जलगांव रेप मर्डर केस: घायल पुलिसकर्मियों का वीडियो गलत सांप्रदायिक दावे से वायरल
बूम को जलगांव पुलिस ने बताया कि आरोपी और पीड़िता दोनों एक ही जाति और समुदाय से हैं. घटना का आरोपी व्यक्ति मुस्लिम समुदाय से नहीं है.
सोशल मीडिया पर थाने के अंदर घायल पुलिसकर्मियों का एक विचलित करने वाला वीडियो वायरल है. एक पुलिसकर्मी के शरीर से काफी खून बहता दिख रहा है. वीडियो को लेकर यूजर्स दावा कर रहे हैं कि महाराष्ट्र के जलगांव रेप-मर्डर केस के आरोपी का नाम हाफिज बेग है जिसने पुलिसकर्मियों के साथ बेरहमी से मारपीट की है.
बूम ने अपनी जांच में पाया कि दोनों दावे झूठे हैं. घटना का आरोपी सुभाष इमाजी भील है जिसे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. बूम को जलगांव कलेक्टर ऑफिस ने बताया कि आरोपी और पीड़िता दोनों एक ही जाति और समुदाय से हैं. आरोपी मुस्लिम समुदाय से नहीं है. वहीं घटना से गुस्साई भीड़ ने पुलिस पर हमला किया.
दरअसल घटना को लेकर आसपास के लोगों में आक्रोश था और वह पुलिस से आरोपी को उन्हें सौंपने के लिए कह रहे थे. इसीलिए गुस्साई भीड़ ने थाने घेरने की कोशिश की, जिससे कई पुलिसकर्मी घायल हो गए.
एक एक्स यूजर ने लिखा, 'हाफिज बेग जलगांव महाराष्ट्र का रहने वाला है 6 साल की बच्ची का रेप किया उसको पकड़ने गई पुलिस वालों की हालत देख लो और हां ये अभी 2024 है पांच साल रुको हिंदुओं.'
फेसबुक पर भी इसी दावे के साथ यह वीडियो वायरल किया जा रहा है.
दावे की सत्यता की जांच के लिए बूम की टिपलाइन (+917700906588) पर भी हमें यह वीडियो मराठी कैप्शन के साथ प्राप्त हुआ.
फैक्ट चेक
बूम ने फैक्ट चेक के लिए वायरल दावे से संबंधित कीवर्ड्स से मीडिया रिपोर्ट्स सर्च कीं. हमें कई रिपोर्ट्स मिलीं, जिसमें इस घटना को लेकर विस्तार से बताया गया था.
एबीपी माझा (मराठी न्यूज) की 12 जून 2024 की रिपोर्ट के अनुसार, "महाराष्ट्र के जलगांव के जामनेर तालुक में छह साल की बच्ची के रेप के बाद उसकी हत्या कर दी गई. यह घटना चिंचखेड गांव में हुई है. गांव में रहने वाला एक आदिवासी परिवार जब मजदूरी के लिए बाहर गया तो आरोपी घर में मौजूद छह साल की बच्ची को बहला-फुसलाकर गांव से बाहर ले गया और बलात्कार के बाद उसकी हत्या कर दी."
आजतक ने 21 जून 2024 की रिपोर्ट में बताया गया "पुलिस ने 20 जून 2024 को जलगांव में 6 साल की एक बच्ची के साथ हुए बलात्कार उसकी हत्या के आरोपी 35 वर्षीय सुभाष इमाजी भील को गिरफ्तार कर लिया. आरोपी की गिरफ्तारी के बाद आसपास की गुस्साई भीड़ पुलिस थाने पहुंच गई और आरोपी को उनके हवाले कर देने की मांग करने लगी, जिससे वे आरोपी की जान ले सकें."
रिपोर्ट में आगे बताया गया कि "पुलिस ने आरोपी को उन्हें सौंपने से इनकार कर दिया, जिससे गुस्साई भीड़ और पुलिस में झड़प हो गई. इससे कई पुलिसकर्मी घायल हो गए."
एनडीटीवी ने अपनी रिपोर्ट में वायरल वीडियो का जिक्र करते हुए बताया कि "महाराष्ट्र के जलगांव में गुरुवार देर रात न्याय मांगने पर आमादा भीड़ ने पुलिस स्टेशन को घेर लिया, जिससे 6 पुलिसकर्मी घायल हो गए. इसी घटना का विचलित कर देने वाला एक वीडियो वायरल हो गया जिसमें एक पुलिसकर्मी को खून से सने होने और सिर पर सफेद पट्टी लगाए देखा जा सकता है."
रिपोर्ट में जिला पुलिस अधीक्षक महेश्वर रेड्डी के हवाले से लिखा गया, "पत्थरबाजी करने के आरोप में 15 लोगों को हिरासत में लिया गया है और लोगों से निवेदन है कि वे कानून को अपने हाथ में न लें. आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा मिलेगी."
अधिक स्पष्टिकरण के लिए BOOM ने जलगांव के जिला कलेक्टर आयुष प्रसाद से संपर्क किया. जलगांव कलेक्टर कार्यालय के एक अधिकारी ने बूम को बताया, "आरोपी और पीड़िता दोनों एक ही जाति और समुदाय से हैं. घटना का आरोपी मुस्लिम समुदाय से नहीं है."