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फैक्ट चेक

हालिया इजरायल-फ़िलिस्तीन जंग से जोड़कर ये तस्वीर और वीडियो ग़लत दावे से वायरल

बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल तस्वीर और वीडियो के साथ किया जा रहा दावा झूठा है. सीरियाई शरणार्थी बच्चे को मृत दिखाती तस्वीर वास्तविक थी, वहीं वायरल वीडियो अप्रैल 2022 में शूट की गयी एक शॉर्ट फिल्म की शूटिंग का है.

By - Sachin Baghel |
Published -  10 Oct 2023 3:38 PM IST
  • हालिया इजरायल-फ़िलिस्तीन जंग से जोड़कर ये तस्वीर और वीडियो ग़लत दावे से वायरल

    सोशल मीडिया पर इजराइल-हमास के बीच युद्ध शुरू होने के बाद से ही लगातार इससे जोड़कर तरह-तरह के दावों से वीडियो और तस्वीरें शेयर की जा रही हैं. इसी कड़ी में सोशल मीडिया पर एक वीडियो और तस्वीर एक साथ शेयर की जा रही है. तस्वीर एक लाल कपड़ों में समुद्र तट पर लेटे बच्चे की है और वहीं वीडियो में जमीन पर एक युवक लेटा हुआ है और कुछ लोग क्रेन-कैमरा से उसे शूट करते हुए नज़र आ रहे हैं.

    तस्वीर और वीडियो के साथ दावा किया जा रहा है कि लाल टी-शर्ट में लेटा हुआ बच्चा सीरियाई शरणार्थी था जो समुद्र में बह गया था. आगे कहा जा रहा है कि ये तस्वीर झूठी थी और बच्चा मृत नहीं बल्कि जीवित था, सिर्फ़ यूरोप में अवैध शरण लेने वालों के प्रति सहानुभूति के लिए ये सब किया गया.

    आगे वीडियो के बारे में मुस्लिमों पर अप्रत्यक्ष रूप निशाना साधते हुए दावा किया जा रहा कि जैसा झूठ उस लाल टी शर्ट वाले बच्चे को लेकर फैलाया था वैसा ही झूठ फ़ैलाने के लिए अभी नकली वीडियो और फ़ोटो शूट कर रहे हैं जिससे दुनियाभर में इजरायल को बदनाम किया जा सके.

    बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल तस्वीर और वीडियो को लेकर किया जा रहा दावा झूठा है. सीरियाई शरणार्थी बच्चा को मृत दिखाती तस्वीर वास्तविक थी, वहीं वीडियो अप्रैल 2022 में शूट की गयी एक शोर्ट फिल्म की शूटिंग का है.

    फ़ेसबुक पर एक यूज़र ने वीडियो और तस्वीर शेयर करते हुए लिखा, "याद रखें कि लाल टी-शर्ट वाला शरणार्थी सीरियाई लड़का समुद्र तट पर बह गया था, तस्वीर नकली थी, बच्चा जीवित था और फोटो शूट अवैध रूप से यूरोप में प्रवेश करने वाले अवैध शरणार्थियों के लिए सहानुभूति इकट्ठा करने के लिए किया गया था।

    दुनिया भर में शांतिप्रिय द्वारा बार-बार एक ही कार्यप्रणाली का उपयोग किया जाता है, अब वे बच्चों के साथ फोटो और वीडियो शूट कर रहे हैं, जिसमें उन्हें घायल और मृत दिखाया गया है, यह उन तस्वीरों और वीडियो का उपयोग उन्हें पूरे मीडिया और सोशल मीडिया पर बेचने के इरादे और इजराइल को बदनाम करने के इरादे से किया जाता है."



    इसी तरह के समान दावे से एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर भी यूज़र्स ने इसे शेयर किया है. (आर्काइव लिंक)



    एक अन्य एक्स यूज़र ने भी इसको हालिया इजराइल-हमास युद्ध से जोड़कर शेयर किया है. (आर्काइव लिंक)


    फ़ैक्ट चेक

    बूम ने सबसे पहले लाल टी-शर्ट में वायरल बच्चे की तस्वीर को गूगल रिवर्स इमेज सर्च किया. इस सम्बन्ध में 'द गार्डियन' और 'टाइम' की मीडिया रिपोर्ट्स मिलीं. इसमें बच्चे की तस्वीर देखी जा सकती हैं. 'द गार्डियन' की 2 सितम्बर 2015 की रिपोर्ट के मुताबिक, तुर्की के बोडरम शहर के पास समुद्र तट पर काले बालों और चमकदार लाल टी-शर्ट और शॉर्ट्स पहने एक नवजात की लाश पड़ी मिली.

    तुर्की मीडिया ने बच्चे की पहचान तीन वर्षीय 'एलन कुर्दी' के रूप में की और बताया कि उसके पांच वर्षीय भाई की भी इसी तरह मौत हुई है. कथित तौर पर दोनों उत्तरी सीरियाई शहर कोबानी के रहने वाले थे, जहां इस साल की शुरुआत से इस्लामिक स्टेट के विद्रोहियों और कुर्द बलों के बीच भीषण लड़ाई चल रही है.

    'टाइम' की 29 दिसंबर 2015 की रिपोर्ट के मुताबिक, 2 सितंबर 2015 को यूरोप में सुरक्षा की उम्मीद में तुर्की से ग्रीस पहुँचने के लिए समुद्र पार करने की कोशिश में 2 वर्षीय सीरियाई शरणार्थी एलन कुर्दी अपने बड़े भाई गालिब और मां रिहाना के साथ डूब गए. उनके पिता अब्दुल्ला कुर्दी उन्हें बचाने में असमर्थ रहे, हालांकि वह स्वयं बच गये. रिपोर्ट में बच्चे की लाश की फोटो खींचने वाली तुर्की की डोगन न्यू एजेंसी की फ़ोटोग्राफ़र निलुफ़र डेमीर का बयान भी मौजूद है.



    उपरोक्त पड़ताल से स्पष्ट होता है कि बच्चे की तस्वीर को लेकर किया गया दावा पूरी तरह झूठा है.

    आगे बूम ने वायरल वीडियो को ध्यानपूर्वक देखा तो उसपर एक टिक-टॉक अकाउंट दिखाई दिया. वीपीएन की मदद से हमने टिक-टॉक अकाउंट को खोजा. मोहम्मद अवावदेह नाम के इस हैंडल पर दूसरे एंगल से वीडियो मिला. इसमें वही सारे लोग देखे जा सकते हैं जो वायरल वीडियो में हैं. वीडियो में अरबी भाषा में लिखे कैप्शन का अनुवाद करने पर मालूम चला कि 'यह बाल कैदी (child prisoner ) अहमद मेना की कहानी पर आधारित एक शॉर्ट फिल्म की शूटिंग के समय के दृश्य हैं'.

    वीडियो पर आये कमेंट से मालूम चलता है कि ये पुराना है. इंडिया में टिक-टॉक प्रतिबंधित होने के कारण हम यहां वीडियो का इस्तेमाल नहीं कर सकते. हालांकि नीचे टिक-टॉक वीडियो और वायरल वीडियो के स्क्रीनशॉट की तुलना देख सकते हैं.



    इसके बाद हमने चाइल्ड प्रिजनर अहमद मनसरा के बारे में इंटरनेट पर सर्च किया. एमनेस्टी इंटरनेशनल पर मौजूद 17 जून 2022 की रिपोर्ट के अनुसार, अहमद मनसरा को 12 अक्टूबर 2015 को पूर्वी यरुशलम के कब्जे वाले एक अवैध इजरायली बस्ती पिसगाट ज़ीव में दो इजरायली नागरिकों को चाकू मारकर घायल करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. अदालतों द्वारा यह पाए जाने के बावजूद कि उसने छुरा नहीं मारा था, उसे इस तथ्य के बावजूद कि वह 2016 में अवयस्क था, हत्या के प्रयास का दोषी ठहराया गया.

    इसके अतिरिक्त, जब हमने अहमद मनसरा पर बनी फिल्म को लेकर सर्च किया तो हमें 19 अप्रैल 2022 को यूट्यूब पर अपलोड की हुई एक शार्ट फिल्म मिली. 'Empty Place' नाम की इस शॉर्ट फिल्म में अभिनय कर रहे लोगों और वायरल वीडियो में मौजूद लोग एक ही हैं. शॉर्ट फिल्म के डिस्क्रिप्शन में लिखा है कि 'यह फिल्म कब्जे के कारण पीछे छोड़े गए खाली घरों को देखने वाली एक खिड़की की तरह है. यह न केवल अहमद मनसरा, बल्कि फिलिस्तीन में 105000 शहीदों और घायलों के खाली घरों ( Empty Place ) का प्रतीक है.


    इसके अतिरिक्त, जमीन पर लेटे अभिनेता के कपड़े और जूते वायरल वीडियो में दिख रहे अभिनेता के समान ही हैं. इससे स्पष्ट होता है कि वायरल वीडियो इसी शॉर्ट फिल्म की शूटिंग के समय रिकॉर्ड किया गया है.

    एनिमेटेड वीडियो हालिया इजरायल-फ़िलिस्तीन युद्ध से जोड़कर फ़र्ज़ी दावे से वायरल

    Tags

    Israel-PalestineHamasIsraelFake videoFact Check
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    Claim :   इजरायल को बदनाम करने के लिए नकली फ़ोटो और वीडियो बनाते फिलिस्तीनी
    Claimed By :  Facebook / X Users
    Fact Check :  False
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