फ़िलिस्तीनी लोगों की फ़र्ज़ी चोटें दिखाता यह वीडियो शॉर्ट फ़िल्म का हिस्सा है
बूम ने पाया कि यह वीडियो फिलिस्तीन में युद्ध पीड़ितों के समर्थन में लेबनान में फिल्म निर्माता महमूद रमजी द्वारा शूट की गई एक फिल्म का हिस्सा है.
एक वीडियो जिसमें कुछ लोग स्ट्रेचर पर एक बच्ची को मेकअप लगाने में मदद कर रहे हैं. बच्ची की चोटों को दिखाते हुए यह वीडियो सोशल मीडिया पर इस झूठे दावे के साथ साझा किया जा रहा है कि यह इजरायली सैन्य कार्रवाइयों के ख़िलाफ़ फ़र्ज़ी प्रचार करने के लिए फिलिस्तीनियों द्वारा चोट का नाटक करने का सबूत है. वीडियो के बाद के हिस्से में, कुछ लोगों को कैमरे के सामने पोज देते हुए देखा जा सकता है, जिसमें वह बच्ची फिलिस्तीनी झंडा पकड़े हुए है.
बूम ने पाया कि यह वीडियो फिलिस्तीन में युद्ध पीड़ितों के समर्थन के लिए फिल्म निर्माता महमूद रमजी द्वारा लेबनान में शूट की गई एक फिल्म के पर्दे के पीछे के फुटेज का हिस्सा है.
संयुक्त राष्ट्र द्वारा मानवीयता के आधार पर की गई युद्ध विराम के अपीलों की अवहेलना करने और गाजा पट्टी पर अपने हमले को बढ़ाने के लिए इजराइल फ़िलहाल पूरी दुनिया की निगाह में है. इजरायली सरकार का दावा है कि उनका सैन्य अभियान फिलिस्तीनी आतंकवादी संगठन हमास को निशाना बनाता है, जिसके द्वारा 7 अक्टूबर को उनके देश पर घातक हमला किया गया था.
न्यूज रिपोर्ट्स के अनुसार, हमास के उस हमले में लगभग 1,400 लोग मारे गए, जबकि इजरायल की ओर से की गई जवाबी कार्रवाई में इससे कहीं अधिक मौतें हुईं. अनेक रिपोर्ट्स, फिलिस्तीन में मृतकों की संख्या 10,000 से ज्यादा बताती हैं.
मुंबई में इजराइल के मिडवेस्ट इंडिया के महावाणिज्य दूत कोबी शोशानी ने अपने आधिकारिक एक्स (ट्विटर) अकाउंट से इस वीडियो को शेयर करते हुए लिखा, "बॉलीवुड, नाटक करने में गाजा आपको टक्कर दे सकता है."
पोस्ट देखने के लिए यहां क्लिक करें.
भारत में दक्षिणपंथी यूजर्स ने भी इसी झूठे दावे के साथ इस वीडियो को साझा किया है. यहाँ देखें.
फैक्ट चेक
बूम ने इनमें से एक पोस्ट पर आई प्रतिक्रियाओं की जांच की और पाया कि एक्स ( पूर्व में ट्विटर) पर एक यूजर ने लिखा कि ये दृश्य 'द रियलिटी' नामक एक शॉर्ट फिल्म के हैं.
आगे यूजर ने यह भी लिखा कि इस फ़िल्म को लेबनान में कुछ लेबनानी अभिनेताओं द्वारा गाजा के लोगों के प्रति एकजुटता और समर्थन देने के लिए शूट किया गया था.
पोस्ट यहां देखें.
फिर हमने फिल्म के नाम 'द रियलिटी' से जुड़े कीवर्ड सर्च किए और हमें एक अन्य एक्स यूजर की पोस्ट मिली, जिसने 10 नवंबर, 2023 को फिल्म की कुछ झलकियां साझा की थीं.
यूजर ने लिखा, "मेरा कज़न महमूद, एक लेबनानी-फिलिस्तीनी है और अभी लेबनान में है. फोटोग्राफी को एक जुनून के रूप में अपनाने के वर्षों के बाद आज उसने अपनी पहली शॉर्ट फिल्म शूट की. यह रही "द रियलिटी", पूरी फिल्म एक टेक में फिल्माई गई है, कोई कट नहीं, एक मैसेज कि कैसे हमारी मौतें ऑनलाइन भाषण या लाइक्स के लिए इस्तेमाल नहीं की जानी चाहिए."
(आर्काइव लिंक)
इसके अतिरिक्त, यूजर ने फिल्म निर्माता महमूद रमजी के इंस्टाग्राम अकाउंट का एक लिंक साझा किया, जहां 28 अक्टूबर, 2023 को इसी फिल्म के दृश्य पोस्ट किए गए थे.
(आर्काइव लिंक)
नीचे वायरल वीडियो के एक दृश्य की तुलना फिल्म निर्माता द्वारा अपने इंस्टाग्राम प्रोइफाल पर साझा किए गए फिल्म के दृश्यों से की गई है.
इसके अलावा, हमने पाया कि फिल्म निर्देशक रमजी ने हाल ही में इन झूठे दावों का खंडन करने के लिए कई इंस्टाग्राम स्टोरीज पोस्ट की हैं. इनमें से एक स्टोरी में, फिल्म निर्माता ने उस वीडियो के दृश्य साझा किए जो अभी बड़े पैमाने पर वायरल है और साथ में एक कैप्शन जोड़ा जिसमें लिखा, "हमारे लोगों के खिलाफ दुश्मन द्वारा किए गए सबसे भयानक अपराधों के दृश्यों को फिर से प्रदर्शित करना! सच्ची कहानी पर आधारित. हमारी एकजुटता फिलिस्तीन के हमारे लोगों के साथ है, लेबनान से उन्हें सलाम"
इसके अलावा, बूम ने इस सन्दर्भ में फिल्म निर्माता महमूद रमजी से भी संपर्क किया. फिल्म निर्माता ने कहा कि उन्होंने गाजा के लोगों द्वारा सहे गए दर्द की एक झलक दिखाने के लिए लेबनान (सैदा) में फिल्म की शूटिंग की थी.
रमजी ने बूम को बताया, "इसे लोगों को गुमराह करने या कोई सच्चाई गढ़ने के लिए नहीं फिल्माया गया था, क्योंकि गाजा में जो हो रहा है उसे दिखाने के लिए किसी मनगढ़ंत कहानी की जरूरत नहीं है. जो वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें वे बच्ची के चेहरे पर मेकअप लगा रहे थे, वह मेरी शॉर्ट फिल्म के पर्दे के पीछे का वीडियो था."
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