MP Election : कमलनाथ का पुराना वीडियो एडिट कर झूठे दावे के साथ वायरल
बूम ने पाया कि वायरल वीडियो एडिटेड है, इसके साथ किया जा रहा दावा झूठा है. वीडियो में कमलनाथ की असली आवाज़ को हटाकर अलग से एक फ़र्ज़ी आवाज जोड़ी गई है.
सोशल मीडिया पर मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता कमलनाथ का कुछ लोगों को सम्बोधित करते हुए एक वीडियो वायरल हो रहा है.
वीडियो में कमलनाथ कुछ लोगों से कहते हुए सुनाई पड़ रहे हैं "काँग्रेस चाहती है आप मुस्लिम भाई हमारा साथ दें ताकि आगे चलकर हम आपके पक्ष में फैसले लें. मैं आपको आश्वासन देता हूँ साथ बना के रखिए. आपको अपनी मस्जिद वाली जगह भी दिलवा देंगे और 370 भी देखा जाएगा. देखो मैं हर बात खुलकर नहीं बोल सकता बस इतना समझ लो."
वीडियो को सोशल मीडिया यूज़र्स इस दावे के साथ शेयर कर रहे हैं कि कमलनाथ मुस्लिम समाज के लोगों के साथ गुप्त बैठक कर मस्जिद की जमीन वापस दिलवाने और आर्टिकल 370 हटवाने की बात कह रहे हैं.
बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल वीडियो एडिटेड है, इसके साथ किया जा रहा दावा झूठा है. वीडियो में कमलनाथ की असली आवाज़ को हटाकर अलग से एक फ़र्ज़ी आवाज जोड़ी गई है.
ग़ौरतलब है कि इस महीने मध्य प्रदेश सहित पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. मध्य प्रदेश में मतदान 17 नवंबर को होगा और नतीजे 3 दिसंबर को घोषित किए जाएंगे. चुनाव में मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए अनेक भ्रामक और झूठे वीडियो-तस्वीरें शेयर की जा रही हैं. इसी संदर्भ में यह वीडियो वायरल हो रहा है.
दिल्ली के पूर्व मेयर बिपिन बिहारी सिंह ने X (पूर्व में ट्विटर) पर वीडियो शेयर करते हुए लिखा, "विशेष समुदाय के साथ गुप्त बैठक में कमलनाथ... "मस्जिद वाली जमीन भी आपको दिलवा देंगे" और "धारा 370 पर भी सोचा जाएगा" "कांग्रेस" को वोट देना मतलब अपनी आने वाली पीढ़ियों को बर्बाद करना..."
एक फे़सबुक यूज़र ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा, "आक थू कांग्रेसियों तुम पर ...!!! हिंदू हो की अब्दुल की औलाद,,,!!!,,,??? मुस्लिमो के साथ गुप्त बैठक में कमलनाथ :- कह रहा है ... मस्जिद वाली जमीन भी आपको दिलवा देंगे और धारा 370 पर भी सोचा जाएगा. ये बाते बाहर नही जानी चाहिए.. हिन्दुओ इस नीच कांग्रेस को वोट देना मतलब अपनी आने वाली पीढ़ियों को बर्बाद करना थू थू थू थू थू कांग्रेसीयो नीचता देखो... ❗
बूम को यह वीडियो फैक्ट चेक करने के अनुरोध के साथ टिपलाइन पर भी प्राप्त हुआ.
फै़क्ट चेक
बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल वीडियो एडिटेड है, इसके साथ किया जा रहा दावा झूठा है. वीडियो में कमलनाथ की असली आवाज़ को हटाकर अलग से एक फ़र्ज़ी आवाज जोड़ी गई है.
बूम ने वायरल दावे की पड़ताल के लिए सबसे पहले वायरल वीडियो के कीफ्रेम से रिवर्स इमेज सर्च किया. हमें लोकमत हिंदी के यूट्यब चैनल पर 14 नवम्बर 2018 को अपलोड किया गया, वायरल वीडियो से मिलता जुलता एक वीडियो मिला.
इस वीडियो में कमलनाथ कहते हैं "उनका एक ही नारा है, अगर हिंदू को वोट देना है तो हिंदू शेर मोदी को वोट दो अगर मुसलमान को वोट देना है कांग्रेस को वोट दो. केवल दो लाइन, और कोई पाठ पढ़ाने नहीं जाते. ये इनकी रणनीति है और इसमें आप सबको बड़ा सतर्क रहना पड़ेगा. आपको उलझाने की कोशिश करेंगे. हम निपट लेंगे इनसे बाद में, पर मतदान के दिन तक आपको सब कुछ सहना पड़ेगा.''
हमने वायरल वीडियो और लोकमत हिंदी यूट्यूब चैनल पर शेयर की गए वीडियो की तुलना की.
हमें दैनिक जागरण की न्यूज़ वेबसाइट पर 14 नवम्बर 2018 को प्रकाशित एक न्यूज़ रिपोर्ट मिली, जिसमें इस वायरल वीडियो को एम्बेडेड किया गया है. रिपोर्ट में इसी वायरल वीडियो के बारे में बताया गया कि कमलनाथ को मुस्लिम समुदाय के साथ एक मीटिंग लेते दिखाया गया है. इसमें वे कह रहे हैं कि आरएसएस केवल दो लाइन का संदेश देती है जिसमें हिंदू को वोट देने लिए मोदी को वोट देने का कहती है और मुस्लिम को वोट देना है तो कांग्रेस को वोट दो. मतदान के दिन तक सतर्क रहें. चुनाव के बाद हम निपट लेंगे.
वायरल वीडियो में कमलनाथ मस्जिद की जमीन वापस दिलवाने और आर्टिकल 370 हटवाने की बात कहते दिखाई दे रहे हैं, जबकि मूल वीडियो में वह काग्रेस को वोट देने की अपील करते हुए नज़र आ रहे हैं. इसके अतिरिक्त, वायरल वीडियो में इस्तेमाल की गई आवाज काफ़ी साफ़ है, जैसे वह अलग से रिकॉर्ड कर इसमें जोड़ी गयी है. इससे ये स्पष्ट होता है कि वायरल वीडियो में कमलनाथ की फ़र्ज़ी आवाज अलग से जोड़ी गई है.
इसके अलावा हमने वायरल वीडियो में कमलनाथ के वक्तव्य को ट्रांसक्राइब कर गूगल पर भी सर्च किया लेकिन हमें इस सम्बन्ध में कोई न्यूज़ रिपोर्ट अथवा वीडियो नहीं मिला, जिसमें कमलनाथ के इस तरह के किसी बयान का उल्लेख किया गया हो.
कमलनाथ के इस वीडियो को पहले भी इस भ्रामक दावे के साथ वायरल किया गया था कि "कमलनाथ हिन्दुओं और आरएसएस को निपटाने की बात कर रहे हैं". तब बूम ने कमलनाथ से जुड़े इस दावे का फ़ैक्ट चैक किया था. अभी वायरल वीडियो में मूल वीडियो से कमलनाथ की असली आवाज़ को हटाकर अलग से एक फ़र्ज़ी आवाज जोड़ी गयी है.
बूम इससे पहले भी इसी तरह का मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ का फ़र्ज़ी एडिटेड वीडियो को फ़ैक्ट चेक कर चुका है, जिसमें फ़र्ज़ी ऑडियो लगाकर झूठे दावे किए गए.