुलिस अत्याचार का यह वायरल वीडियो स्क्रिप्टेड है
बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल वीडियो एक लम्बी स्क्रिप्टेड फ़िल्म का हिस्सा है, जिसे समाज में एक सन्देश देने के उद्देश्य से बनाया गया है.
सोशल मीडिया पर एक वीडियो खूब वायरल हो रहा है जिसमें जमीन पर पड़े एक व्यक्ति के साथ कुछ पुलिसकर्मी बुरी तरह अत्याचार करते हुआ नज़र आ रहे हैं. वीडियो को वास्तविक मानते हुए यूज़र्स पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की मांग करते हुए इसे शेयर कर रहे हैं.
वीडियो में देखा जा सकता है कि कुछ लोग ज़मीन पर लेटे व्यक्ति को कसकर पकड़े हुए हैं और एक अन्य व्यक्ति जो सिविल ड्रेस में है, उसके हाथों के नाखून खींचते हुए नज़र आता है.
हालांकि, बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल वीडियो स्क्रिप्टेड है और यह एक शॉर्ट फिल्म का हिस्सा है.
ट्विटर पर एक यूज़र ने यह वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा, "पता नहीं ये कहां की वीडियो है लेकिन इन वाहशी पुलिस वालों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए हुकूमत ने इतनी नफ़रत भर दी है कि लोग हैवानियत पर उतर आए हैं."
एक अन्य ट्विटर यूज़र ने वीडियो को असल मानते हुए इसी दावे से शेयर किया है. यहां देखें.
फ़ैक्ट चेक
बूम ने वायरल वीडियो को ध्यानपूर्वक देखा, सभी पुलिसकर्मियों की वर्दी और जूते अलग प्रकार के नज़र आये.इससे हमें इसके स्क्रिप्टेड होने का अंदेशा हुआ.
ट्विटर पर पड़ताल करते हुए वायरल वीडियो पर हमें एक कमेन्ट मिला जिसके अनुसार, यह वीडियो एक यूट्यूब शॉर्ट्स वीडियो है जिसे मनोरंजन के लिए बनाया गया है.
इसके बाद हमने वीडियो से कीफ्रेम निकालकर गूगल लेंस से सर्च किया तो एक यूट्यूब वीडियो सामने आयी. 'विपिन पांडेय एंटरटेनमेंट प्रोडक्शन' नाम के चैनल पर अपलोड इस वीडियो के थंबनेल पर दिख रहे लोगों की तस्वीर वायरल वीडियो में नज़र आ रहे लोगों से मिलती प्रतीत हुई. हमने 'दोस्ती की सजा' शीर्षक से 31 जुलाई 2023 को अपलोड किये गए इस वीडियो को पूरा देखा. वीडियो के 10 मिनट 45 सेकंड पर हम बिलकुल वही दृश्य देखते हैं जो वायरल वीडियो में है हालांकि, कैमरा एंगल अलग है.
(वीडियो का आर्काइव वर्जन यहां देखें)
वीडियो के शुरू में ही इस वीडियो को एक सत्य घटना से प्रेरित बताया गया है और इसमें अभिनय कर रहे लोगों के नाम भी बताये गए. वीडियो के डिस्क्रिप्शन में बताया गया है कि यह वीडियो एक सन्देश देने के लिए बनाया गया है. डिस्क्रिप्शन में लिखा है, "दिल्ली साक्षी हत्याकांड: दिल्ली के शाहबाद डेरी इलाके में 16 साल की साक्षी को चाकू और पत्थर से कैसे मारा गया: हमने वीडियो में दिखाने की कोशिश और हम इस वीडियो से यह संदेश देना चाहते हैं कि हम अपने बेटे और बेटियों को अपने प्रति आकर्षित करें जिससे कि वह हमें अपनी हर बात को बताएं."
इसके बाद हमने वायरल वीडियो और असल वीडियो में दिख रहे लोगों की तुलना की है, जिससे स्थिति अधिक स्पष्ट हो जाती है.
चैनल को खंगालने पर हमें इस तरह की अन्य और भी स्क्रिप्टेड वीडियो मिलीं. वायरल हो रही वीडियो भी हुबहू चैनल पर शॉर्ट्स वीडियो के रूप में मिली, जिसे यहां देखा जा सकता है.
उपरोक्त पड़ताल से स्पष्ट होता है कि वायरल वीडियो एक स्क्रिप्टेड वीडियो का हिस्सा है जिसके एक हिस्से को निकालकर ग़लत दावे से वायरल किया जा रहा है.
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