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फैक्ट चेक

मुर्शिदाबाद हिंसा: नेपाल में पुलिस पर पथराव का वीडियो बंगाल का बताकर वायरल

बूम ने पाया कि वायरल वीडियो नेपाल की राजधानी काठमांडू का है जहां 28 मार्च को राजशाही के समर्थन में उतरे प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव किया था.

By -  Jagriti Trisha
Published -  16 April 2025 12:48 PM
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    Stone pelting on bengal police Claim
    CLAIMवीडियो पश्चिम बंगाल का है, जहां पुलिस पत्थरबाजों से बचने के लिए शील्ड के पीछे छुप रही है.
    FACT CHECKबूम ने जांच में पाया कि यह वीडियो नेपाल का है. असल में काठमांडू के तिनकुने में बीते दिनों राजशाही की मांग को लेकर चल रहे प्रदर्शन के दौरान पुलिस पर पथराव की यह घटना सामने आई थी.

    पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में हिंसा के बाद उपजे तनाव के बीच पुलिस पर पत्थरबाजी का एक वीडियो वायरल हो रहा है. सोशल मीडिया यूजर वीडियो को पश्चिम बंगाल का बताते हुए दावा कर रहे हैं कि यह बंगाल पुलिस है, जिसे खुद पत्थरबाजों से बचने के लिए शील्ड के पीछे छुपना पड़ रहा है.

    बूम ने वीडियो की जांच में पाया कि दावा गलत है. यह पश्चिम बंगाल का नहीं बल्कि नेपाल का वीडियो है. काठमांडू के तिनकुने में 28 मार्च 2025 को राजशाही की मांग को लेकर हुए प्रदर्शन में हिंसा भड़क उठी थी. इसी दौरान पुलिस पर पथराव की घटना सामने आई थी.

    करीब दस सेकंड के वायरल वीडियो में कुछ लोग पुलिसकर्मियों पर पत्थर फेंकते दिख रहे हैं और इससे बचने के लिए पुलिस खुद शील्ड के पीछे छुपती नजर आ रही है.

    फेसबुक पर एक यूजर ने वीडियो को शेयर करते हुए ममता बनर्जी सरकार पर निशाना साधा और लिखा, 'तरस आता है बंगाल पुलिस की हालत देखकर, बलवाइयों पर गोली तक नहीं चला सकते है. ममता बनर्जी का खौफ इतना है कि ईंट खा लेंगे पर कुछ नहीं करेंगे हद है!'


    पोस्ट का आर्काइव लिंक.

    फेसबुक पर एक अन्य यूजर ने भी इसे बंगाल पुलिस के दावे से ही शेयर किया है.


    पोस्ट का आर्काइव लिंक.

    फैक्ट चेक: वीडियो नेपाल का है

    बूम ने गूगल रिवर्स इमेज सर्च का उपयोग करके वीडियो के कीफ्रेम की जांच की. इस दौरान हमें यूट्यूब और फेसबुक पर ऐसे कई पोस्ट मिले, जिनमें वायरल वीडियो से मिलते हुए वीडियो मौजूद थे. इनके डिस्क्रिप्शन में मौजूद जानकारी के मुताबिक यह वीडियो नेपाल का है.

    Infotainment Nepal नाम के यूट्यूब चैनल पर यह वीडियो 28 मार्च को अपलोड किया गया था. इसके साथ बताया गया कि राजशाही समर्थकों ने पुलिस पर पत्थर फेंके.


    इस यूट्यूब वीडियो में वायरल क्लिप में मौजूद एक दुकान का शटर देखा जा सकता है. इसके अलावा वीडियो के अंत में एक शख्स के हाथ में नेपाल का राष्ट्रीय झंडा भी मौजूद है.



    एक अन्य यूट्यूब वीडियो के डिस्क्रिप्शन में इसे नेपाल स्थित तिनकुने में आर्म्ड पुलिस फोर्स (एपीएफ) पर हुई पत्थरबाजी का बताया गया था. वहीं फेसबुक पर 28 मार्च को पोस्ट किए गए इस वीडियो के कैप्शन में नेपाली में लिखा था, 'आज तिनकुने में पुलिस पर इस तरह हमला हुआ.'

    आगे वायरल वीडियो को गौर से देखने पर हमें एक दीवार पर 'घर आंगन' रेस्टोरेंट का नाम लिखा दिखाई दिया. गूगल मैप्स पर हमने नेपाल के इस घर आंगन रेस्टोरेंट के लोकेशन की तलाश की तो पाया कि ये काठमांडू में स्थित है.



    गूगल पर मौजूद नंबर की मदद से हमने घर आंगन रेस्टोरेंट से संपर्क किया. रेस्टोरेंट के मालिक ने बूम से बातचीत में इसकी पुष्टि की कि यह नेपाल के काठमांडू स्थित तिनकुने का वीडियो है.

    उन्होंने बताया, "यह 28 मार्च का वीडियो है. उस दिन राजशाही के समर्थन में प्रदर्शन कर रहे लोगों और पुलिस के बीच झड़प हो गई थी."

    नेपाल में राजशाही की बहाली को लेकर हुआ था प्रदर्शन

    बीते 28 मार्च को नेपाल की राजधानी काठमांडू में प्रदर्शनकारी राजशाही समर्थकों ने पुलिस की घेराबंदी तोड़ने की कोशिश की जिसके बाद उनके और सुरक्षाबलों के बीच झड़प हो गई. काठमांडू में भड़की इस हिंसा में दो लोगों की मौत हो गई और कई लोग घायल हो गए थे.

    प्रदर्शन के दौरान घरों, इमारतों और वाहनों में आगजनी की भी खबरें आईं. हालात पर काबू पाने के लिए सेना को बुलाना पड़ा. पुलिस ने इस मामले में करीब 105 लोगों को हिरासत में लिया था.

    2008 में नेपाल में राजशाही को खत्म कर दिया गया था और नेपाल एक धर्मनिरपेक्ष, संघीय, लोकतांत्रिक गणराज्य के रूप में उभरा था. पूर्व राजा ज्ञानेंद्र शाह ने 19 फरवरी 2025 को लोकतंत्र दिवस के मौके पर अपने वीडियो संदेश में लोगों से समर्थन की अपील की, जिसके बाद नेपाल में राजशाही और हिंदू राष्ट्र की मांग को लेकर आंदोलन तेज हो गया.

    Tags

    West BengalNepal newsMamata Banerjee
    Read Full Article
    Claim :   वीडियो में देखा जा सकता है पश्चिम बंगाल पुलिस किस तरह पत्थरबाजों से बचने के लिए शील्ड के पीछे छुप रही है.
    Claimed By :  Social Media Posts
    Fact Check :  False
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