हामिद अंसारी पर नाराज होतीं मायावती के इस वायरल वीडियो का नमाज से कोई लेना-देना नहीं
सोशल मीडिया पर वीडियो को इस दावे के साथ शेयर किया जा रहा है कि हामिद अंसारी के नमाज पढ़ने जाने को लेकर मायावती नाराज हुई थीं. बूम की जांच में यह दावा गलत पाया गया.
बहुजन समाज पार्टी प्रमुख और उत्तर प्रदेश की सीएम रह चुकीं मायावती का एक वीडियो सोशल मीडिया पर इन दिनों खूब वायरल है. इस वीडियो में वह पूर्व उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के तत्कालीन चेयरमैन हामिद अंसारी पर नाराजगी जाहिर करती नजर आ रही हैं. मायावती के वीडियो को इस दावे के साथ शेयर किया जा रहा है कि 'हामिद अंसारी रोज दोपहर 12 बजे उठकर नमाज पढ़ने चले जाते थे, इसके बाद सदन नहीं चलता था'.
बूम ने अपनी जांच में इस वीडियो को लेकर किए जा रहे दावे को गलत पाया. दरअसल, मायावती सदन की कार्यवाही बार-बार स्थगित होने के चलते सभापति हामिद अंसारी से नाराज जरूर हुई थीं लेकिन उनका संदर्भ नमाज पढ़ने के लिए जाने से नहीं था.
ट्विटर यूजर @suryapsingh_IAS ने 42 सेकंड का वीडियो शेयर करते हुए लिखा, 'उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी रोज 12 बजे राज्यसभा स्थगित कर नमाज पढ़ने और तकरीर करने चले जाते थे। सभी सांसद उनके इंतजार में खाली बैठे रहते थे, संवैधानिक कार्य बंद रहता था। हामिद अंसारी कांग्रेस द्वारा नामित थे। मायावती ने यह मुद्दा उठाया तो अंसारी जी का जवाब सुनिए?'
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इसी तरह एक और वेरिफाइड यूजर ने ट्वीट किया, '12 बजे के बाद हामिद अंसारी नमाज पढ़ने चले जाते थे फिर आते नहीं थे. हाउस चलता नहीं था. मायावती ने जमकर झाड़ा था. हामिद अंसारी को पर कांग्रेस के दबाव के कारण किसी मीडिया ने नहीं दिखाया था.'
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इसी तरह कुछ फेसबुक यूजर ने भी इसी तरह के कैप्शन के साथ वीडियो शेयर किया. वहीं एक यूजर ने वीडियो शेयर करते हुए मायावती के विरोध में दावा किया, 'कुमारी मायावती को उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी साहब के नमाज पढ़ने से भी दिक्कत होती थी.'
मायावती को लेकर किए जा रहे गलत दावे के साथ यह वीडियो इंस्टाग्राम पर भी शेयर हो रहा है.
फैक्ट चेक
हमने मायावती और हामिद अंसारी से जुड़े कीवर्ड के साथ इस वीडियो के बारे में गूगल पर सर्च किया. वहां हमें साल 2012 जुड़ी मीडिया रिपोर्ट्स मिलीं. इससे यह पता चला कि वीडियो 12 दिसंबर 2012 को संसद के शीतकालीन सत्र का है. उस दौरान हामिद अंसारी राज्यसभा के चेयरमैन थे जबकि मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री हुआ करते थे.
एबीपी न्यूज के यूट्यूब चैनल पर मिले इस वीडियो में मायावती का बयान सुना जा सकता है, '12 बजे के बाद रोजाना सदन नहीं चल रहा है. आप हाउस के चेयरमैन हैं, आपकी जिम्मेदारी है कि 12 बजे के बाद हाउस ऑर्डर में चलना चाहिए. इसकी व्यवस्था कौन करेगा, आप रोज 12 बजे उठकर चले जाते हैं और हाउस चलता नहीं है, इसकी व्यवस्था कौन करेगा?' इस दौरान हामिद अंसारी बार-बार बीएसपी प्रमुख से बैठने का आग्रह करते सुनाई देते हैं.
मायावती यहां नहीं रुकती हैं. वह आगे कहती हैं, 'क्या 12 बजे के बाद हाउस नहीं चलता है. हाउस सबके ऑर्डर से चलना चाहिए.' इस पर हामिद अंसारी कहते हैं, 'हाउस सबके सहयोग से चलता है और चलेगा.' इसके बाद मायावती, सतीश चंद्र मिश्रा समेत तमाम राज्यसभा सांसदों के साथ अपनी जगह से उठकर वेल की तरफ बढ़ती हैं. इस दौरान बीएसपी सांसद 'दलित विरोधी सरकार नहीं चलेगी' के नारे लगाते हैं.
इसी तरह टाइम्स नाउ ने भी अपने यूट्यूब चैनल पर यह रिपोर्ट दिखाई. मायावती ने अपने पूरे विरोध के दौरान कहीं भी नमाज शब्द का जिक्र नहीं किया था. हमने मीडिया रिपोर्ट्स को बारीकी से पढ़ा तो पता चला कि उस वक्त मायावती प्रमोशन में एससी/एसटी को आरक्षण मुहैया कराने वाले एक संविधान संशोधन विधेयक के पास होने में हो रही देरी को लेकर नाराज थीं. इस बिल का समाजपार्टी पार्टी खुलकर विरोध कर रही थी.
बूम ने इस बारे में वरिष्ठ पत्रकार रशीद किदवाई से बात की जो संसद भी कवर भी कर चुके हैं. रशीद किदवाई ने वायरल वीडियो के साथ किए जा रहे दावे को गलत बताया. उन्होंने कहा, 'राज्यसभा में एक नियम है जिसका पारंपरिक रूप से पालन होता आ रहा है, वह यह कि राज्यसभा का चेयरमैन जो कि देश का उपराष्ट्रपति होता है, वह सिर्फ प्रश्नकाल (11 से 12 बजे तक) के लिए ही सदन में बैठते थे. उसके बाद की कार्यवाही को डेप्युटी चेयरमैन और वाइस चेयरमैन का पैनल देखता है. उस वीडियो में मायावती इसी संदर्भ में बात कर रही हैं कि सभापति 12 बजे सदन छोड़ देते हैं. इसके बाद पॉलिटिकल लोग आकर चेयर पर बैठ जाते हैं, ऐसे में संसद की कार्यवाही ठीक से पूरी नहीं हो पाती और स्थगित कर दी जाती है. मायावती की नाराजगी का नमाज से कोई लेना-देना नहीं था.'
नियम के अनुसार, राज्यसभा सभापति प्रश्नकाल की अध्यक्षता करते हैं जबकि शून्यकाल और उसके बाद की कार्यवाहियों की अध्यक्षता उपसभापति करते हैं. कुछ महत्वपूर्ण अवसर पर सभापति सदन में वापस आते हैं, जैसे प्रधानमंत्री की स्पीच हो या फिर किसी सेशन के खत्म होने पर सदन अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हो रहा हो.
हमने वायरल दावे पर बीएसपी के कुछ वरिष्ठ नेताओं से भी बात की. पूर्व राज्यसभा सांसद और बीएसपी नेता मुनकाद अली ने बताया, 'मायावती ने हामिद अंसारी से नाराजगी जरूर जाहिर की थी लेकिन वह नमाज के संदर्भ में नहीं था. न ही ऐसे किसी विवाद के बारे में मुझे याद है.' हमने बीएसपी के राज्यसभा सांसद सतीश चंद्र मिश्रा से भी संपर्क साधने की कोशिश की जो उस वक्त सदन में मायावती के साथ मौजूद थे लेकिन उनका जवाब नहीं मिल सका.
पीटीआई की एक रिपोर्ट में हमें यह भी प्राप्त हुआ कि इस पूरे वाकये से हामिद अंसारी आहत हुए थे. बाद में मायावती के भाषण के उस हिस्से को अंसारी ने संसद की रिकॉर्डिंग से हटा दिया था. इस वजह से मायावती के भाषण का वीडियो और ट्रांसस्क्रिप्ट हमें नहीं मिल सका.
हालांकि अगले दिन मायावती का रुख थोड़ा नरम रहा. बीएसपी मुखिया ने खेद जाहिर करते हुए कहा था कि लगातार अवरोध के चलते संसद के पिछले सत्र और मौजूदा सत्र बिल पास नहीं हो सका.उन्होंने सदन में हामिद अंसारी के सामने कहा था, 'हमें आपके ऊपर पूरा भरोसा है कि आप कोई न कोई ऐसा रास्ता निकालेंगे कि यह हाउस ठीक से चले और विधेयक पास हो जाए. मैं सरकार से भी रिक्वेस्ट करती हूं खासतौर से प्रधानमंत्री जी से कि यह विधेयक पास करने में जो लोग अड़चन डाल रहे हैं उनसे बातचीत कर रास्ता निकाले.'
पीटीआई की खबर का आर्काइव लिंक यहां देखें
एबीपी न्यूज के यूट्यूब चैनल में इसका वीडियो भी मौजूद है.
जानकारी के लिए यह भी बता दें कि संसद में दोपहर 1 से 2 के बीच लंच ब्रेक होता है लेकिन राज्यसभा में शुक्रवार को जुमे की नमाज के लिए आधे घंटे का अतिरिक्त वक्त दिया जाता था. हालांकि दिसंबर 2023 में अतिरिक्त समय वाले नियम को खत्म कर दिया गया था.
इस तरह यह साबित होता है कि मायावती के बयान को लेकर किया जा रहा दावा पूरी तरह गलत है और उसका नमाज से कोई लेना-देना नहीं है. मायावती ने बिल न पास होने के संदर्भ में यह बात कही थी.