बांग्लादेशी मौलवी के 'हेट स्पीच' का पुराना वीडियो उत्तर प्रदेश का बताकर वायरल
बूम ने पाया कि यह वीडियो उत्तर प्रदेश के गाज़ियाबाद का नहीं, बल्कि बांग्लादेश के दिनाजपुर में सैयद इरशाद बुखारी नाम के एक मौलवी के दो साल पुराने भाषण को दिखाता है.
बांग्लादेश के दिनाजपुर जिले में हिंदुओं के ख़िलाफ़ भड़काऊ भाषण देते बांग्लादेशी मौलवी का एक पुराना वीडियो इस फ़र्ज़ी दावे के साथ शेयर किया जा रहा है कि यह घटना हाल ही में उत्तर प्रदेश के गाज़ियाबाद जिले के डासना में हुई थी.
बूम ने पाया कि वीडियो जून, 2021 में बांग्लादेश के दिनाजपुर में डॉ सैयद इरशाद बुखारी नाम के एक मौलवी के भड़काऊ भाषण को दिखाता है. बुखारी ने अप्रैल, 2021 में पैगंबर मुहम्मद के ख़िलाफ़ कट्टरपंथी हिंदू पुजारी यती निरसिंहानंद के भाषण के बाद हिंदुओं को निशाना बनाया था.
वायरल वीडियो में, मौलवी हिंदुओं को कलमा पढ़ने, इस्लाम धर्म अपनाने और पैगंबर मुहम्मद से माफ़ी मांगने के लिए उकसाने वाला भाषण देते हुए नज़र आता है. वह आगे हिंदुओं को इस्लाम में धर्म परिवर्तन करने और उनके बदतर अंतिम संस्कार प्रक्रिया के लिए चेतावनी देता है.
विष्णुगुप्त उवाच नाम के एक ट्विटर यूज़र ने अपने वेरीफाईड हैंडल से वीडियो शेयर करते हुए लिखा, "डासना, गाजियाबाद. "हिंदुओं, धर्मांतरण करो, या जब आप मुसलमानों के हाथों मरेंगे तो आपको अपना अंतिम अधिकार भी नहीं मिलेगा. "डरा हुआ" अल्पसंख्यक समुदाय से एक गंभीर चेतावनी.”
ट्वीट का आर्काइव वर्ज़न यहां देखें.
इसी वीडियो को दक्षिणपंथी हैंडल क्रिएटली ने बांग्लादेश में हाल ही में दिए गए भाषण के तौर पर ट्वीट किया.
ट्वीट का आर्काइव वर्ज़न यहां देखें. बूम ने फ़र्ज़ी सूचनाओं को फ़ैलाने के लिए कई बार क्रिएटली का फ़ैक्ट चेक किया है. यहां, यहां और यहां देखें.
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फ़ैक्ट चेक
बूम ने संबंधित कीवर्ड्स की मदद से वीडियो को खोजना शुरू किया तो पाया कि यह वीडियो सोशल मीडिया पर साल 2021 से प्रसारित किया जा रहा है.
हमें जांच के दौरान इस वीडियो का लंबा वर्ज़न जून 2021 को किये गए एक फ़ेसबुक पोस्ट में मिला.
वीडियो में मौलवी को हिंदी में यह कहते हुए सुना जा सकता है, "आज हम यहां बांग्लादेश के दिनाजपुर जिले में जुमा की नमाज़ के बाद इकट्ठा हुए हैं."
मौलवी ने भाषण की शुरुआत में यति नरसिंहानंद सरस्वती पर निशाना साधा और कहा कि मुसलमान अपने धर्म और पैगंबर मुहम्मद के ख़िलाफ़ भड़काऊ भाषण के लिए अपनी जान कुर्बान करने को तैयार हैं.
उत्तर प्रदेश के गाज़ियाबाद में डासना देवी मंदिर के प्रमुख यति नरसिंहानंद सरस्वती पर मुसलमानों के ख़िलाफ़ नफ़रत भरे भाषण देने और खुलेआम उनके ख़िलाफ़ हिंसा का आह्वान करने का आरोप है. हिंदू संत ने अप्रैल, 2021 में एक भड़काऊ भाषण में पैगंबर मुहम्मद के ख़िलाफ़ अपमानजनक टिप्पणी की थी.
दिसंबर, 2021 में हरिद्वार में आयोजित एक धार्मिक सम्मेलन, धर्म संसद में, यति नरसिंहानंद ने भारत में मुस्लिमों के नरसंहार के लिए खुला आह्वान किया था. यति नरसिंहानंद, अन्य दक्षिणपंथी नेताओं के साथ कथित रूप से निषेधाज्ञा (Prohibitory order violation) का उल्लंघन करने और सांप्रदायिक हिंसा भड़काने के लिए मुक़दमे का सामना कर रहा है.
बूम बांग्लादेश ने पुष्टि की कि वीडियो में सफ़ेद पगड़ी में नज़र आने वाले मौलवी के अनुयायी अहले सुन्नत वल जमात के अनुयायी हैं. दिनाजपुर और बांग्लादेश के उत्तरी हिस्सों में इस्लामिक प्रचारकों की खोज करने पर, हमने पाया कि मेगाफोन स्पीकर से भाषण देने वाले मौलवी का नाम डॉ सैयद इरशाद अहमद अल बुखारी है.
हमें 30 अप्रैल, 2021 को 'डॉ सैयद इरशाद अहमद अल बुखारी' के यूट्यूब चैनल पर अपलोड किए गए भाषण का फ़ुल वीडियो (7.16 मिनट) मिला. वीडियो का टाइटल है, "डॉ सैयद इरशाद बुखारी ने बांग्लादेश से नरसिंहानंद सरस्वती को मुबाहला चैलेंज दिया."
वीडियो के डिस्क्रिप्शन में बताया गया है कि बांग्लादेश के डॉ सैयद इरशाद अहमद अल बुखारी और उनके अनुयायियों ने एक मानव श्रृंखला बनाई और अपने भाषण के माध्यम से यति नरसिंहानंद सरस्वती को पैगंबर मुहम्मद के ख़िलाफ़ उनकी टिप्पणी के लिए खुली चुनौती दी.
एडिशनल रिपोर्टिंग : शोएब अब्दुल्ला, बूम बांग्लादेश
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