J&K: 'भारत माता की जय' बोलने पर विधानसभा से BJP विधायकों को नहीं किया बाहर
बूम ने पाया कि आर्टिकल 370 की बहाली के प्रस्ताव के विरोध में सदन में हंगामा करने के चलते बीजेपी विधायकों को स्पीकर के आदेश पर बाहर किया गया था.
जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल 370 का मामला एकबार फिर चर्चा में है. असल में जम्मू-कश्मीर विधानसभा में अनुच्छेद 370 और 35-A की बहाली को लेकर प्रस्ताव पारित किया गया. इसके बाद मुख्य विपक्षी दल बीजेपी ने इसका जमकर विरोध किया. नौबत यहां तक आ गई कि हंगामे की वजह से स्पीकर के आदेश पर सदन के पांचवें और आखिरी दिन हंगामा करने वाले विधायकों को बाहर कर दिया गया.
इस घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. इसके साथ दक्षिणपंथी यूजर्स दावा कर रहे हैं कि सदन में 'भारत माता की जय' बोलने की वजह से विधायकों को बाहर निकाल दिया गया. बूम ने पाया कि कि बीजेपी विधायकों को सदन में हंगामा करने की वजह से बाहर किया गया था.
गौरतलब है कि आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद इसी साल अक्टूबर में जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव हुए. इसमें नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस गठबंधन ने 48 सीटें हासिल कर सरकार बनाई और उमर अब्दुल्ला मुख्यमंत्री चुने गए.
इस 43 सेकंड के वायरल वीडियो में दो क्लिप हैं. पहली क्लिप में एक विधायक 'भारत माता की जय' नारा लगाते देखे जा सकते हैं. इसके बाद तुरंत अगली क्लिप में मार्शल विधायकों को बाहर करते नजर आ रहे हैं.
फेसबुक पर इस वीडियो को शेयर करते हुए एक यूजर ने लिखा, 'जम्मू-कश्मीर विधान सभा में भारत माता की जय बोलने के बाद निम्नलिखित दृश्य को विस्फारित आँखों से देखें, सिर खुजाओ भाइयों, ये है हमारे ही देश में हिंदुओं की हालत... आगे क्या? सेक्युलर विशेष रूप से ध्यान दें. अगर ऐसे हर मंत्रिमंडल में उनकी (मुस्लिम बहुसंख्यक) संख्या बढ़ जाए तो क्या होगा.'
पोस्ट का आर्काइव लिंक.
एक्स पर भी एक वेरिफाइड यूजर ने वीडियो के साथ यही दावा किया कि भारत माता की जय नारा लगाने पर विधायकों के ऊपर ये कार्रवाई की गई.
पोस्ट का आर्काइव लिंक.
फैक्ट चेक
बूम ने अपनी पड़ताल के दौरान पाया कि मारत माता की जय नारा लगाने की वजह से जम्मू-कश्मीर विधानसभा से विधायकों को बाहर नहीं किया गया था. दरअसल आर्टिकल 370 के बहाली प्रस्ताव का विरोध करने के क्रम बीजेपी विधायक नारेबाजी करते हुए वेल में कूद आए थे, जिसके बाद स्पीकर ने उन्हें बाहर निकालने का आदेश दिया था.
भारत माता की जय बोलने पर विधायकों को नहीं किया गया बाहर
घटना से संबंधित कीवर्ड्स सर्च करने पर हमें कई मीडिया रिपोर्ट मिलीं. 8 नवंबर की आजतक की वीडियो रिपोर्ट में घटना की विस्तृत रिपोर्टिंग की गई थी. इसके मुताबिक, बीजेपी के विधायकों ने अनुच्छेद 370 की बहाली वाले प्रस्ताव के खिलाफ सदन में जमकर नारेबाजी की. इसी क्रम में बीजेपी, नेशनल कांफ्रेस, पीडीपी और अवामी इत्तेहाद पार्टी के विधायक आपस में भिड़ गए. इसके बाद स्पीकर ने मार्शलों को इन विधायकों को बाहर करने का आदेश दिया.
आर्टिकल 370 की बहाली प्रस्ताव का कर रहे थे विरोध
असल में सदन के पहले दिन यानी 4 नवंबर से ही अनुच्छेद 370 की बहाली से संबंधित प्रस्ताव के चलते मामला गरमाया हुआ था. सत्र के दूसरे दिन नेशनल कांफ्रेंस की ओर से पेश किए गए बहाली प्रस्ताव को पास कर दिया गया.
सत्र के चौथे दिन अवामी इत्तेहाद पार्टी के विधायक और बारामुला से सांसद इंजीनियर रशीद के भाई खुर्शीद अहमद शेख ने सदन में आर्टिकल 370 और 35-A की बहाली और राजनीतिक कैदियों की रिहाई से संबंधित एक पोस्टर लहराया, जिसपर बीजेपी विधायकों ने जमकर हंगामा किया, यहां तक कि विधायक हाथापाई पर उतर आए.
सत्र के पांचवें और अंतिम दिन भी यह मामला खिंचता रहा. पहले खुर्शीद अहमद ने 370 की बहाली से जुड़ा पोस्टर फिर लहराने की कोशिश की. इस हंगामे की वजह मार्शल ने उन्हें सदन से बाहर कर दिया.
इसी बीच बीजेपी के विधायक कूदकर वेल में चले गए और नारेबाजी करने लगे. तब स्पीकर ने 12 बीजेपी विधायकों को बाहर करने का आदेश दिया. इसके बाद बाकी बचे विधायकों ने भी सदन से वॉकआउट कर दिया और विधानसभा के बाहर प्रोटेस्ट करने लगे.
हमने वायरल दावे और घटनाक्रम को समझने के लिए सदन का लाइव वीडियो भी देखा. मनीकंट्रोल के तीन घंटे सैंतालीस मिनट के इस वीडियो में 33 मिनट से 38 मिनट के बीच यह पूरा प्रकरण देखा जा सकता है.
एक तरफ एक विधायक अपनी बात रख रहे हैं, उधर दूसरी तरफ बीजेपी के विधायक लगातार नारेबाजी कर रहे हैं. 33:33 पर वायरल वीडियो वाला वह हिस्सा आता है, जहां विधायक भारत माता की जय क नारा लगाते हैं. इसके बाद तीन मिनट तक कई विधायक लगातार नारेबाजी करते रहते हैं. फिर 37:35 पर विधायक बेंच से कूदकर जबरन वेल में घुसने लगते हैं, जिसके बाद स्पीकर उन्हें हटाने का आदेश देते हैं.
बता दें कि आर्टिकल 370 जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा प्रदान करती थी, जिसे भाजपा शासित केंद्र सरकार ने अगस्त 2019 में निरस्त कर दिया.