औरंगजेब के मकबरे को लेकर नेता संजय राउत का बयान भ्रामक दावे से वायरल
बूम ने अपनी जांच में पाया कि संजय राउत ने औरंगजेब के मकबरे को मराठों और छत्रपति शिवाजी के शौर्य का प्रतीक बताया, जिन्होंने मुगल शासक के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी.



महाराष्ट्र में औरंगजेब के मकबरे पर जारी विवाद के बीच सोशल मीडिया पर शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत का एक बयान भ्रामक दावे से वायरल है. वायरल वीडियो के साथ दावा किया जा रहा कि संजय राउत ने औरंगजेब की प्रशंसा की और मकबरे को उसकी वीरता का प्रतीक बताया.
बूम ने अपनी जांच में पाया कि वीडियो के साथ लिखा गया कैप्शन भ्रामक है. साथ ही उनके आधे बयान को संदर्भ से इतर शेयर किया गया है. संजय राउत औरंगजेब के मकबरे को मराठाओं और शिवाजी के शौर्य और सफलता का प्रतीक बता रहे थे.
भारत में 17 वीं शताब्दी में राज करने वाले मुगल बादशाह औरंगजेब को लेकर पिछले कुछ वर्षों के दरम्यान महाराष्ट्र में विवाद गहराया है. कई हिंदू संगठन उनके समर्थकों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं. विवाद के मद्देनजर महाराष्ट्र सरकार ने आधिकारिक तौर पर औरंगाबाद जिले का नाम बदलकर छत्रपति संभाजीनगर कर दिया है.
पिछले दिनों रिलीज हुई फिल्म छावा में औरंगजेब द्वारा शिवाजी के पुत्र संभाजी को मृत्युदंड और यातनाओं के चित्रण से मुगल शासक के खिलाफ आक्रोश व्याप्त है. बजरंग दल के सदस्य खुल्दाबाद में स्थित औरंगजेब की कब्र को ध्वस्त करने की मांग कर रहे हैं. सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी और राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी इस मांग का समर्थन किया है.
फेसबुक यूजर ने वीडियो को शेयर करते हुए लिखा गया है, "बर्बर, आक्रांता और लुटेरे औरंगजेब का... उद्धवसेना पार्टी (UBT) नेता संजय राउत बोले - 'औरंगजेब की कब्र शौर्य का प्रतीक है, और किसी शौर्य के प्रतीक को कभी तोड़ा नहीं जाना चाहिए... ठीक वैसे ही जैसे अफ़ज़ल खान... यही हमारा आधिकारिक रुख़ है..."
एक्स पर भी एक यूजर ने वीडियो को भ्रामक दावे के साथ शेयर किया है.
फैक्ट चेक
वायरल दावे की जांच के लिए हमने पिछले सप्ताह के दौरान संजय राउत द्वारा की गई सभी प्रेस कॉन्फ्रेंस को सुना. अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में वह बार-बार दोहराते हैं, "औरंगजेब का मकबरा मराठा राजा शिवाजी की वीरता का प्रतीक है, जिन्होंने औरंगजेब को पराजित कर दिया था."
अपनी जांच में हमें संजय राउत द्वारा औरंगजेब की प्रशंसा में दिया गया कोई बयान नहीं मिला.
सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो 17 मार्च 2025 की प्रेस कॉन्फ्रेंस का है. यह पूरी प्रेस कॉन्फ्रेंस एबीपी माझा के यूट्यूब चैनल पर देखी जा सकती है.
प्रेस कांफ्रेंस में 08:17 मिनट की अवधि पर रिपोर्टर ने राउत से औरंगजेब की कब्र को हटाए जाने की मांग के बारे में सवाल किया है. वह इसका जवाब मराठी में देते हैं. जिसका हिंदी अनुवाद है, "भारत और महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ सरकार कौन है? क्या यह केवल उनका अधिकार है? मोदी और फडणवीस हिंसक हिंदुत्व की विचारधारा से हैं. उन्हें मकबरे को ध्वस्त करने से किसने रोका है? तब उनके प्रशासन को ऐसा करना चाहिए (कब्र को ध्वस्त करना), आप लोगों को क्यों परेशान कर रहे हैं, आरएसएस से सीधे मांग करने के लिए कहें, बजरंग दल और वीएचपी भी तो उसी से जुड़े संगठन है."
इसके बाद वे शिवसेना (यूबीटी) द्वारा संचालित मराठी अखबार सामना में प्रकाशित अपने संपादकीय का हवाला देते हैं, "आपको सामना में आज का संपादकीय पढ़ना चाहिए... छत्रपति शिवाजी महाराज ने देश को ऐसी वीरता दिखाई... औरंगजेब का मकबरा भी उसकी गवाही देता है. महाराष्ट्र पर हमला करने से पहले, हम उन्हें औरंगज़ेब की कब्र पर जाने और यह देखने के लिए कहते हैं कि उसके साथ क्या हुआ था. जो लोग इतिहास से अनजान हैं, वे यह सब (मकबरे को ध्वस्त करने का आह्वान) करते हैं..."
इसके बाद वह शिवाजी द्वारा अफजल खान को पराजित करने के बारे में बात करते हैं. आदिल खान 1600 के दशक में बीजापुर सल्तनत के आदिल शाही वंश का सेनापति था.
वीडियो में 11:13 मिनट पर राउत इसी सवाल का हिंदी में भी जवाब देते हुए कहते हैं, "शिवाजी महाराज की लड़ाई औरंगजेब और मुगलों से हुई... महाराष्ट्र में औरंगजेब की कब्र जरूर है, मैं मानता हूं कि यह मराठों के शौर्य का स्मारक है, आने वाली पीढ़ियों को पता चलना चाहिए कि कैसे शिवाजी महाराज और मराठा उनसे लड़ते रहे, वे आक्रमणकारी महाराष्ट्र के ऊपर, शिवाजी के ऊपर, मराठाओं के ऊपर विजय प्राप्त नहीं कर पाए आखिरकार उनकी कब्र महाराष्ट्र में बनानी पड़ी. "
13:30 मिनट की अवधि पर वीडियो में संजय राउत के जवाब का वह हिस्सा भी सुना जा सकता है जिसे संदर्भ से काटकर सोशल मीडिया पर भ्रामक दावे से शेयर किया जा रहा है.
इस संबंध में टाइम्स ऑफ इंडिया, जी न्यूज और एनडीटीवी समेत कई मीडिया आउटलेट ने रिपोर्ट प्रकाशित की हैं. इनमें साफ तौर पर बताया गया कि राउत ने मकबरे को मराठा बहादुरी का प्रतीक बताया है. हमें किसी भी मीडिया रिपोर्ट में राउत द्वारा औरंगजेब का समर्थन या प्रशंसा करने संबंधी कोई बयान नहीं मिला.