हाथ में पोस्टर लिए मुस्लिम बच्चे की तस्वीर एडिट कर के वायरल की गई
तस्वीर में बच्चे के हाथ में दिख रहे प्लेकार्ड पर मुस्लिमों के ज़्यादा बच्चे पैदा करने पर आपत्तिजनक शब्दों को एडिट करके जोड़ा गया है.
एक मुस्लिम लड़के को प्लेकार्ड पकड़े हुए दिखाती एक तस्वीर सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है. इस तस्वीर को शेयर करते हुए यूज़र्स दावा कर रहे हैं कि मुस्लिम 4 बीवियां और 40 बच्चे पैदा कर रहे हैं. साथ ही हिन्दुओं से सवाल पूछ रहे हैं कि "क्या हमारे 1 बच्चे उन 25 जाहिलों ज़िहादियों आतंकियों के भीर का मुकाबला कर पायेंगे."
वायरल तस्वीर में दिख रहे प्लेकार्ड में लिखा है 'मेरे अब्बू के 4 बीबियाँ है 25 बच्चे है और मोदीराज में बहुत मंदी है. हम भूख से मर रहे हैं मोदी जिम्मेदार है'.
बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल तस्वीर में बच्चे के हाथ में जो प्लेकार्ड है वो एडिटेड है.
दो असंबंधित घटनाओं की तस्वीरें फ़र्ज़ी 'लव जिहाद' के दावे से वायरल
फ़ेसबुक पर तस्वीर शेयर करते हुए सनातनी हिन्दू नामक पेज ने कैप्शन में लिखा 'हिन्दुयों सोचो समझो ये चुसलामिक जाहिल ज़िहादी 4 बीबी 40 बच्चे पैदा कर रहे हैं और हम 1 बच्चे पैदा कर रहे हैं क्या हमारे 1 बच्चे उन 25 जाहिलों ज़िहादियों आतंकियों के भीर का मुकाबला कर पायेंगे ? कल को हजार दो हजारों की इन जाहिलों की भीर हमारे घरों पे दुकानों पे खेतों पे कब्जा कर लेंगे तो क्या हम उनका विरोध भी कर पायेंगे? उनके पास वोट पावर होगा तो सरकार मे भी उनके लोग ही होंगे फिर ऐसे ऐसे हिन्दू विरोधी कानून बनायेंगे की हिन्दुयों का जीना दूभर कर देंगे जैसे इन हरामियों मे अफगानिस्तान बंगलादेश और पाकिस्तान मे कर रख्खा है इसलिये बार बार कहता हूँ चुसलामिक ज़िहादियों का पूर्ण बहिस्कार करो और अपनी आवादी बढाओ ज़िससे बक्त परने पे इन जाहिलों का मुकाबला किया जा सके'.
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बीते हफ़्ते वायरल हुईं पांच प्रमुख फ़र्ज़ी ख़बरें
फ़ैक्ट चेक
बूम ने वायरल तस्वीर को रिवर्स इमेज सर्च पर चलाया और पाया कि तस्वीर को डिजिटल तरीके से मॉर्फ़ किया गया है और मूल तस्वीर में प्लेकार्ड पर एक अलग संदेश लिखा हुआ है. ओरिजिनल प्लेकार्ड में लिखा है 'मरने से हमें ना डराओ ए जालिमों हमने बचपन में लोरियां नहीं कर्बला की कहानियां सुनी है'.
हमें मूल तस्वीर AIMIM बोकारो झारखण्ड नाम के फ़ेसबुक पेज पर 18 जनवरी 2020 को अपलोड हुई मिली.
इसके अलावा हमें 19 जनवरी 2020 के एक अन्य फ़ेसबुक पोस्ट में ये तस्वीर मिली.
प्लेकार्ड में लिखे संदेश के साथ सर्च करने पर हमने पाया कि नागरिकता संशोधन बिल विरोधी प्रदर्शनों के दौरान यह संदेश काफ़ी ज़्यादा प्रचारित था.
हमने नीचे वायरल तस्वीर और मूल तस्वीर के बीच तुलनात्मक विश्लेषण किया है जो पुष्टि करता है कि वायरल तस्वीर के साथ किया गया दावा फ़र्ज़ी है.
हालांकि, बूम स्वतंत्र रूप से यह पता नहीं लगा सका कि असल में तस्वीर कब और कहां से है.
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