क्या अशोक गहलोत की सभा में लगे मोदी-मोदी के नारे? फैक्ट चेक
बूम की जांच में यह वीडियो एडिटेड पाया गया है. टोंक में हो रही चुनावी सभा के दौरान गहलोत के भाषण के मूल वीडियो में मोदी-मोदी नारे का वॉइस ओवर अलग से जोड़ा गया है.
सोशल मीडिया पर कांग्रेस नेता अशोक गहलोत का एक वीडियो वायरल हो रहा है. वायरल वीडियो में अशोक गहलोत के भाषण के दौरान पीछे मोदी-मोदी के नारे लग रहे हैं जिसपर प्रतिक्रिया देते हुए वे कह रहे हैं, "कौन लोग हैं... सपोर्ट में आए हो कि क्या आए हो, ए! आप इनके (घासीलाल चौधरी की तरफ इशारा करते हुए) सपोर्ट में आए हो, किसकी तरफ से आए हो...?" उनके साथ मंच पर खड़े कांग्रेस के मालपुरा प्रत्याशी घासीलाल चौधरी भी भीड़ को चुप कराते नजर आ रहे हैं.
नवंबर में राजस्थान सहित पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव हो रहे हैं. राजस्थान में 25 नवंबर को मतदान होना है और 3 दिसंबर को परिणाम घोषित किए जाएंगे. इन चुनावों के मद्देनजर सभी पार्टियों के नेता जोर-शोर से प्रचार में लगे हुए हैं. हर पार्टी के समर्थक, मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए तरह-तरह की भ्रामक और फ़र्जी तस्वीरें तथा वीडियोज शेयर कर रहे हैं. इसी संदर्भ में राजस्थान के मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता अशोक गहलोत का एक वीडियो शेयर किया जा रहा है.
बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल वीडियो एडिटेड है. मालपुरा में चल रही चुनावी सभा में भीड़ शोर कर रही थी जिसपर रियेक्ट करते हुए अशोक गहलोत ने ये बातें कही थीं. इस सभा में मोदी से संबंधित नारे नहीं लगे.
हालांकि सोशल मीडिया पर इस वीडियो को शेयर करते हुए यह दावा किया जा रहा है कि चुनावी सभा के दौरान मोदी-मोदी के नारे लगे हैं.
X (ट्विटर) पर एक यूजर लक्ष्मीकांत भारद्वाज, जो कि बीजेपी राजस्थान के स्पोक्सपर्सन हैं, ने इसे साझा करते हुए लिखा, "ये लो साहब, राजस्थान का चुनाव परिणाम आ गया, गहलोत जी पैकिंग शुरू करो."
असम के मुख्यमंत्री और भाजपा नेता हिमंत बिस्व सरमा ने भी अपने X (ट्विटर) पर इसे शेयर करते हुए लिखा कि 'मोदी जी का गारंटी- आएगा तो मोदी ही.'
X (ट्विटर) पर अन्य यूजर्स भी इसे इसी फ़र्जी दावे के साथ शेयर कर रहे हैं. यहां, यहां देखें.
फेसबुक पर भी यूजर्स ने इसे ऐसे ही मिलते-जुलते दावों के साथ शेयर किया है. यहां और यहां देख सकते हैं.
फैक्ट चेक
हम पड़ताल करते हुए इस पोस्ट के कमेंट सेक्शन में गए, जहां कई यूजर्स ने इसका खंडन करते हुए इसे फेक बताया था. इसे यहां, यहां, यहां देखा जा सकता है.
बूम ने इसके बाद वीडियो से जुड़े कीवर्ड्स सर्च करने शुरू किए. 'अशोक गहलोत की सभा में लगे मोदी-मोदी के नारे' सर्च करने पर हमें हालिया कोई न्यूज रिपोर्ट नहीं मिली. वहां के लोकल अखबारों में भी ऐसी किसी घटना का जिक्र नहीं मिला.
आगे इसी कीवर्ड्स से हमें दो महीने पहले की कई रिपोर्ट्स मिलीं. 7 सितंबर 2023 के आजतक और हिंदुस्तान के अनुसार राजस्थान के भीलवाड़ा में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भीड़ देखकर अपना काफिला रोक दिया था, जहां भीड़ ने मोदी-मोदी के नारे लगाने शुरू कर दिए थे.
इसपर और जानने के लिए हमने इस घटना से संबंधित वीडियोज सर्च करने शुरू किए. 7 सितंबर 2023 के BJP के यूट्यूब चैनल पर हमें इस घटना का वीडियो मिला. इंडिया टीवी के यूट्यूब पर भी इसी आवाज के साथ एक वीडियो मौजूद था. वीडियो देखने पर पता चला कि इस वीडियो में जो मोदी-मोदी के नारे लग रहे हैं वही नारे अभी के वायरल वीडियो में भी सुनाई दे रहे हैं.
चूंकि वायरल वीडियो के नीचे मालपुरा, टोंक मेंशन था, इसलिए हमने मूल वीडियो तक पहुंचने के लिए अशोक गहलोत की टोंक में हुई चुनावी सभा के बारे में सर्च किया. हमें अशोक गहलोत के यूट्यूब चैनल पर 16 मिनट का मूल वीडियो मिला. हम वीडियो में 2 मिनट 15 सेकेंड से 2 मिनट 30 सेकेंड तक के वायरल क्लिप को यहां देख सकते हैं. इसमें वायरल वीडियो की तरह मोदी-मोदी के नारे नहीं सुनाई दे रहे हैं. इससे स्पष्ट होता है कि वायरल वीडियो में सितंबर 2023 वाले मोदी-मोदी के नारे का वॉइस ओवर ऐड किया गया है.
हमने राजस्थान कांग्रेस से भी संपर्क किया. उनकी ओर से भी हमें यही वीडियो उपलब्ध कराया गया.
और स्पष्टता के लिए हमने मालपुरा के कांग्रेस उम्मीदवार घासीलाल चौधरी, जो अशोक गहलोत साथ मंच साझा कर रहे थे, के ऑफिस से भी संपर्क किया. उन्होंने बताया कि "वायरल वीडियो फेक है. वहां मोदी-मोदी के नारे नहीं लगे, भीड़ अशोक गहलोत जिंदाबाद के नारे लगा रही थी. कोई भी बड़ी हस्ती आती है तो लोग नारे लगाते ही हैं, उससे शोर हो रहा था. अपनी बात रखने के लिए गहलोत जी ने उन्हें शांत कराते हुए वह प्रतिक्रिया दी थी."
इस संदर्भ में घासीलाल चौधरी ने अपने फेसबुक पेज पर भी इस वीडियो का खंडन करते हुए पोस्ट किया है. उन्होंने वायरल वीडियो और मूल वीडियो को शेयर करते हुए लिखा, 'भाजपा सिर्फ झूठ और नफरत फैलाती है.'
हमारी टीम ने इस संबंध में बातचीत के लिए वहां के लोकल पत्रकारों से भी संपर्क किया. 'केसर किरण' नाम के पेपर और पोर्टल के संपादक अब्दुल्ला खान ने बताया कि 'वहां ऐसा कुछ नहीं हुआ था. मोदी-मोदी के नारे नहीं लगे थे. भीड़ गहलोत जिंदाबाद के ही नारे लगा रही थी. बोलने में डिस्टर्बेंस आने की वजह से अशोक गहलोत भीड़ को शांत करा रहे थे."
इससे स्पष्ट है कि वायरल वीडियो एडिटेड है. 22 नवंबर को मालपुरा, टोंक में कांग्रेस उम्मीदवार घासीलाल चौधरी की चुनावी सभा को संबोधित करते हुए अशोक गहलोत ने भीड़ की नारेबाजी को शांत कराते हुए ये बातें कही थीं, इस सभा में मोदी-मोदी के नारे नहीं लगे थे.