केरल में धार्मिक अनुष्ठान का पुराना वीडियो भ्रामक दावे से वायरल
बूम ने पाया कि वायरल वीडियो में केरल में होने वाले एक धार्मिक अनुष्ठान तेय्यम को दिखाया गया है. वीडियो केरल के कासरगोड जिले का 2022 का है.
सोशल मीडिया पर धार्मिक अनुष्ठान का एक वीडियो वायरल है. वीडियो में लोग अल्लाह हु अकबर के साथ अजान करते हुए नजर आ रहे हैं. सोशल मीडिया यूजर्स दावा कर रहे हैं कि केरल में हिंदू धार्मिक स्थलों पर इस्लामिक प्रार्थना की जा रही है.
बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल वीडियो केरल में होने वाले एक सामाजिक सद्भाव पर आधारित धार्मिक अनुष्ठान तेय्यम से संबंधित है. यह 2022 की क्लिप है.
एक्स पर एक यूजर ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा, 'केरल सरकार ने मन्दिरों में मुस्लिम और क्रिश्चियन पुजारी नियुक्त कर दिए, अब हालात ये हैं कि हनुमान जी के प्रतिरूप को शराब पिलाई जा रही है मांस परोसा जा रहा है और अल्लाह हु अकबर का उद्घोष हो रहा है.'
यूजर ने आगे लिखा, 'ये अधर्मी कुकर्मी लोग ऐसा करके हिंदुओं को चिड़ा ही नहीं रहे बल्कि ये आने वाली पीढ़ियों को भ्रष्ट भी कर रहे हैं, जो व्यक्ति हिन्दू हो कर भी इन कुकर्मियों को सपोर्ट करने वाली राजनीतिक पार्टियों को सपोर्ट करते हैं उन्हें धिक्कार है थू है उन हिन्दुओं पर जो कांग्रेस जैसी सनातन हिन्दू द्रोही पार्टी को वोट देता है. कब जागोगे निर्लज्जो.'
फेसबुक (आर्काइव लिंक) पर भी इसी दावे के साथ यह वीडियो वायरल है.
फैक्ट चेक : वीडियो अनुष्ठानिक नृत्य कला तेय्यम के प्रदर्शन का है
केरल के मंदिरों से जोड़कर हिंदू धार्मिक स्थलों पर इस्लामिक प्रार्थना करने का दावा गलत है. वीडियो में केरल में होने वाले एक धार्मिक अनुष्ठान तेय्यम को दिखाया गया है.
बूम ने दावे की पड़ताल के लिए वायरल वीडियो एक कीफ्रेम को गूगल पर रिवर्स इमेज सर्च किया. हमें केरल न्यूज आउटलेट MediaoneTV Live के यूट्यूब चैनल पर 23 दिसंबर 2022 को शेयर किया एक वीडियो मिला. वीडियो के शीर्षक औैर विवरण में इसे केरल के कासरगोड में आयोजित तेय्यम का वीडियो बताया गया.
तेय्यम केरल और कर्नाटक के कुछ हिस्सों में आयोजित होने वाली एक लोकप्रिय अनुष्ठानिक कला है, जिसमें नृत्य, स्वांग, और संगीत शामिल हैं. इसमें कलाकार देवता के प्रतिनिधि के रूप में नृत्य करते हैं. इस कला का प्रदर्शन दिसंबर में शुरू होता है और अप्रैल तक विभिन्न मंदिरों और तीर्थस्थलों पर चलता है.
गूगल पर संबधित कीवर्ड से सर्च करने पर इसके बारे में कई मीडिया रिपोर्ट मिलीं. इंडियन एक्सप्रेस की 16 जनवरी 2023 की रिपोर्ट में बताया गया कि तेय्यम उत्तरी केरल और कर्नाटक के कुछ हिस्सों में किया जाने वाला एक हिंदू अनुष्ठानिक नृत्य है. तेय्यम का प्रदर्शन एक इस्लामिक प्रार्थना के साथ शुरू होता है. अधिकांश तेय्यम प्रदर्शन हिंदू और आदिवासी दंतकथाओं को दर्शाते हैं, कुछ क्षेत्रों में नृत्य रूप में मुस्लिम पात्र भी शामिल हैं.
टाइम्स नाउ न्यूज की रिपोर्ट में भी बताया गया कि उत्तरी केरल और कर्नाटक के कुछ हिस्सों में प्रचलित हिंदू अनुष्ठानिक नृत्य तेय्यम को कलियट्टा या तिरा के रूप में भी जाना जाता है. तेय्यम सीजन मलयालम महीने तुलम के दसवें दिन से शुरू होता है और सात महीने तक चलता है. तेय्यम प्रदर्शन इस्लामिक प्रार्थना से शुरू होता है.
थेय्यम कलंतन और चामुंडी की कथा पर आधारित है. इसके अनुसार, पुलिंगोम मस्जिद के एक इमाम कलंतन, कल्लड़ा नदी में मछली पकड़ रहे थे, तब उन्हें नदी से एक तेज प्रकाश की चकाचौंध दिखाई दी. वह तैरकर नदी के पार चले गए और जब उन्होंने उसे खोजने की कोशिश की, तो उन्होंने पाया कि रोशनी अब फिर से विपरीत दिशा में थी. वह तैरकर फिर उस किनारे जाने लगे तभी एक दिव्य शक्ति ने उन्हें नदी में खींच लिया, जिसे ज्यादातर लोग चामुंडी मानते थे. माना जाता है कि चामुंडी ने ही बाद में यह प्रचार किया था कि कलंतन परमात्मा में विलीन हो गए हैं, इसलिए उन दोनों की एक साथ पूजा की जानी चाहिए.
इस कथा को नृत्य के रूप में प्रस्तुत करने के कारण ही तेय्यम हिंदू-मुस्लिम एकता दर्शाने के लिए प्रसिद्ध है.
अन्य मलयाली न्यूज आउटलेट पर भी इस अनुष्ठान की वीडियो रिपोर्ट को देखा जा सकता है.