पुलिस लाठीचार्ज का पुराना वीडियो महागठबंधन के 'बिहार बंद' से जोड़कर वायरल
बूम ने पाया कि वीडियो अगस्त 2024 का बिहार के पटना का है. तब सुप्रीम कोर्ट के SC-ST आरक्षण के उप वर्गीकरण के फैसले के विरोध में 'भारत बंद' का आह्वान किया गया था.

बिहार में प्रदर्शनकारियों पर पुलिस लाठीचार्ज का पुराना वीडियो 9 जुलाई 2025 को हुए महागठबंधन के बिहार बंद से जोड़कर वायरल है. वीडियो में पुलिस और सुरक्षा बलों को दंगा रोधी शील्ड और हेलमेट पहने प्रदर्शनकारियों को खदेड़ते और लाठी भांजते हुए देखा जा सकता है.
बूम ने जांच में पाया कि वीडियो अगस्त 2024 को बिहार की राजधानी पटना का है, जब सुप्रीम कोर्ट के आरक्षण संबंधी फैसले के खिलाफ भारत बंद बुलाया गया था. इस दौरान पटना में प्रदर्शन कर रहे लोगों पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया था.
बिहार विधानसभा चुनाव से पहले राज्य में चुनाव आयोग की ओर से वोटर लिस्ट रिविजन का मुद्दा गर्माया हुआ है. इस सिलसिले में 9 जुलाई 2025 को महागठबंधन द्वारा बुलाए गए बिहार बंद और चक्का जाम के दौरान सड़क और रेल मार्गों पर प्रदर्शन हुए. पटना में राहुल गांधी, तेजस्वी यादव और पप्पू यादव जैसे नेताओं ने चुनाव आयोग के फैसले का विरोध करते हुए मार्च निकाला.
सोशल मीडिया पर दावा क्या है?
फेसबुक सहित कई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर यह वीडियो (आर्काइव पोस्ट) वायरल है. एक्स (आर्काइव पोस्ट) पर एक यूजर ने इस वीडियो को शेयर करते हुए लिखा, ‘बिहार बंद करने पर पटना पुलिस. खैर जो भी हो रहा है, शांतिपूर्ण तरीके से हो रहा है.’
पड़ताल में क्या मिला:
बूम ने पाया कि यह वीडियो अगस्त 2024 में दलित और आदिवासी संगठनों द्वारा सुप्रीम कोर्ट के आरक्षण में उपवर्गीकरण के फैसले के विरोध में बुलाए गए देशव्यापी 'भारत बंद' के दौरान का है.
1. वीडियो अगस्त 2024 का है
बूम ने दावे की पड़ताल के लिए वायरल वीडियो के कुछ कीफ्रेम को गूगल लेंस से सर्च किया. हमें न्यूज एजेंसी एएनआई के एक्स अकाउंट पर अगस्त 2024 को शेयर किया गया यह वीडियो मिला.
पोस्ट के कैप्शन में बताया गया कि बिहार में सुप्रीम कोर्ट के आरक्षण संबंधी फैसले के खिलाफ 'भारत बंद' का समर्थन करते हुए पटना में प्रदर्शनकारियों पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया.
आजतक की 21 अगस्त 2024 की रिपोर्ट के मुताबिक, दलित और आदिवासी संगठनों ने हाशिए पर मौजूद समुदायों के लिए मजबूत प्रतिनिधित्व और सुरक्षा की मांग को लेकर एक देशव्यापी 'भारत बंद' बुलाया था. हमें कई मीडिया आउटलेट पर इस घटना की न्यूज रिपोर्ट (ईटीवी भारत, अमर उजाला और दैनिक जागरण) भी मिलीं.
2. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ 'भारत बंद'
सुप्रीम कोर्ट के तत्कालीन चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ के नेतृत्व में सात-सदस्य संविधान पीठ ने 1 अगस्त 2024 को फैसला सुनाते हुए राज्यों को अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति वर्गों के भीतर उप-वर्गीकरण करने का अधिकार दिया था.
एनडीटीवी की रिपोर्ट में बताया गया कि दलित और आदिवासी संगठनों के अलावा कांग्रेस, बहुजन समाज पार्टी, राष्ट्रीय जनता दल, झारखंड मुक्ति मोर्चा और वामपंथी दलों ने भी इस बंद का समर्थन किया था.
इस बंद के दौरान बिहार के पटना में प्रदर्शनकारियों ने रेल पटरियों को बाधित कर दिया था, जिसके कारण कुछ ट्रेन भी लेट हुई थीं. प्रदर्शनकारियों के उत्पात के कारण कई अन्य स्थानों पर भी यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा था.
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक पटना में प्रदर्शनकारियों द्वारा डाक बंगला चौराहा पर बैरिकेडिंग तोड़ने के कारण उन पर लाठीचार्ज और वाटर कैनन का प्रयोग भी किया गया. विरोध प्रदर्शन के दौरान कानून व्यवस्था भंग करने के आरोप में तब पुलिस ने तीन एफआईआर दर्ज कर कम से कम 9 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार भी किया था.