फैक्ट चेक: लखनऊ कोर्ट में राहुल गांधी के साथ सेल्फी लेने वाला शख्स जज नहीं है
बूम ने पाया कि सेल्फी लेते शख्स सिविल कोर्ट के वकील सैयद महमूद हसन हैं.

भारतीय सेना पर टिप्पणी के एक मामले में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी 15 जुलाई को लखनऊ के एमपी-एमएलए कोर्ट में पेश हुए. मामले पर सुनवाई के बाद उन्हें जमानत दे दी गई. इसी बीच सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल हुई जिसमें कोर्ट में उपस्थित वकील उनके साथ सेल्फी लेते नजर आ रहे हैं.
इस तस्वीर के सामने आने के बाद यूजर सेल्फी लेते वकील को जज बताने लगे. इसके साथ लोग न्यायपालिका पर सवाल उठाने लगे कि ऐसे जज से क्या उम्मीद की जा सकती जो खुद राहुल गांधी के साथ सेल्फी ले रहे हैं.
बूम ने पाया कि तस्वीर में दिख रहे शख्स जज नहीं बल्कि लखनऊ सिविल कोर्ट के वकील सैयद महमूद हसन हैं. महमूद हसन ने बूम को बताया कि वह किसी भी तरह से राहुल गांधी के केस से संबंधित नहीं हैं.
सोशल मीडिया पर क्या है वायरल
एक्स और फेसबुक जैसे माध्यमों पर यूजर तस्वीर के वकील को जज बताते हुए न्यायपालिका की निष्पक्षता पर सवाल उठा रहे हैं. एक्स पर इसी दावे से यह तस्वीर भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने भी शेयर की थी. आलोचना के बाद उन्होंने इसे डिलीट कर दिया.
वहीं कुछ कांग्रेसी यूजर ने जज को राहुल गांधी का फैन बता दिया. छत्तीसगढ़ यूथ कांग्रेस के आधिकारिक हैंडल ने भी तस्वीर को शेयर करते हुए लिखा, "जज साहब भी राहुल भैया के फैन हैं….एक सेल्फी तो बनती है."
पड़ताल में क्या मिला
जांच के दौरान हमने पाया कि तस्वीर में राहुल गांधी के साथ दिख रहे शख्स जज नहीं बल्कि वकील सैयद महमूद हसन हैं. महमूद हसन राहुल गांधी के केस से संबंधित नहीं हैं.
तस्वीर में दिख रहे शख्स वकील सैयद महमूद हसन हैं
कुछ फेसबुक और वेरिफाइड एक्स पोस्ट में शख्स की पहचान वकील सैयद महमूद हसन के रूप में की गई थी. आगे हमें महमूद हसन की फेसबुक प्रोफाइल मिली, जिनमें उन्होंने खुद को सिविल कोर्ट का वकील बताया हुआ है. उनकी प्रोफाइल पर वायरल तस्वीर के साथ किए जा रहे दावे का खंडन मौजूद है. यहां उपलब्ध तस्वीरों को देखने से पता चलता है कि वायरल तस्वीर वाले शख्स यही हैं.
पुष्टि के लिए हमने राहुल के साथ सेल्फी लेने वाले इस वकील महमूद हसन से भी बात की. उन्होंने बूम को बताया, "मैं सिविल कोर्ट लखनऊ में प्रैक्टिस करता हूं, मैं आज कोर्ट आया था तो राहुल जी का केस लगा था. तो इसी में सेल्फी क्लिक कर फेसबुक पर शेयर की गई. जहां लोगों ने अज्ञानतावश मुझे जज बोल दिया. मैं जज नहीं हूं वकील हूं.
महमूद हसन ने यह भी स्पष्ट किया कि वह किसी भी तरह से राहुल गांधी के केस से संबंधित नहीं हैं.
कांग्रेस ने भी किया दावे का खंडन
कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने भी एक्स पर इस तस्वीर का खंडन करते हुए लिखा कि ये जज नहीं वकील हैं.
इसके अलावा यूपी कांग्रेस के नेता और एडवोकेट प्रदीप सिंह ने भी बूम से वायरल दावे का खंडन करते हुए बताया, "राहुल के साथ सेल्फी लेने वाले सैयद महमूद हसन हैं जो वकील हैं. उस समय कोर्ट में वकीलों की काफी भीड़ थी. राहुल के केस की सुनवाई जज आलोक वर्मा कर रहे थे."
अमर उजाला की रिपोर्ट में भी बताया गया कि राहुल गांधी अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट आलोक वर्मा के सामने पेश हुए थे.
क्या है पूरा मामला
यह मामला साल 2022 का है, जब भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल गांधी ने भारतीय सेना को लेकर एक टिप्पणी की थी. इस बयान के बाद उनके खिलाफ मानहानि का मुकदमा दर्ज किया गया था. लगातार पांच सुनवाइयों में पेश न होने के चलते कोर्ट ने समन जारी किया. अंततः 15 जुलाई को राहुल गांधी लखनऊ की एमपी-एमएलए कोर्ट में पेश हुए, जहां उन्हें 20-20 हजार रुपये के दो निजी मुचलकों पर जमानत दे दी गई. इस मामले की अगली सुनवाई 13 अगस्त को होनी है.
शेफाली श्रीवास्तव की अतिरिक्त रिपोर्टिंग के साथ