2019 का सूरत में हिंसा का वीडियो हालिया मेवात-नूंह हिंसा से जोड़कर वायरल
बूम ने पाया कि वायरल वीडियो का हाल ही में हरियाणा के मेवात-नूंह में हुई सांप्रदायिक हिंसा से कोई सम्बन्ध नहीं है.
हरियाणा के नूंह-मेवात में सांप्रदायिक दंगों से जोड़कर सूरत में भीड़ द्वारा बसों पर पथराव कर तोड़फोड़ करने का एक पुराना वीडियो भ्रामक दावों के साथ वायरल हो रहा है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक हरियाणा के नूंह जिले और गुरुग्राम के इलाकों में सांप्रदायिक तनाव फैलने की वजह से दंगों की स्थिति पैदा हो गई. हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने हिंसा में छह लोगों की जान जाने के बाद शांति की अपील की.
हरियाणा के सन्दर्भ में वीडियो को इंग्लिश कैप्शन के साथ प्रसारित किया जा रहा है जिसका हिंदी अनुवाद है, "हम कर चुकाते हैं, वे सब्सिडी और सरकारी संरक्षण का आनंद लेते हैं क्योंकि वे "अल्पसंख्यक" हैं. पोलिसी स्तर पर सब कुछ उलटा है. इन्हें कठोर "डी-रेडिकलाइजेशन" और मानवीकरण (Humanisation) कार्यक्रम में रखा जाना चाहिए. हमारे साथ-साथ उनके लिए भी बेहतर होगा."
वीडियो में देखा जा सकता है कि लोगों का एक समूह बीच सड़क पर खड़ी बसों पर बड़े-बड़े पत्थर फेंक कर मार रहा है. ट्वीट यहां देखें.
ट्वीट का आर्काइव वर्जन यहां देखें. इसी दावे से अन्य ट्वीट यहां, यहां और यहां देखें.
फ़ेसबुक पर भी यह वीडियो हाल की बताकर शेयर की गयी है, जिसे यहां, यहां और यहां देखें.
फ़ैक्ट चेक
बूम ने वायरल वीडियो से कीफ़्रेम निकालकर गूगल रिवर्स इमेज सर्च किया तो 'द क्विंट' की 05 जुलाई 2019 की एक वीडियो रिपोर्ट मिली जिसके मुताबिक, यह घटना गुजरात के सूरत की है. रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस और मुस्लिम समुदाय के प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प तब हुई जब पुलिस ने भीड़ को मॉब लिंचिंग के खिलाफ रैली निकालने से रोकने की कोशिश की थी.
हमने वायरल वीडियो और 'द क्विंट' द्वारा इस्तेमाल की गयी वीडियो के बीच कई समानताएं देखीं. बूम ने क्षतिग्रस्त बस के पीछे स्थित इमारतों में से एक की तुलना की.
हमें इस घटना पर TV9 गुजराती की वीडियो रिपोर्ट भी मिली जिसमें वायरल वीडियो के समान दृश्य मौजूद हैं. TV9 गुजराती का यह वीडियो 5 जुलाई 2019 का है, जब यह घटना हुई थी.
अहमदाबाद मिरर ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि दो बसें क्षतिग्रस्त हुईं हैं और वायरल वीडियो को भी ध्यानपूर्वक देखने पर दो बसें दिखाई देती हैं - एक आगे और दूसरी पीछे प्रदर्शनकारियों से घिरी हुई दिखती है.
एएनआई के 05 जुलाई 2019 के एक ट्वीट में कहा गया है कि यह घटना सूरत के नानपुरा इलाके में हुई जब पुलिस ने बिना परमिशन के आयोजित एक रैली को रोकने की कोशिश की. रिपोर्ट के मुताबिक, झड़प के कारण 4-5 से ज्यादा पुलिसकर्मी घायल हो गए और धारा 144 लगा दी गई.
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