पुंछ गोलाबारी में मारे गए मदरसा शिक्षक को मीडिया ने बताया 'आतंकी'
पुंछ जिला पुलिस ने दावे का खंडन करते हुए बताया कि कारी मोहम्मद इकबाल एक मदरसा शिक्षक थे जो पाकिस्तान की तरफ से क्रॉस बॉर्डर गोलाबारी में मारे गए.



हिंदी न्यूज आउटलेट ने पुंछ फायरिंग में मारे गए मौलाना मोहम्मद इकबाल की तस्वीर के साथ गलत दावा करते हुए उन्हें लश्कर का खूंखार आतंकी बताया. इसी के दावा किया गया कि भारतीय सेना की ओर से पाकिस्तान में की गई कार्रवाई में लश्कर-ए-तैयबा का आतंकी मोहम्मद कारी इकबाल मारा गया.
बूम ने पाया कि मोहम्मद इकबाल पुंछ स्थित एक मदरसे में शिक्षक थे जो पाकिस्तान की ओर से क्रॉस बॉर्डर गोलाबारी में मारे गए. पुंछ जिला पुलिस ने भी मीडिया रिपोर्ट का खंडन करते हुए स्पष्ट किया कि उनका किसी आतंकी संगठन से कोई संबंध नहीं था.
न्यूज वेबसाइट एबीपी लाइव हिंदी ने 7 मई 2025 को एक आर्टिकल में मोहम्मद इकबाल की तस्वीर इस्तेमाल करते हुए उन्हें मोस्ट वॉन्टेड आतंकी बताया और लिखा कि भारत की ओर से एयरस्ट्राइक में वह मारे गए.
एबीपी न्यूज के आर्टिकल का स्क्रीनशॉट
इसी तरह न्यूज 18 हिंदी के एक बुलेटिन के ग्राफिक में मोहम्मद इकबाल की तस्वीर का इस्तेमाल करते हुए आतंकी बताया गया.
न्यूज 18 के बुलेटिन की रिकॉर्डिंग
हालांकि एबीपी न्यूज और न्यूज 18 दोनों ने ही स्टोरी और वीडियो लिंक डिलीट कर दिए हैं.
फैक्ट चेक
बूम ने फैक्ट चेक में पाया कि न्यूज आउटलेट में दिखाए गए शख्स की मौत जम्मू- कश्मीर के पुंछ में पाकिस्तान की ओर से गोलाबारी में हुई है. साथ ही वह एक भारतीय नागरिक हैं जो पुंछ स्थित एक मदरसे में शिक्षक थे.
बूम को गूगल पर कीवर्ड सर्च से Save Jammu नाम के फेसबुक पेज पर पोस्ट मिला जिसके कैप्शन में बताया कि बैला निवासी कारी मोहम्मद इकबाल की पाकिस्तानी गोलाबारी में मौत हो गई. वह पुंछ स्थित जामिया जिया-उल-उलूम में शिक्षक थे.
इसके अलावा हमें 8 मई 2025 को पुंछ जिला पुलिस की ओर से जारी प्रेस रिलीज मिली जिसमें उन्होंने वायरल न्यूज रिपोर्ट का खंडन किया.
प्रेस रिलीज के जरिए पुलिस ने बताया कि मौलाना मोहम्मद इकबाल (46) मंडी तहसील के बैला गांव निवासी हैं. उनकी मौत को लेकर निराधार और भ्रामक रिपोर्ट प्रसारित की जा रही है. उनकी मौत पुंछ शहर के मदरसा जिया उल उलूम में पाकिस्तान द्वारा सीमा पार से की गई गोलाबारी के कारण हुई.
पुंछ पुलिस ने आगे लिखा कि मृतक मौलाना मोहम्मद इकबाल स्थानीय समुदाय में एक सम्मानित धार्मिक व्यक्ति थे और उनका किसी भी आतंकी संगठन से कोई संबंध नहीं था. इसके अलावा पुलिस ने चेतावनी देते हुए कहा कि इस तरह की फर्जी खबरें फैलानों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
हमें सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक यूजर की ओर से शेयर किया गया कारी मोहम्मद इकबाल के परिवार का बयान मिला. इसमें मौलाना के परिवार को पुंछ जिला कलेक्टर, पुलिस और गर्वनर से उन मीडिया हाउस के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का निवेदन करते हुए सुना जा सकता है जिन्होंने गलत खबरें चलाईं.
द क्विंट की फैक्ट चेक Webqoof ने उपरोक्त वीडियो को सही बताते हुए परिवार के बयान की पुष्टि की.
इसके अलावा टाइम्स ऑफ इंडिया और डेक्कन हेराल्ड की 7 मई 2025 की रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय सेना की ओर से ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान के मुरीदके में कारी अब्दुल मलिक नाम के आतंकी के अलावा खालिद और मुदस्सिर मारे गए. हालांकि बूम स्वतंत्र रूप से इसकी पुष्टि नहीं करता है.