ज्योतिरादित्य सिंधिया का पुराना वीडियो हालिया बजरंग दल विवाद से जोड़कर वायरल
बूम ने अपनी जांच पाया वायरल वीडियो फ़रवरी 2017 का है. ज्योतिरादित्य सिंधिया उस वक्त कांग्रेस के सदस्य थे.
सोशल मीडिया पर केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें वह बजरंग दल का सम्बन्ध पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई और आतंकियों से बताते हुए नज़र आ रहे हैं. वीडियो में ज्योतिरादित्य सिंधिया बजरंग दल के बलराम नाम के एक सदस्य पर आईएसआई से फंडिंग लेने का आरोप भी लगाते हैं.
दरअसल कांग्रेस ने हाल ही में कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए अपने घोषणापत्र में बजरंग दल को बैन करने का वादा किया है. इसके बाद बीजेपी ने आक्रामक रूप में कांग्रेस पर हिन्दुओं का अपमान करने का आरोप लगाया. पीएम मोदी ने इसे बजरंग बली का अपमान बताया है. इसी सन्दर्भ में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का वीडियो हाल का समझकर शेयर किया जा रहा है.
बूम ने पाया वायरल वीडियो 2017 का है, उस वक्त ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस के सदस्य थे.
पीएम मोदी के चाय पीने का यह वीडियो हालिया कर्नाटक चुनाव के दौरान का नहीं है
फ़ेसबुक पर एक यूज़र ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा, "बजरंग दल के लोग देश में नफरत फैलाने, हिंसा का वातावरण बनाने, देश की गुप्त जानकारियां दुश्मन देशों के साथ साझा करने में लिप्त पाए जाते रहे है क्या देश की आत्मा पर चोट करने वाले ऐसे संगठन को पूरे देश में बैन नही किया जाना चाहिए ? भाजपा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया भी कुछ यही कह रहे है."
इस वीडियो को इसी तरह के दावे के साथ अन्य यूज़र्स ने भी शेयर किया है, जिसे यहां देखा जा सकता है.
फ़ैक्ट चेक
बूम ने सबसे पहले वायरल वीडियो से स्क्रीनग्रैब निकालकर गूगल रिवर्स इमेज सर्च किया तो एक ट्वीट मिला जिसमें इस वीडियो को 2017 का बताते हुए लिखा, MP एटीएस ने 2019 में सतना बजरंग दल अध्यक्ष बलराम सिंह सहित 5 कार्यकर्ताओं को पकिस्तान से मिल रही कथित टेरर फंडिंग के आरोप में पकड़ा था. जिन्हें बाद में बरी कर दिया गया.
इसकी मदद से पड़ताल करने पर कांग्रेस के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर 17 फरवरी 2017 को अपलोडेड मिला. वीडियो के 8 मिनट 40 सेकंड के टाइम स्टाम्प पर वायरल हिस्सा देख सकते हैं. यह वीडियो कांग्रेस मुख्यालय में हुई प्रेस ब्रीफिंग का है. इसमें ज्योतिरादित्य सिंधिया मध्यप्रदेश में आईएसआई को जानकारी देने के आरोप में एटीएस द्वारा पकड़े गए बजरंग दल के सदस्य के बारे में बोल रहे थे.
आगे और सर्च करने पर इसी मुद्दे पर अमर उजाला की 18 फरवरी 2017 की रिपोर्ट मिली. रिपोर्ट में ज्योतिरादित्य सिंधिया के हवाले से लिखा गया है, " पिछले दिनों मध्यप्रदेश में एटीएस ने आईएसआई नेटवर्क का खुलासा किया है. एटीएस ने 11 लोगों को जासूसी के आरोप में अत्याधुनिक तकनीक से लैस दूरसंचार उपकरणों के साथ पकड़ा है. ये सेना और देश से जुड़ी अन्य सूचनाएं, मूवमेंट, फोटो आदि पाकिस्तान खुफिया एजेंसी को मुहैया कराते थे."
रिपोर्ट में आगे लिखा था, "इसमें सबसे बड़ा खुलासा इस बात का हुआ है कि जो लोग पकड़े गए हैं उनका संबंध भाजपा, बजरंग दल और विहिप से है. मध्यप्रदेश मुख्यमंत्री शिवराज पाटिल और भाजपा नेता विजय वर्गीय के साथ चित्रों में आरोपी साथ खड़े हैं. 11 में तीन शख्स सीधे तौर पर भाजपा से जुड़े हैं. बजरंग दल से ताल्लुक रखने वाला बलराम सिंह इस नेटवर्क का मास्टरमाइंड था और आईएसआई से विदेशी मुद्रा इसी के माध्यम से आती थी. इसने बजरंग दल के अन्य सदस्यों के नाम पर भी बैंक खाते खोल रखे थे."
2020 की घटना हालिया छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में हुए नक्सली हमले से जोड़कर वायरल