मुस्लिम शख्स द्वारा पुलिसकर्मी के साथ बदतमीजी के दावे से स्क्रिप्टेड वीडियो वायरल
बूम ने पाया कि मूल वीडियो में स्पष्ट रूप से एक डिस्क्लेमर दिया गया था जिसमें कहा गया था कि वीडियो में दिखाए गए नाम, पात्र, व्यवसाय, स्थान और घटनाएं सभी काल्पनिक हैं.

सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसके साथ एक मुस्लिम व्यक्ति द्वारा महिला पुलिसकर्मी से बदतमीजी किए जाने का सांप्रदायिक दावा किया जा रहा है.
बूम ने फैक्ट चेक में पाया कि वायरल वीडियो स्क्रिप्टेड है. मूल वीडियो Amit Dixit Social Message नाम के एक यूट्यूब चैनल पर अपलोड किया गया है जिसके डिस्क्लेमर में साफ तौर पर बताया गया है कि वीडियो में दिखाए गए नाम, वर्ण, व्यवसाय, स्थान और घटनाएं सभी काल्पनिक हैं.
सोशल मीडिया पर क्या है वायरल?
एक्स, फेसबुक और इंस्टाग्राम जैसे माध्यमों पर यह वीडियो खूब शेयर किया जा रहा है. करीब एक मिनट के इस वीडियो में महिला वर्दीधारी और इस्लामी टोपी पहने एक शख्स के बीच कहासुनी होती दिख रही है. इस दौरान बदतमीजी करने और रिश्वत देने पर महिला पुलिसकर्मी उसे थप्पड़ मारती भी नजर आ रही है.
फेसबुक पर एक यूजर ने वीडियो को वास्तविक मानकर इसके साथ सांप्रदायिक दावा करते हुए लिखा, 'जब एक ऑन ड्यूटी महिला पुलिसकर्मी इन से सुरक्षित नहीं है तो आम लड़की /महिलाएं कैसे सुरक्षित रहेंगी?' (आर्काइव लिंक)
इंस्टाग्राम पर एक अन्य यूजर ने लिखा, 'हिंदू पुलिसवाली से बदतमीजी.' वहीं एक्स पर एक यूजर ने इसे उत्तर प्रदेश का बताते हुए कथित पुलिसकर्मी की सराहना की और लिखा, 'यूपी पुलिस की शेरनी..' (आर्काइव लिंक)
पड़ताल में क्या मिला:
वायरल वीडियो स्क्रिप्टेड है
वायरल वीडियो के कीफ्रेम को रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें Amit Dixit Social Message नाम के यूट्यूब चैनल पर 21 सितंबर 2025 का साझा किया गया मूल वीडियो मिला. करीब पांच मिनट के इस मूल वीडियो में 2 मिनट के बाद वायरल वीडियो वाला हिस्सा देखा जा सकता है.
हमने पाया कि वीडियो की शुरुआत में तीन सेकंड के टाइमस्टैम्प पर एक डिस्क्लेमर दिखाई देता है जिसमें स्पष्ट रूप से लिखा गया है, "इस वीडियो में दिखाए गए नाम, वर्ण, व्यवसाय, स्थान और घटनाएं सभी काल्पनिक हैं. इसका किसी मृत व्यक्ति या जीवित व्यक्ति से कोई संबंध नहीं हैं. अगर इसका किसी वास्तविक घटना या चरित्र से कोई संबंध पाया जाता है तो यह मात्र एक संयोग होगा. इस वीडियो में कुछ डरावने तत्व दिखाए गए हैं और यह परिपक्व दर्शकों के लिए उपयुक्त है." इससे साफ था कि वीडियो में दिख रही घटना वास्तविक नहीं है. (आर्काइव लिंक)
चैनल पर मौजूद हैं इस तरह के और भी वीडियो
अधिक जानकारी के लिए हमने इस चैनल की जांच की तो पाया कि वही वर्दीधारी महिला और अन्य कलाकार चैनल पर मौजूद विभिन्न विषयों पर आधारित स्क्रिप्टेड कंटेंट के अलग-अलग किरदारों में नजर आते हैं.
जांच के दौरान हमने यह भी पाया कि इनके ज्यादातर वीडियो में जानबूझकर आरोपियों के रूप में मुस्लिमों को दिखाने की कोशिश की गई है, जिससे लोगों में भ्रम की स्थिति पैदा होती है.
इनके beauty of nature नाम के फेसबुक पेज पर भी ये सारे वीडियो उपलब्ध हैं. फेसबुक से मिली जानकारी के मुताबिक ये क्रिएटर अमित दीक्षित हरियाणा के रहने वाले हैं. बूम से बातचीत में अमित दीक्षित ने भी इसकी पुष्टि की कि यह एक नाटकीय रूपांतरण है जैसा कि डिस्क्लेमर में बताया गया है. उनके मुताबिक इसका उद्देश्य समाज में घटने वाली घटनाओं को दिखाना और यह बताना है कि ऐसे मामलों में पुलिस कैसे एक्शन लेती है.




