सेना के जवानों पर बीजेपी के पक्ष में फर्जी वोटिंग के आरोप वाला पुराना वीडियो वायरल
बूम ने पाया कि यह 2019 का वीडियो है. भारतीय सेना ने उस समय अज्ञात लोगों द्वारा वीडियो में किए गए दावों का खंडन किया था.
सोशल मीडिया पर भारतीय सेना के जवानों का एक वीडियो लोकसभा चुनाव 2024 से जोड़ते हुए शेयर किया जा रहा है. इसके साथ दावा किया जा रहा है कि मध्य प्रदेश के जबलपुर में भारतीय सेना के जवान लोगों से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लिए फर्जी वोट डलवा रहे हैं.
बूम ने पाया कि वायरल वीडियो लोकसभा चुनाव 2019 के दौरान का है. इसका मौजूदा लोकसभा चुनाव से कोई संबंध नहीं हैं, जैसा कि सोशल मीडिया पोस्ट में दावा किया जा रहा है. भारतीय सेना ने उस समय अज्ञात लोगों द्वारा वीडियो में किए गए इन दावों का खंडन किया था.
इस 2 मिनट 14 सेकंड के वीडियो में, दो अज्ञात लोगों को सेना के एक जवान से पूछताछ करते और उसके साथ यह दावा करते हुए देखा जा सकता है कि वे लोगों से भाजपा को वोट देने के लिए कह रहे हैं.
आपको बताते चलें कि लोकसभा चुनाव 2024 के तहत सात चरणों में से अब तक तीन चरणों के चुनाव हो चुके हैं. चौथे चरण की वोटिंग 13 मई को होनी है. चुनाव के नतीजे 4 जून को घोषित किए जाएंगे.
फेसबुक पर एक यूजर ने वीडियो को शेयर करते हुए लिखा, 'लोकतंत्र खत्म तानाशाह इतना नीचे गिर गया है कि आर्मी के जवान लगा दिये फर्जी वोट डालने के लिए.....BJP को सता रहा है अब हार का डर.'
पोस्ट का आर्काइव लिंक.
फैक्ट चेक
हमने पाया कि 2019 में वीडियो वायरल होने के बाद भारतीय सेना ने इन दावों का खंडन करते हुए एक बयान जारी किया था. और वहां मौजूद जवानों के वोटर कार्ड छीनने की कोशिश के आरोप में उन अज्ञात लोगों के खिलाफ शिकायत भी दर्ज की थी.
भारतीय सेना की 1 मई 2019 की इस शिकायत में कहा गया, "29 अप्रैल 2019 को संसदीय चुनावों के लिए मतदान के दिन, ग्रेनेडियर्स रेजिमेंटल सेंटर के सैनिक अपनी पत्नियों के साथ बूथ नंबर 146, स्वामी विवेकानंद हायर सेकेंडरी स्कूल, कटंगा, जबलपुर में एक सेना की गाड़ी से अपना वोट डालने के लिए आगे बढ़े. बूथ संख्या 45 पर जब भारतीय सेना के जवान अपने मताधिकार का प्रयोग कर रहे थे, तभी कुछ बदमाशों ने आकर आपराधिक बल का प्रयोग कर उनके मतदाता पहचान पत्र छीन लिए और उन्हें वोट डालने से रोकने की कोशिश की."
टाइम्स ऑफ इंडिया, एएनआई और नवभारत टाइम्स सहित कई मीडिया आउटलेट्स ने भारतीय सेना द्वारा वायरल वीडियो का खंडन करने और इस शिकायत से संबंधित खबर की थी.
टाइम्स ऑफ इंडिया की इस रिपोर्ट में बताया था कि जबलपुर से तत्कालीन कांग्रेस उम्मीदवार विवेक तन्खा ने चुनाव आयोग से शिकायत भी की थी कि सेना के एक अधिकारी का जबलपुर के भाजपा उम्मीदवार और राज्य पार्टी प्रमुख राकेश सिंह के साथ 'घनिष्ठ संबंध' हैं.