बाइक पर बेटे का शव ले जाते शख्स का पुराना वीडियो तिरुपति हादसे से जोड़कर वायरल
बूम ने पाया कि वायरल वीडियो साल 2022 का है. आंध्रप्रदेश के तिरुपति में आर्थिक तंगी की वजह से एक शख्स एंबुलेंस का खर्चा नहीं उठा सका था, जिसके चलते उसे अपने बेटे की लाश बाइक से ले जानी पड़ी थी.
tirupati stampede
आंध्रप्रदेश स्थित तिरुपति मंदिर में बीती 8 जनवरी की रात भगदड़ मचने से छः लोगों की मौत हो गई और तकरीबन 50 लोग घायल हो गए. इसी बीच सोशल मीडिया पर तिरुपति हादसे से जोड़कर परेशान कर देने वाला एक वीडियो वायरल है.
इस वीडियो में एक शख्स अस्पताल से एक बच्चे की लाश को बाइक पर लेकर जाता दिख रहा है. यूजर्स इसके साथ दावा कर रहे हैं कि तिरुपति भगदड़ में जान गंवाने वाले इस बच्चे के पिता को शव ले जाने के लिए एंबुलेंस नहीं मिली.
वायरल वीडियो में स्पष्ट तौर पर यह लिखा है कि तिरुपति सरकारी अस्पताल में मरने वाले 12 वर्षीय बच्चे को ले जाने के लिए एंबुलेंस ने 20,000 रुपये मांगे. पैसे की कमी के कारण बच्चे के पिता को अपने बेटे को 90 किलोमीटर तक बाइक से ले जाना पड़ा.
बूम ने पाया कि इस वीडियो का तिरुपति भगदड़ से कोई संबंध नहीं है. वीडियो साल 2022 का है.
असल में तिरुपति मंदिर में 10 जनवरी से बैकुंठ द्वार दर्शन शुरू होना था, जिसके लिए टिकट बांटे जा रहे थे. टिकट लेने के लिए करीब 4 हजार की भीड़ जुटी थी इसी क्रम में 8 जनवरी की देर रात टिकट काउंटर के पास भगदड़ मच गई.
एक्स पर इस वीडियो को शेयर करते हुए एक यूजर ने लिखा, 'एक पिता को एंबुलेंस तक नहीं मिली अपने बेटे के शव के लिए? तिरुपति हादसे में जान गंवाई थी मासूम ने. #TirupatiStampede.'
पोस्ट का आर्काइव लिंक.
फैक्ट चेक: वायरल वीडियो 2022 का है
विडियो के कीफ्रेम को रिवर्स इमेज करने पर हमें अप्रैल 2022 की कई खबरें मिलीं, जिनमें वीडियो के विजुअल्स मौजूद थे.
डेक्कन हेराल्ड की 26 अप्रैल 2022 की रिपोर्ट के मुताबिक, आंध्र प्रदेश के तिरुपति स्थित रुइया सरकारी अस्पताल के एंबुलेंस चालकों ने एक मजदूर से उसके बच्चे का शव घर तक ले जाने के लिए 10,000 रुपये से ज्यादा की मांग की थी. कुछ मीडिया रिपोर्टों में ये रकम 20,000 रुपये बताई गई है.
पैसे देने की असमर्थता के कारण पिता को मजबूरन शव को 90 किलोमीटर तक मोटरसाइकिल से ले जाना पड़ा. रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि पिता ने रिश्तेदारों की मदद से बाहर से एंबुलेंस की व्यवस्था की थी पर ड्राइवर माफियाओं ने उस एंबुलेंस चालक को भी मारपीट कर भगा दिया.
इंडियन एक्सप्रेस की 27 अप्रैल 2022 की रिपोर्ट में पुलिस के हवाले से बताया गया कि अन्नामय्या जिले के रहने वाले नरसिम्हुलु ने अपने 10 वर्षीय बेटे जेसेवा को वेंकटेश्वर रामनारायण रुइया सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया था. जेसेवा किडनी संबधी बीमारी से पीड़ित था. 25 अप्रैल की रात किडनी फेल होने के कारण जेसेवा की मौत हो गई.
एंबुलेंस वालों ने नरसिम्हुलु से जेसेवा की लाश को गांव तक ले जाने के लिए 20,000 रुपये मांगे, जबकि उसके पास महज 7,000 रुपये थे.
तब घटना का वीडियो पर वायरल होने के बाद टीडीपी नेता चंद्रबाबू नायडू ने भी इसे शेयर किया था और घटना के लिए तत्कालीन जगमोहन रेड्डी सरकार को जिम्मेदार ठहराया था.
डेक्कन हेराल्ड की रिपोर्ट के अनुसार, तब सीएमओ ने घटना पर विस्तृत जांच के आदेश दिए थे और ड्यूटी पर मौजूद रुइया अस्पताल की रेजिडेंट मेडिकल ऑफिसर डॉ. सरस्वती को निलंबित कर दिया गया था. इसके अलावा अधीक्षक डॉ. भारती को भी कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था और चार आरोपी एंबुलेंस चालकों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया गया था.
इस घटना पर सियासत, वन इंडिया और द हिंदू की रिपोर्ट भी देखी जा सकती है.
तिरुपति भगदड़ से जोड़कर इस वीडियो के वायरल होने के बाद अब आंध्र प्रदेश पुलिस ने भी इस पर प्रतिक्रिया दी है. आंध्र पुलिस ने इस पुराने वीडियो से सावधान करते हुए बताया, "यह वीडियो कल (तिरुपति भगदड़ वाले दिन) का नहीं बल्कि 2022 में तिरुपति में हुई एक घटना का है."