पश्चिम बंगाल में पुलिस पर हमले के दावे से वायरल तस्वीर जोधपुर की है
बूम ने पाया कि वायरल तस्वीर राजस्थान के जोधपुर की मई 2016 की है. अतिक्रमण पर की गई कार्रवाई से नाराज ठेला चालक धमेंद्र माली ने हेड कॉन्स्टेबल शोभाराम पर हमला कर दिया था.



पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में सांप्रदायिक तनाव के बीच सोशल मीडिया पर पुलिसकर्मी का मुंह दबोचते हुए एक शख्स की तस्वीर गलत सांप्रदायिक दावे से वायरल है.
बूम ने अपनी जांच में पाया कि यह तस्वीर राजस्थान के जोधपुर की मई 2016 की तस्वीर है. पुलिस ने जोधपुर के घंटाघर क्षेत्र में अतिक्रमण पर कार्रवाई की थी, इसी से नाराज ठेला चालक धमेंद्र माली ने हेड कॉन्स्टेबल शोभाराम पर हमला कर दिया था.
एक्स पर एक यूजर ने इस तस्वीर को शेयर करते हुए लिखा, 'लिल्लाह, इतना भाई-चारा. अब्दुल बंगाल पुलिस जबड़े का नाप ले रहा है...इलाज करने के लिए.'
फेसबुक पर एक यूजर ने शख्स को बांग्लादेश का बताते हुए तस्वीर के साथ कैप्शन में लिखा, 'बंगाल पुलिस के अधिकारी के जबड़े का परीक्षण करता एक बांग्लादेश दंत चिकित्सक, ममता बनर्जी के सरकार के कल-पुर्जों को दुरुस्त करते क्रांतिकारी हर जगह मिल सकते हैं.'
फैक्ट चेक
बूम ने दावे की पड़ताल के वायरल तस्वीर को गूगल लेंस सर्च किया तो पाया कि यह जोधपुर की 2016 की तस्वीर है.
रिवर्स इमेज सर्च से हमें राजस्थान पत्रिका न्यूज आउटलेट के फेसबुक पेज जोधुपर पत्रिका पर 28 मई 2016 को शेयर की गई यह तस्वीर मिली. इस तस्वीर के साथ कैप्शन में लिखा गया, ‘ठेले हटाए तो तोड़ी हदें, हेड कॉन्स्टेबल से बदतमीजी, मना किया तो पकड़ा मुंह’.
संबंधित कीवर्ड से सर्च करने दैनिक भास्कर पर हमें इस घटना की न्यूज रिपोर्ट मिली. रिपोर्ट के अनुसार, जोधपुर के घंटाघर क्षेत्र को नगर निगम ने 'नो ठेला जोन' घोषित किया था हालांकि फिर भी वहां कुछ ठेले मौजूद थे. इसके चलते बिगड़ती ट्रैफिक व्यवस्था को सुधारने के लिए ट्रैफिक हेड कॉन्स्टेबल शोभाराम अपने दो सहयोगियों के साथ मौके पर ठेले हटाने का प्रयास कर रहे थे.
इस कार्रवाई से आक्रोशित ठेला चालकों ने शोर मचाकर भीड़ इकट्ठा कर ली और पुलिस से उलझने लगे. इसी दौरान ठेला चालकों और पुलिस के बीच विवाद हो गया. विवाद इतना बढ़ा कि एक ठेला चालक ने हेड कॉन्स्टेबल शोभाराम का मुंह पकड़ लिया.
घटना के बाद आरोपी ठेला चालक धमेंद्र माली के खिलाफ मालमा दर्ज किया गया. भास्कर की एक अन्य रिपोर्ट में सदर कोतवाली थाना अधिकारी प्रदीप सिंह के हवाले से बताया गया, "ट्रैफिक हेड कॉन्स्टेबल शोभाराम की रिपोर्ट पर ठेला चालक धमेंद्र माली के खिलाफ मारपीट और राजकार्य में बाधा पहुंचाने का मामला दर्ज किया गया है. वहीं आरोपी की तलाश में उसके घर-परिजनों के यहां दबिश दी गई."
पीड़ित पुलिसकर्मी शोभाराम ने दावे का खंडन किया था
यह तस्वीर 2022 में भी सांप्रदायिक दावे से वायरल हुई थी और बूम ने इसका फैक्ट चेक किया था. तब बूम ने पीड़ित पुलिसकर्मी शोभाराम से बात की थी जो उस समय जोधपुर पुलिस में एएसआई के रूप में कार्यरत थे.
शोभाराम ने वायरल सांप्रदायिक दावे का खंडन करते हुए बूम को बताया था, "यह घटना 2016 की है, जब जोधपुर के क्लॉक टावर के पास कुछ फेरीवालों ने अवैध रूप से अतिक्रमण किया था. मैंने उन्हें वहां से हटने का निर्देश दिया था, लेकिन एक फेरीवाले ने मुझ पर हमला कर दिया. बाद में उस व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया गया था. वह व्यक्ति हिंदू है, मुस्लिम नहीं है.”