मल्लिकार्जुन खरगे का बेरोजगारी और महंगाई पर बयान गलत दावे के साथ वायरल
मल्लिकार्जुन खरगे का बयान इस दावे के साथ शेयर हो रहा है कि वह बेरोजगारी कम होने पर मोदी सरकार की तारीफ कर रहे हैं. बूम की जांच में दावा गलत पाया गया.
लोकसभा चुनाव से पहले सोशल मीडिया पर कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे का एक वीडियो शेयर किया जा रहा है. दावा किया जा रहा है कि खरगे अपने बयान में मोदी सरकार के दौरान बेरोजगारी और महंगाई दर सबसे कम होने की बात कह रहे हैं.
बूम की जांच में पाया गया कि खरगे अपने बयान में 'कम' की जगह 'कब' बोल रहे हैं. ऐसे में उनके बयान के साथ किया जा रहा दावा गलत है.
मध्य प्रदेश बीजेपी के प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने अपने आधिकारिक एक्स अकाउंट से वीडियो शेयर करते हुए लिखा, 'मोदी है तो मुमकिन है...कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने पहले सदन में कहा कि अबकी बार भाजपा का नारा 400 पार पूरा होने जा रहा है और अब आज मध्यप्रदेश के बदनावर में खरगे जी ने राहुल गांधी की मौजूदगी में एक और सच्चाई स्वीकारी कि मोदी जी के राज में 45 वर्षों में सबसे ज्यादा बेरोजगारी और महंगाई कम हुई है.'
फैक्ट चेक
खरगे के वीडियो को लेकर किए जा रहे दावे की जांच के लिए हमने वीडियो का स्क्रीनशॉट लेकर गूगल लेंस पर सर्च किया, जहां पर न्यूज 9 लाइव का एक यूट्यूब लिंक मिला. इसमें मध्य प्रदेश के धार में कांग्रेस की 'भारत जोड़ो न्याय यात्रा' के दौरान मल्लिकार्जुन खरगे के भाषण का एक अंश मिला.
इसमें मल्लिकार्जुन खरगे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमलावर होते दिख रहे हैं. यहां से संकेत लेते हुए हमने कांग्रेस के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर यह वीडियो ढूंढा. यहां हमें 6 मार्च को धार के बदनावार में हुई जनसभा का लिंक मिला, जिसमें मल्लिकार्जुन खरगे का पूरा भाषण मौजूद है.
खरगे ने अपने भाषण में पीएम मोदी और केंद्र पर निशाना साधा. इस वीडियो में 13 मिनट पर वायरल वीडियो के हिस्से को सुना जा सकता है. इसमें मल्लिकार्जुन खरगे कहते दिख रहे हैं, 'मोदी है तो मुमकिन है, यह स्लोगन बहुत चलता है. मैं कहूंगा कि मोदी जी के ज़माने में 45 सालों में सबसे ज्यादा अगर बेरोजगारी कब हुई तो वह मोदी जी के ज़माने में हुई.'
खरगे आगे कहते हैं, 'बढ़ती महंगाई सबसे ज्यादा कब हो गई, वह मोदी जी के ज़माने में हुई. मोदी जी अमीर और गरीब में जो खाई है, वह कम नहीं कर सके. क्योंकि वह चाहते ही नहीं. वह चाहते हैं कि अमीर, अमीर हो जाए, गरीब, गरीब हो जाए. यही उनकी मंशा है.'
इस तरह स्पष्ट है कि खरगे अपने भाषण में कह रहे हैं सबसे ज्यादा बेरोजगारी 'कम' नहीं बल्कि 'कब' हुई. सोशल मीडिया पर गलत दावे से शेयर किया जा रहा है.