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फैक्ट चेक

क्या पीएम मोदी ने दिवाली पर सिर्फ़ स्वदेशी उपयोग करने की सलाह दी? फ़ैक्ट चेक

बूम ने पाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम से वायरल हो रहा यह लेटर फ़र्ज़ी है.

By -  Runjay Kumar
Published -  12 Oct 2022 1:13 PM
  • क्या पीएम मोदी ने दिवाली पर सिर्फ़ स्वदेशी उपयोग करने की सलाह दी? फ़ैक्ट चेक

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हस्ताक्षर वाला एक पत्र सोशल मीडिया पर काफ़ी वायरल हो रहा है, जिसमें लोगों से दीपावली के त्यौहार में सिर्फ़ भारत में बनी सामग्री का उपयोग करने की अपील की रही है.

    हालांकि बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल हो रहा पत्र फ़र्ज़ी है और यह पिछले कई सालों से दीपावली से ठीक पहले सोशल मीडिया पर प्रसारित होने लगता है.

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    वायरल हो रहे पत्र में सबसे ऊपर प्रधानमंत्री की एक तस्वीर मौजूद है. साथ ही सत्यमेव जयते और अशोक स्तंभ वाला चिन्ह भी मौजूद है. पत्र में नीचे लिखा हुआ है, "मेरे प्यारे भारत वासियों, आप सब इस बार इतना करें कि आने वाले दीपावली पर्व पर अपने घरों में रोशनी सजावट मिठाई इन सब में केवल भारत में बनी सामग्री का का प्रयोग करें. आशा करता हूं आप इस प्रधान सेवक की बात को जरूर मानेंगे. आप छोटे-छोटे कदमों से अगर मेरा साथ दो तो मैं आप से वादा करता हूं हमारे भारत को दुनिया की सबसे आगे वाली पंक्ति में प्रथम स्थान पर खड़ा पाओगे". पत्र में नीचे प्रधानमंत्री मोदी का हस्ताक्षर भी मौजूद है और साथ ही वन्दे मातरम भी लिखा हुआ है.

    सोशल मीडिया पर वायरल पत्र को कई फ़ेसबुक अकाउंट से अपलोड किया गया है.



    फ़ेसबुक पर वायरल लेटर से जुड़े पोस्ट्स आप यहां, यहां और यहां देख सकते हैं.

    फ़ैक्ट चेक

    बूम ने वायरल पत्र की पड़ताल के लिए सबसे पहले इसमें मौजूद जानकारियों की मदद से गूगल सर्च किया तो हमें 23 अक्टूबर 2016 को हिंदुस्तान टाइम्स की वेबसाइट पर प्रकाशित एक रिपोर्ट मिली. समाचार एजेंसी पीटीआई के हवाले से लिखी गई इस रिपोर्ट में सरकारी अधिकारियों द्वारा वायरल पत्र से मिलते जुलते दावों का खंडन किए जाने का ज़िक्र था.

    इस रिपोर्ट में हमें यह भी लिखा हुआ मिला कि कुछ समय पहले प्रधानमंत्री कार्यालय ने भी इस संबंध में एक ट्वीट कर कई ऐसे फ़र्ज़ी पत्रों में किए जा रहे दावों का खंडन किया था.

    अपनी जांच के दौरान हमें प्रधानमंत्री कार्यालय के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से किया गया वह ट्वीट भी मिला, जिसमें वायरल लेटर से मिलते जुलते एक पत्र में लिखे टेक्स्ट वाले हिस्से को ब्लर करके उसे फ़र्ज़ी बताया गया था. 31 अगस्त 2016 को किए गए ट्वीट में प्रधानमंत्री कार्यालय ने लिखा है कि "प्रधानमंत्री के हस्ताक्षर वाले कुछ अपील सोशल मीडिया पर सर्कुलेट किए जा रहे हैं. ऐसे कागजात सही नहीं हैं". हालांकि ट्वीट का कैप्शन अंग्रेज़ी में था, जिसका हिंदी अनुवाद यहां शामिल किया गया है.


    पीएमओ के ट्वीट में मौजूद लेटर में भले ही टेक्स्ट वाले हिस्से को ब्लर कर दिया गया हो, लेकिन वायरल पत्र में मौजूद टेक्स्ट के पैटर्न से मेल खा रहे थे. उदाहरण के तौर पर, जैसे पीएमओ के ट्वीट वाले ब्लर लेटर और वायरल पत्र दोनों की पहली पंक्ति में चार शब्द लिखे हुए हैं. ठीक उसी तरह दोनों की पांचवीं पंक्ति में आठ शब्द लिखे हुए हैं. इतना ही नहीं वन्दे मातरम और नरेन्द्र मोदी का हस्ताक्षर वाला फोर्मेट भी एक जैसा ही है.

    सिर्फ़ वायरल पत्र में ऊपर नरेंद्र मोदी की एक तस्वीर मौजूद है, जबकि ट्वीट वाले लेटर में कोई फ़ोटो मौजूद नहीं है. इससे यह प्रतीत होता है कि फ़ेक लेटर के ऊपर पीएम मोदी की तस्वीर एडिट करके उसे वायरल किया जा रहा है.

    गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मोदी के नाम से स्वदेशी को बढ़ावा देने वाले ऐसे फ़र्ज़ी पत्र पिछले कई सालों से वायरल हो रहे हैं. अक्सर दीपावली जैसे ख़ास त्योहारों से पहले ऐसे पत्र वायरल होते रहते हैं.

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    Fake LetterdiwaliFact CheckNarendra Modi
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    Claim :   पीएम मोदी ने दीवाली पर की सिर्फ़ भारतीय वस्तुओं के उपयोग करने की अपील
    Claimed By :  Facebook Users
    Fact Check :  False
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